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Row Kashyap
मैं ख़ाक हूँ, मिट्टी का सफ़र मालूम है मुझको... पता नही ज़माना मुझे जलाने को बेताब़ क्यों है...।। गोधूलि बेला
गोधूलि बेला
read moreRow Kashyap
ख़ो दिया कतरे ने ख़ुद को समंदर के ताल्लुक़ के लिए....और कमाल तो यह है कि समंदर को कुछ पता ही नहीं चला...!! गोधूलि बेला😉
गोधूलि बेला😉
read moreDR. LAVKESH GANDHI
गोधूलि की मनमोहक छटा निराली है गोधूलि बेला नौका की सवारी थी गोधूलि की बेला थी गगन सुनहला था #godhuli #
गोधूलि बेला नौका की सवारी थी गोधूलि की बेला थी गगन सुनहला था #godhuli #
read moreAnupama Jha
उम्र की गोधूलि में मुझको "मैं" मिली अपनी सी, शब्दों से सनी किताबों में लिपटी अपने "स्व"की ओर जाती वक्त की घंटी गले में लम्हों की याद दिलाती उन्हें बस जीने को बताती.... Anupama Jha #उम्र #गोधूलि #yqdidi
Rj Rupal Rajput
धरती की रुह अभी रुकी हुई है लेकिन समय का हर पहर चल रहा है आज फिर ये गोधूलि सी बेला यू सिमट रही है अपनी लालिमा लिए, आज को अपने में समाए, बहती, बिखरती चारों तरफ जगमगाती, नई उम्मीदों में रंग भरती ये रोशनी.... इसके तेज की बस इतनी सी कहानी है आना है और फिर चले जाना है और फिर आकर यूं मुस्कुराना है .गोधूलि सी बेला😍 .एक मनमोहक श्याम #sunset #colourful #weather #hope #joy #quarantinetime #stayhome #staysafe #loveNOJOTO #myway
.गोधूलि सी बेला😍 .एक मनमोहक श्याम #SunSet #colourful #weather #Hope #joy #Quarantinetime #stayhome #staysafe #loveNOJOTO #myway #story
read moreNeel
जिक्र हो न जमाने का, और कोई बात न हो, चाहे रहें उम्र भर दूर, और मुलाकात न हो... तुम्हारी आँखों से जो छलके, वो जाम बन जाऊँ, मैं तुझमें रहकर गोधूलि की, शाम बन जाऊँ.... 🍁🍁🍁 ©Neel गोधूलि की शाम 🍁
गोधूलि की शाम 🍁 #शायरी
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
संसार एक मेला है, उसमें बहुत झमेला है। शुभ-रात्रि की बेला है। चलो नींद में चलतें हैं। स्वप्न सुधा से मिलते हैं। दिल के ख़ाली अरमानों को, स्वप्न में पूरा करते है। चलो अकेले चलते हैं। शुभ-रात्रि की बेला है।
शुभ-रात्रि की बेला है।
read moreस्मृति.... Monika
Stop smoking because, जब आती है गमन बेला, छूट जाता है दुनिया का मेला, मानव तो है मात्र मिट्टी का ढेला, प्रतिक्षण घुलता व गलता है, ऐसे ही मौत का शासन उस पर चलता है, मौत रुपी सर्प हर किसी को डसता है तो फिर............. किस बात का है मोह, किस बात का है बंधन, एक क्षण हर्ष है, तो दूसरे क्षण क्रन्दन | जीवन की जिजीविषा क्यों है इतनी प्रबल, मौत के आगे हर कोई हो जाता है निर्बल, अरे मनुष्यों !हीरे की चमक इतना मत खो जाओ, कि हीरे के अंदर भरे जहर को भी न पहचान पाओ जिस नशे को तुम समझते हो अमृत, वह तो भयानक गरल है, जीवन जितना कठिन है, मौत उतनी ही सरल है | "धूल में मिल जाता है फूल टूट कर अपनी शाख से, मानव की भी पहचान होती है उसकी राख से लाभ व हानि का साथ ही हार व जीत का छोड़ दो झमेला, छूट जाता है दुनिया का मेला, रह जाता है चिता की ढेर पर अकेला | ज़ब आती है गमन बेला ||||||||||| ज़ब आती है गमन बेला #
ज़ब आती है गमन बेला #
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