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डॉ.अजय कुमार मिश्र
White क्यों व्यर्थ गवाता मानव तन, झूठे अभिमान के महलों पर।। बनना है तो पारस पत्थर बन, लोहे को स्वर्ण बना डालों।। या कट - कट कर कोहिनूर बन, दुनियां को चमक दिखा डालो।। या बनना है तो गांधी बन, बिन सुख सुविधा के आधी बन। या छोड़ महल के वैभव को, गौतम बुद्ध जैसा ज्ञानी बन।। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र पत्थर
Pushpendra Jassi
घाट का एक खामोश पत्थर हूँ !! मैँने नदी के हजार नखरे देखे हैं!! ©Pushpendra Jassi #पत्थर #विफ़लता
gaTTubaba
White मैं चाहता ही नहीं बेफिजूल की बातें कभी मौका निकालकर खुदकी तारीफें भी कर लिया करो ©gaTTubaba #love_shayari पत्थर का काम पत्थर को ही आता हैं कभी ना बदलने का कभी ना पिघलने का रंग दिया किसी ने अपने रंग में तो उसके लिए
Ghumnam Gautam
इरादा कर चुके हो,तो चलो अब मार लो पत्थर निशां थोड़ी बनेगा पीठ पर! हमलोग पानी हैं ©Ghumnam Gautam #Sea #इरादा #पत्थर #ghumnamgautam
Shashi Bhushan Mishra
मील का पत्थर, काँपता थर-थर, वेदना असीम, हो रहा असर, लगी चिन्गारी, जले कितने घर, गँवाया सबकुछ, हो गए बेघर, सियासत ख़ामोश, कैसे हो ख़बर, चली थी आँधी, गिर गया शज़र, घोर तन्हाई, कोई न रहगुज़र, सूखती सरिता, जमीं है बंजर, हर तरफ तांडव, बोल अब हर-हर, बचे सब 'गुंजन', उठा अब खंज़र, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #मील का पत्थर#
Arora PR
क्या कभी तुमने अतिथि की आवक और अतिथीं के औचित्य का महत्व समझने की कोशिश की हैँ? इतना भर जान लो कि अगर अतिथी का जगत मे अस्तित्व न होता तो हर घर फिर घर न होकर कब्र होता . हर ©Arora PR अतिथि का अस्तित्व और औचित्य
Ghumnam Gautam
विभीषण जानते लंकेश की थे लात का मतलब बताएँगे नयन विरहन के तुमको रात का मतलब पटकना सर,बहाना अश्क़ बिल्कुल व्यर्थ है सुन लो― कहीं पत्थर भी समझे हैं कभी जज़्बात का मतलब! ©Ghumnam Gautam #विभीषण #ghumnamgautam #पत्थर #विरहन
Mjgopal..rawat . (gopu)
लगता है वो ना समझ से समझदार होने लगी है सायद वो धीरे धीरे मुझसे दूर जाने लगी मुझे लगा सायद उसकी कोई मजबूरी रही होगी लेकिन हकीकत तब समझ आई जब कुछ दिन पहले उसे उसके x की याद दिलाई मैंने तो न जाने वो क्यों रोने लगी 🤔🤔🤔🤔🤔😔😔😔😔 ©Mjgopal..rawat . (gopu) पत्थर दिल बेवफा