Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पूंजीवादी अर्थव्यवस्था Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पूंजीवादी अर्थव्यवस्था from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पूंजीवादी अर्थव्यवस्था.

    PopularLatestVideo

Andy Mann

mute video

Ravi Shankar Kumar Akela

#adventureयह हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे समाज, वास्तव में हमारे अस्तित्व को रेखांकित करता है । हमारे जंगल, नदियाँ, महासागर और मिट्टी हमें वह भ #पौराणिककथा

read more
mute video

Bharat Singh Bhati

गाय हमारी अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय बिन्दु रही है #समाज

read more
mute video

Technocrat Sanam

"समय-असमय" (आख़िरी भाग.. Lockdown की मजबूरी समझ कर झेल लीजिए.. 🤗😛🤭🙏 पेट्रोल और डीजल दोनों मिल अतरे-दूसरे दिन पब्लिक को ज्वार-भाटा की कला स

read more
पेट्रोल और डीजल दोनों मिल अतरे-दूसरे दिन 
पब्लिक को ज्वार-भाटा की कला सिखाएंगे 
खेतों में मगन रहने वाले किसान 
सड़कों पर लंगर और लाठी खाएंगे 
'इत्तू-सी चीज़' (वायरस) का कित्ता बड़ा-लोहा सभी मानेंगे 
(बचपन में लेख और निबंध लिखने वाले) सयाने 
असल में प्रकृति और हरियाली का महत्व जानेंगे 
पुलिस दरोगा और चौकीदार कारों में मास्क लगवाएंगे 
लाखों की रैली कर 'साहेब' दो ग़ज़ दूरी का पालन करवाएंगे 
ऑनलाइन चलने वाली क्लास भी बंद हो जायेगी 
चुन्नू - मुन्नू, चिल्लर पार्टी पूरा घर सिर पर उठाएगी 
जब पढ़े लिखे अर्थशास्त्री सभी एक एककर फेल हो जाएंगे 
तब ठेके और नशेड़ी मिलकर देश की अर्थव्यवस्था बचाएंगे 
महानुभाव कह गए 'सनम' से देखना-
फ्यूचर में इतने भी अच्छे दिन आएँगे 
गिद्ध-विद्ध चील-कौवे मरेंगे भूखे-प्यासे 
लोग एक दूसरे को नोच-नोचकर खाएंगे
©technocrat_sanam  "समय-असमय" (आख़िरी भाग.. Lockdown की मजबूरी समझ कर झेल लीजिए.. 🤗😛🤭🙏

पेट्रोल और डीजल दोनों मिल अतरे-दूसरे दिन 
पब्लिक को ज्वार-भाटा की कला स

Technocrat Sanam

Tumko dekha👀to ye khyal aaya.. Jijdgi dhup ☀the tum ghna saaya.. 🎶 🎼 🎵 सवाली..🖋 के जिसका मुक्कमल होना नामुमकिन सा था कमबख्त वो ख़याल ह

read more
के जिसका मुक्कमल होना नामुमकिन सा था 
कमबख्त वो ख़याल हमने बेख़याली में देखा। 

लज़ीज़ खाने खिलाता है जो दिन दिन भर लोगों को 
बस एक सादा निवाला उसकी थाली में देखा। 

देश की अर्थव्यवस्था बचाने निकला था सुबह घर से 
हमने शाम उस शख्स को फिर नाली में देखा। 

ये कैसी मुहब्बत निभाई जाती है आजकल लफ़्ज़ों से 
किसी की माँ बहन का ज़िक्र हर गाली में देखा। 

ज़वाब मेरे हाल का सुनते ही ख़ामोश सा हो गया 
मेरे हाल सा ही कुछ हाल मैंने सवाली में देखा। 

काँटों की सादगी के सिवा और कुछ नहीं मिलता 
पर हाँ मुस्कुराकर खिलता हुआ फूल डाली में देखा
© technocrat_sanam  
Tumko dekha👀to ye khyal aaya.. 
Jijdgi dhup ☀the tum ghna saaya..
🎶 🎼 🎵 

सवाली..🖋 
के जिसका मुक्कमल होना नामुमकिन सा था 
कमबख्त वो ख़याल ह

Technocrat Sanam

मैं मजदूर हूँ हाँ मैं मजदूर हूँ सर्दी-गर्मी-बरसात हर मौसम की मार झेलता हूँ ज़िंदगी को वक्त के ठेले में रख कर ठेलता हूँ मैं हर डगर, हर मोड

read more
मैं मज़दूर हूँ.. 😐

(Plzzz don't like before reading it completely... Plzzz 🙏) 

