Find the Latest Status about वैराग्य का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वैराग्य का अर्थ.
Divyanshu Pathak
मित्रता के लिए प्रेम चाहिए, शत्रुता का आधार अहंकार है। क्रोध है। हर समाज में प्रेम के मार्ग में भी अनेक निषेध है। जो व्यभिचार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। समाज के निषेध प्रकृति के आगे घुटने टेक देते हैं। क्रोध- अहंकार तो आसुरी भाव ही है। जिस समाज में आसुरी भाव के साथ-साथ दैविक भाव पर भी निषेध हो, वहां समृद्धि खत्म ही समझो। वहां सारे व्यक्तित्व कुण्ठित अथवा आपराघिक ही नजर आएंगे। अधूरी कामना व्यक्ति को अघिक भटकाती है। उसे भूल पाना व्यक्ति के लिए कठिन होता है। भगवान चाहे याद आए या न आए, शत्रु का चेहरा सदा आंखों में रहता है। तब कैसे व्यक्ति कामना पार होकर वैराग्य में प्रवेश कर सकता है। वह तो उम्र भर निषेध तोड़कर कामना पूर्ति के लिए संघर्ष ही करेगा/करेगी। आओ सोने से पहले कुछ अच्छा विचार करें......... : ☺"वैराग्य"☺ : वैराग्य का मार्ग संघर्ष का नहीं हो सकता। शत्रुता का नहीं हो सकता। वह तो प
Ek villain
भारतीय संस्कृत मूल रूप से आदरणीय संस्कृत है अपने वैराग्य इसकी आत्मा शंकराचार्य ने अपने ग्रंथ विवेक चुंडी मणि में मोक्ष प्राप्ति के साधनों में वैराग्य को प्रथम स्थान देकर इसकी महत्ता को रेखांकित किया है वैराग्य जीवन में सुख शांति पाने तथा दुख निवृत्ति का साधन भी है अन्य मानवीय भाव की तरह वैराग्य भी सबके अंतर मीय में सुरक्षित अवस्था में रहता है मन की प्रवृत्तियों के अनुसार जागृत होता है पुनर्जन्म के संस्कार भी इस के जनक है वैराग्य का अर्थ सन सारिक पद्धति में आसक्त का भाव है यद्यपि सच्चा वैराग्य कभी मनुष्य को अपने कर्तव्य पथ से विरत नहीं करता आपूर्ति निस्वार्थ भाव से प्राणी मात्र की सेवा के लिए प्रस्तुत करता है त्याग का मंगल भाव वैराग्य की पवित्र भूमि पर ही अंकुरित और पल्लवित होता है अतः वैराग्य हमारी त्याग मूलक संस्कृति का आधार है और मानवता का पोषक भी जन्मजात भी है अर्जित भी है कारण जितने भी होता है पूर्ति भी होता है महा ऋषि शुरू कर दे में जन्मजात विरागे के उदाहरण है जन्म से ही पूर्व उनमें वैराग्य भाव इतना प्रबल था कि इसमें इस माया जनहित संसार में आना ही नहीं चाहते थे पिता हुआ व्यास द्वारा एक क्षण भी ना रोकने का वचन देने पर ही गर्व से बाहर आए शंकराचार्य को भी जन्म से वैराग्य था परंतु मां का प्यार उस में बाधक था तभी तो स्नान करते समय मायावी ग्रह ने उन्हें तब छोड़ा जब हमारे घर से जाने का वचन दे दिया ©Ek villain #वैराग्य का मांगलिक भाव #selflove
Parasram Arora
कोल्हू का बैल अपनी नियति पर कुपित नहीं बल्कि आभारी हैँ क्योंकि वो गांधारी की तरह बंद आँखों से वृताकार कोल्हू क़े क्षेत्रफल मे भीतरी आँख से उसे देख चुका हैँ जो उसे चलाये जा रहा हैँ कदाचित शून्यता क़े इस विस्तीर्ण पथ पर उसे वैराग्य की अनुभूति हो रही हैँ जो उसके लिए उस पार का मार्ग प्रशस्त कर रही हैँ वैराग्य........
AMIT
कैसी ये तेरी माया है.. कैसे ये तेरे बंधन है..! जब तक ये सांसे चलती है.. बंदा करता केवल धन-धन है..! जिसने कर ली दुनिया मुट्ठी में.. तेरे द्वार पे वो भी निर्धन है..! जिस पर इतराते फिरते हैं.. मिट्टी का केवल यह तन है..! सब तेरी कराई करते हैं.. अपने बस में किस का मन है..! क्या पाप-पुण्य..क्या सत्य कर्म.. तू सबको दिखाता दर्पण है..!! -------अमित #वैराग्य
Manmohan Dheer
वैराग्य मनःस्थिति है संशयों पर विजय है दर्शन गूढ़ समझना ही पीड़ाओं पर जय है . वैराग्य
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
मन जो संसार मे आसक्त होता ही जाये तो समझ लेना तुम्हारे मन की संरचना हाड़-मांस के जैसी हो रही है जो प्रत्येक पल कुछ नया चाहता है और अगर तुम्हे यह भान किसी के बताये बिना स्वयं ही हो रहा है तो फिर समझ लेना कि एक नयी क्रांति तुम्हारे भीतर जल्दी ही घटने वाली है और यह क्रांति कुछ और नहीं केवल "वैराग्य" को जन्म देगी । ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #वैराग्य
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
RAVINANDAN Tiwari
पाठ पढ़ा रहे असुर अमन का, काठ बता रहे कुसूर चमन का! कि आश्चर्य भी अब अनियमित हुआ... आठ बता रहे ना-नुकुर नयन का !!:) ©RAVINANDAN Tiwari #वैराग्य_कच्ची_सड़क #वैराग्य