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Sunita Shanoo

रहीम दास जी के दोहे

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बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय. रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय.
अर्थ : मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा.
 रहीम दास जी के दोहे

Maurya9

रहीम जी के दोहे #जानकारी

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Abhshek

कबीर दास जी के दोहे।

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कहतें हैं कि कबीर दास जी अपने जमाने के दोहाकर और रचनात्मक कवि थे। जितने दोहे उन्होंने लिखे सब सत्यता पर अधारित है।
उनके दो दोहे मुझे बहोत ही पसंद है।
1  बुरा जो देखन मैं चला बुरा मिलिया कोई,
जो दिल खोजा अपनो मुझसे बुरा ना कोई।
2  यह तन कांचा कुंभ है लिया फिरऐ था साथ, ढबका लागे फूट गयो कुछ ना आया हाथ।

©shayar Abhshek कबीर दास जी के दोहे।

knhaiyalal Sain

कबीर दास जी के दोहे #KabirJayanti

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बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा ना कोय।

©knhaiyalal Sain कबीर दास जी के दोहे
#KabirJayanti

Reshu

कबीर दास जी के दोहे #Mic

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ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए।ओर को शीतल करे,आप हू शीतल होए।।

©Reshu कबीर दास जी के दोहे

#Mic

Shiva Jaiswal

संत रहीम दास जी #MajesticWords #कविता

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itpawans

रहीम के दोहे #MyPenStory #कविता

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Ashraf Ali

कबीर दास के दोहे,,,

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1,,,,,
कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर।।
नाही काहू से दोस्ती, नाही काहू से बैर ।।
2,,,,
बड़ हुओ तो का हुओ । जैसे पेड़ खजूर।।
पंछी को छाया नाही । फल लगे अति दूर ।।
3,,,,
कबीर दास के उल्टा बाणी ।
बरसे कंबल भीगे पानी ।।

©Ashraf Ali कबीर दास के दोहे,,,

ASIF ANWAR

कबीर और रहीम के दोहे, #कविता

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कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर,
पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।।

रहिमन जिहवा बावड़ी कह गई सरग पताल,
आपहु तो भीतर गई जूती खात कपाल।।

अपनी पहुंच विचार के करतब करिए दौर,
तेती पाँव पसारिए जेती लंबी सौर।।

©ASIF ANWAR कबीर और रहीम के दोहे,
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