     मैं मजदूर हूँ 
हाँ मैं मजदूर हूँ
सर्दी-गर्मी-बरसात हर मौसम की मार झेलता हूँ 
ज़िंदगी को वक्त के ठेले में रख कर ठेलता हूँ 
मैं हर डगर, हर मोड

Kamaal Husain

Read the caption.... ना देश का कानून, ना इसकी अर्थव्यवस्था, ना कोई अंगरक्षक , ना इशतेहार की व्यवस्था, ना PM, ना CM, ना DM, काम आया, ना

read more
बडी होकर करेगी क्या वो गुडिया सोंचतीं हैं अब
जहाँ में  फैले   हैं   शैतान   उसको   नोंच  डालेंगे  Read the caption....



ना देश का कानून, ना इसकी अर्थव्यवस्था, 
ना कोई अंगरक्षक , ना इशतेहार की व्यवस्था,
ना PM, ना CM, ना DM, काम आया, 
ना

Ashok Mangal

( quote से आगे ) देश की अर्थव्यवस्था टिकी थी जिस जिस आधार पर ! लहुलुहान किया उन्हें, नाना प्रकार के प्रहार कर !! छोटे मोटे व्यापार, बहुराष्ट

read more
जनहित की रामायण - 61
रोजगार का सीधा हाथ, जड़ से काट रहें है !
उल्टे हाथ में अन्न बाँट, वाहवाही चाट रहे हैं !!
बँटे अन्न की बचत भी, असल में नगण्य ही है !
उससे ज्यादा रकम तो, कर बढ़ाके वसूल ली है !!
देश के उत्पादन को घटा आयात बढ़ा रहे है !
अपने हाथों अपनी अर्थव्यवस्था डुबा रहे हैं !!
दाने दाने को मोहताजी घर बिठा दिये कामकाजी !
कोर्पोरेट ही संगी साथी, कोर्पोरेट को रखते राजी !!
ऋण माफ़ी में बैंको के 10 लाख करोड़ उड़ा दिये !
घाटे में बैंको ने 5 लाख करोड़ गवां दिये !!
एनपीए तहत तीस लाख प्लस करोड़ डूब के कगार पर !
आम जन की बैंक जमा, असुरक्षित पांच लाख पार पर !!
(कृपया: क्रमशः कैप्शन में पढ़े) ( quote से आगे )
देश की अर्थव्यवस्था टिकी थी जिस जिस आधार पर !
लहुलुहान किया उन्हें, नाना प्रकार के प्रहार कर !!
छोटे मोटे व्यापार, बहुराष्ट

Mamta Singh

लाँक डाउन में कमाई-धमाई ताे कुछ है नहीं ,बीबी के जेवर कहां बेचेने जायें..... सब कुछ बंद है ,पर शराब की दुकान खुल गयी।सवाल देश की अर्थव्यवस्थ

read more
शराब की दुकान ताे खुलवा दिये साहिब🥰 🥰🥰🥰
अब सुनार की दुकान भी खुलवा दाे माई-बाप🙏🙏 लाँक डाउन में कमाई-धमाई ताे कुछ है नहीं ,बीबी के जेवर कहां बेचेने जायें.....
सब कुछ बंद है ,पर शराब की दुकान खुल गयी।सवाल देश की अर्थव्यवस्थ

Sita Prasad

दस रुपये के कुरकुरे या टेढ़े-मेढ़े या लेज के पैकेट में शायद पचास या पचपन ग्राम खाने की चीज होती है। पांच रुपये वाले में शायद बीस ग्राम। खाने #YourQuoteAndMine #हिंदी_साहित्य #प्लास्टिक #जागरुकता #जंगलकथा #जंगलमन #कबीर_संजय

read more
एक ही है- उत्पादन बन्द करना,
जब तक प्लास्टिक का उत्पादन बन्द नहीं होगा, आप खरीदार को दोषी नहीं ठहरा सकते। आजकल, खरीदार से कहा जाता है, भटको मत। फिर हर जगह बड़े- बड़े  विज्ञापन छापते जाते है। 
 दस रुपये के कुरकुरे या टेढ़े-मेढ़े या लेज के पैकेट में शायद पचास या पचपन ग्राम खाने की चीज होती है। पांच रुपये वाले में शायद बीस ग्राम। खाने
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile