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Arunima Thakur
क्षमा चाहती हूँ पर इस तरह की गलियाँ इस मंच पर तो क्या कहीं भी शोभा नहीं देती हैं। इस तरह की गालियों में लिखा नहीं होता कि माँ और बहन किसकी हैं, वह आपकी भी हो सकती है। एक सभ्य समाज में गालियाँ किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं होनी चाहिए, ना दोस्ती ना मजाक I एक स्टार या डैश डाल देने से गालियों का स्वरूप परिवर्तित नहीं हो जाता है। इस तरह की गालियाँ एक प्रकार का मानसिक बलात्कार है। आजकल वास्तविकता दिखाने के चक्कर में देश सीरियल पिक्चरों में गालियों की भरमार शुरू हो गई है क्या यह सही है ? एक व्यक्ति की वास्तविकता दिखाने में आप पूरे समाज की वास्तविकता परिवर्तित कर रहे हैं। क्षमा चाहती हूँ पर इस तरह की गलियाँ इस मंच पर तो क्या कहीं भी शोभा नहीं देती हैं। इस तरह की गालियों में लिखा नहीं होता कि माँ और बहन किसकी
Vandana
हां मुझे सब कहते हैं मेरे अंदर समझदारी नहीं है पूरा कैप्शन में पढें हां मुझे सब कहते हैं मेरे अंदर समझदारी नहीं है उम्र बढ़ गई है संजीदगी नहीं है गहराई नहीं है सब्र तो मेरी रक्त कणिकाओं में है ही नहीं कोई भी
Love Kumar
आज इस पिक्चर को देखने की जरूरत है. और उसी बहादुरी के साथ लड़ने की जरूरत है. पिक्चरों से सीखो.
Kaleem Ansari
और कितना लिखू तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरयाद में मेरी रूह भी छीन के ले गई मुझ से में में ना रहा तेरे बाद में में में न रह तेरे बाद में
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं के पहरों में, उथले और गहरों में, सब ओर तुम्हें खोजती, मेरी मौन तलाश। एक दिन तो तुम मिल ही जाओगे पूर्ण है विश्वास। जल सम पारदर्शी गगन सम समदर्शी मेरी भोली आस सागर के किनारे भी अतृप्त है प्यास।। ©Veena Kapoor लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare
( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
रात मे नींद मे खुद से बात करता हु लोग कहते है पागल हु मै ऊन्हे कैसे बाताऊ मै पागल नहि मोहब्बत मे घायल हु मै ©سید انوار حسین रात में नींद में
( prahlad Singh )( feeling writer)
( मैं, मैं हूं मैं, तुम तो नहीं मैं, खुद का आइना हूं में, ओरो में कहीं गुम तो नहीं ) ©( cop prahlad Singh )( feeling writer) #में, में हूं #Sunrise
Amit Kumar
हर बार हम खों जाते है चक्रव्यूह के मेले में ढूंढ़ता कोई और है हमें साथी खुद अकेले में -अनभिज्ञ मेले में अकेले में
Safar Ka musafir
सितम कितने हुए उसका दुःख नहीं, सितम किस - किस ने किए बस ये बात दर्द देती है। में होंश में हूं।।