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- Arun Aarya
New Year Resolutions विचारों से भरा ये मन , अब हृदय की कहाँ सुनता है। - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #newyearresolutions #विचारों से भरा मन
#newyearresolutions #विचारों से भरा मन
read moreGhanshyam Ratre
White आपके जुदाई में ऐसा लगता है जिंदगी विराना सा हो गया है। आपके यादों के गम में हमारे रातों की नींद दिन की चैन उड़ गया है।। ©Ghanshyam Ratre जुदाई के गम
जुदाई के गम
read moreRevashankar Nathani
White बिकती है ना कहीं खुशी ना कहीं गम बिकता है लोग गलत फेमी में है कि शायद कहीं महरम बिकता है इन्सान उम्मीदों से बंधा हुआ एक जिदी परिंदा है वो उम्मीदों से ही धायल है और उम्मीदों पर ही जिंदा है ©Revashankar Nathani न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम
न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम
read moreMaMtAa
आप किसी के कितना ही प्यार क्यूँ न करें लेक़िन आप उसकी आज़ादी छीनेंगे तो उसका प्यार आपके लिए कम होने लगेगा क्यूँ की प्यार से प्यारी आज़ादी है ©MaMtAa quote of love प्यार भरी आज़ादी या आज़ादी भरा प्यार, क्या कीमती है?
wquote of love प्यार भरी आज़ादी या आज़ादी भरा प्यार, क्या कीमती है?
read moreKulwant singh
हाथ में मेंहदी पांव महावार मांग सजाना कुमकुम को। उसके साथ तो पड़ेगा जाना जो घोड़ीचढ़ लेने आयेगा तुमको। रुखसत होकर तुम मुझसे साजन के घर जाओगी। पर मुझको तुम भूल ना जाना पाकर अपने प्रीतम को। ©Kulwant singh #रुखसत ए गम
#रुखसत ए गम
read moreKulwant singh
हाथ में मेंहदी पांव महावार मांग सजाना कुमकुम को। उसके साथ तो पड़ेगा जाना जो घोड़ीचढ़ लेने आयेगा तुमको। रुखसत होकर तुम मुझसे साजन के घर जाओगी। पर मुझको तुम भूल ना जाना पाकर अपने प्रीतम को। ©Kulwant singh #intezaar रुखसत ए गम
#intezaar रुखसत ए गम
read moreParasram Arora
White आदमी की जिंदगी दरिया भी है सहरा भी है लेकिन कोहरा गम का दोनों पर बराबर गिरता है ©Parasram Arora गम का कोहरा
गम का कोहरा
read morevksrivastav
White मेरी तन्हाई पे तू गम ना जता क्या इरादा है तेरा साफ बता कि तू मेरे साथ ना चल पाएगा क्योंकि मैं ढूंढ रहा खुद का पता ©Vk srivastav मेरी तनहाई पे तू गम ना जता #शायरी #SAD #Trending #viral #लव #vksrivastav
नवनीत ठाकुर
White हसरतों की चाहत में राहत न मिली, कुदरत ने बख्शी इबादत जो दिली। मोहब्बत का सागर था गहराई से भरा, नफ़रत ने लेकिन उसे टुकड़ों में मरा। शिकायत से बेहतर है करना इनायत, हिदायत के रस्ते पे छोड़ दे सियासत। ©नवनीत ठाकुर मोहब्बत का सागर था गहराई से भरा, नफ़रत ने लेकिन उसे टुकड़ों में मरा।
मोहब्बत का सागर था गहराई से भरा, नफ़रत ने लेकिन उसे टुकड़ों में मरा।
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