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पूर्वार्थ
लोग सोंचतें होंगे कि आसमान- धरती जिसकी बाजुओं में हो । उस परिंदे की जिंदगी कितनी आसान होगी । पर गौर से देखो वजूद तो जमीन पर ही है – एक वजूद खोजने में एक परिंदे को परेशानी तमाम होगी ।। ©पूर्वार्थ #परिंदे
Ganesh Din Pal
मोहब्बत की गली में नशे की बोतल लेकर घूम रहे हो यहां तो कितने आशिक नजरों के नशे में डूब गए जो कुछ परिंदे बचे वो कहीं उड़ गए। ©Ganesh Din Pal #परिंदे
Jagseer Jassal
कितने ही परिदे मेरे घर के बाहर से गुजरते रहे, शायद! वो मेरे घर की छत को कमजोर मानते रहे। #परिंदे
Naushad Sadar Khan
घुट घुटके जी रहे हैं परेशान होके हम बदतर हैं परिंदो से इंसान होके हम ! परिंदे
परिंदे
read moreAaradhana Anand
हम प्यार करने वाले दो परिंदे है , जो जियेंगे भी साथ ओर मरेंगे भी साथ , अब बिना डरे , पडो मेरा हाथ । ©Aaradhana Anand परिंदे
परिंदे #Quotes
read morevimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=qDr1CB9JbHPrEa6o
परिंदें उड़ नहीं सकते तुम्हारी मर्जी से आसमां में कहीं ऊँची उड़ान लेकर कहीं नीचा स्वछंद आसमां हैं।। विमल सागर उत्तर प्रदेश ©Vimlesh Gautam #परिंदे
Parasram Arora
हम सब. उस खुदा क़े प्यारे परिंदे हैँ जो हमें उड़ने विचरने क़े लिए. पूरा आसमान हमारे हवाले कर देता है हम भी ज़ब भरपूर उड़ाने भरते भरते थक कर चूर हो जाते हैँ. तो लौट कर उसी क़ि धरती पर गिर कर विश्राम और निर्वाण प्राप्त कर लेते हैँ ©Parasram Arora परिंदे.......
परिंदे.......
read morePuneet Kashyap(PK)
जो उड गये परिंदे उनका क्या अफसोस करे, यहां तो पाले हुए भी गैरों की छतों पर उतरते हैं…!!! pk #परिंदे
writer shashi dwivedi
Peace quotes इन परिंदों का कोई मजहब नही कभी मन्दिर में ,कभी मस्ज़िद में । कभी सिक्खों के गुरुद्वारा में कभी आँगन में ,कभी चौबारा में इंसानों की तरह ये बेरहम नही शुक्र है ,इन परिंदों का कोई मजहब नही ।। इंसानों की बस्ती में भेदभाव छा रहा। एक दुजें के दुखों में जशन मना रहा आज़ाद उड़ते हैं ,ये परिंदे इनको किसी से जलन नही शुक्र है, इन परिंदों का कोई मजहब नही ।। इंसानी दुनिया से दूर है इनकी ज़िंदगी । न कोई हिन्दू -मुस्लिम ,न सिक्ख इसाई इनकी ज़िंदगी मे है सादगी न चिंता ,न सोच किसी चीज़ की फिकर नही शुक्र है, इन परिंदों का कोई मजहब नही ।। -Shashi Dwivedi परिंदे
परिंदे
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