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raghu rahgir
किसको सहेजें हम किसको बिखेरें! कुछ आए थे खुशीयां जो गम से मिलाए, कुछ आए जो गम वो खुदा से मिलाए। ये किसकी नजर थी ये किसका दुआ था! कुछ भरे ज़ख्म पूरे, कुछ मरहम मिलाए। ये कैसी जिंदगी है, ये कैसी रवानी! कुछ हुए ख्वाब पूरे ,कुछ हमदम मिलाए। ये क्या गुफ्तगू थी,ये कैसी कहानी! कुछ हुआ रूबरू उनसे कुछ खुद से मिलाए। ©raghu rahgir किसको सहेजें हम किसको बिखेरें! #ujala
Eron (Neha Sharma)
जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी। मेरी शव यात्रा कुछ यूँ खास होगी। चारो और फैली मेरी ही बात होगी। मेरी आवाज ही मेरी पहचान होगी। बरसते आँसूं चारो तरफ खामोशी। मेरी कलम मेरी ताकत की पहचान होगी। अर्थी में मेरी सजे होंगे जो फूल। उन फूलों से आती खुशबु में वही बात होगी। जो बात मेरे लिखने पर लोग वाह बोलते है। मेरे मरने पर सिर्फ एक आह होगी। सहेजेंगे लोग पलकों में यादें मेरी। मेरी बारात रुखसत यूँ सरे आम होगी।-नेहा शर्मा। जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी। मेरी शव यात्रा कुछ यूँ खास होगी। चारो और फैली मेरी ही बात होगी। मेरी आवाज ही मेरी पहचान होगी। बरसते आँसू
Richa
किसी विशेष दिन अगर तुम सोचो मुझे स्पेशल महसूस कराने को, तो सुनो कोई महंगा तौफा नहीं बल्कि तुम खुद मिलने आना भले ही थोड़ी देर के लिए अगर न आ पाना तो भेज देना कोई प्यारा सा वॉइस नोट जो तुमने सहेजें अपने ह्र्दयतल में अपने एहसासों से लबरेज़,जो तुम्हारे दिल के ड्राफ्ट में कब से उथल पुथल मचाकर तुम्हें, मेरे साथ पहले सा सहज होने में कब से रुकावट बनकर अड़े हैं तुम्हारे कुछ भावपूर्ण शब्द। तुम सोचोगे बस इतना ही तो हाँ, बस इतना ही।। ©Richa किसी विशेष दिन अगर तुम सोचो मुझे स्पेशल महसूस कराने को, तो सुनो कोई महंगा तौफा नहीं बल्कि तुम खुद मिलने आना भले ही थोड़ी देर के लिए अगर न आ
Shree
नावाकिफ़ ही... जी लेने दो! :) नावाक़िफ ही... जी लेने दो! ✨✨✨✨✨✨✨✨ ज़िन्दगी की डोर बड़ी नाजुक, बड़ी कमज़ोर, पल-पल समय के साथ बदल लेती है ठौर! इंतकाम किस बात का लें, कोई
Ramjus Goswami
#SaveTheNature कुदरत कहर ना बरपाएगी, ये सहज, सरल रह पाएगी ! खिलवाड़ ना होगा प्रकृति से, तो जीवन सहज चलाएगी !! जीवन,क़ुदरत के नायाब तोहपे
Shree
सुनो प्रेम.. सावन के जटाधारी बादलों की तरह अब तुम आसमान में छा जाओ... सुनो प्रेम.. सावन के जटाधारी बादलों की तरह अब तुम आसमान में छा जाओ... जेठ की दुपहरी से लिया ताप अंजुरी में आड़ी-टेढी खींची टूटी रेखाओं को
Shree
तुम वहीं ठहरे हो अकेले, तो मैं भी यहां अकेले, तुम बिन कुछ नहीं मैं, तुम से लगे हर एक पल मेले, हाथ मटमैले हैं, जो मैंने तुम्हारे हाथ को थाम ना रोका, जो थामते तो रास्ते कैसे आगे के लिए तय होता, मेरे दरों-दीवार सूने से, यहां बस्ती भीड़भाड़ में सूनी, तुम बिन कुछ नहीं, तुम अकेले तो धड़कनें यहां सूनी, क्या चाहिए मुझे, बोलो क्या मांगते रहते हैं हमेशा तुमसे हम, कुछ याद हो तो बता दो... पूछा हो जो साथ से ज्यादा कुछ! बहुत वादें, इरादें वाले देखें, वक्त और लोग बदलते देखा, तुमसा नहीं देखा, तुम बिन कुछ नहीं, तुम बिन कहां कुछ! चाहत नहीं है कुछ, समझ नहीं है कुछ, बस ख़्वाब हैं थोड़े, नींद में सहेजें, डर में नींद से ही दूर, कहीं उन्हें भी ना खो दें! तुम वहीं ठहरे हो अकेले, तो मैं भी यहां अकेले, तुम बिन कुछ नहीं मैं, तुम से लगे हर एक पल मेले, हाथ मटमैले हैं, जो मैंने तुम्हारे हाथ को थाम
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me to get ©कंवरपाल प्रजापति टेलर इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आईओसीएल अपरेंटिस भर्ती के विवरणों में घुसेंगे, आवेदन प्रक्रियाओं से लेकर रिक्ति विशिष्टताओं तक, सुनिश्चित करेंगे कि आ