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Disha Rastogi
अर्धांगिनी हूं मैं.. सात फेरों का रिश्ता नहीं है मेरा.... अर्धांगिनी हूं मैं.. #HeartfeltMessage #प्रेरक
read moreRicha Dhar
मैं अर्धांगिनी.....✍️✍️✍️ मैं अर्धांगिनी हूँ हमेशा अधूरी ही रहूंगी,,,, तुम्हारी हर बात से तुम्हारे हर राज़ से मैं अनभिज्ञ ही रहूंगी,,,, तुम्हारा प्रेम पूर्ण है पूनम के चंद्र सा मैं संगिनी हूँ तुम्हारे संग ही रहूंगी,,,, सारी चिंताऐं और दुःख झेल जाते हो मैं सुख की नहीं दुख की भी भागीदार बनूंगी,,,, मैं मित्र हूँ,प्रेम हूँ,तुम्हारी जीवन संगिनी हूँ तुम्हारे दुःख की खरीदार भी बनूंगी,,,, मत जताया करो कि मैं अधूरी हूँ मैं अर्धांगिनी हूँ पर सदा पूर्ण रहूंगी,,,, ©Richa Dhar #KarwachauthFast मैं अर्धांगिनी✍️✍️✍️
#KarwachauthFast मैं अर्धांगिनी✍️✍️✍️ #कविता
read moremanisha malani
हर छोटी बात पर ज़िद करना जानती थी बात-बात पर लड़ना जानती थी आज अकेले में रोती हूं हां मैं भी हंसना जानती थी। कभी रोती थी खिलौना टूटने पर आज दिल टूटने पर भी चुप हूं मान ली तेरी हर बात चुपचाप जो कभी ना कुछ सहना जानती थी। तेरी बदतमीजियों से भी प्यार किया सोचा तुझे बदल दूंगी। सुन ली तेरी हर एक बात मैंने जो कभी ना चुप रहना जानती थी। छोड़ दिया तूने मुझे ना पूछा मेरा हाल कभी जा रह लूंगी तेरे बिना अब जो ना तेरे बिना रहना जानती थी।। हां मैं भी हंसना जानती थी
हां मैं भी हंसना जानती थी
read moreRitu shrivastava
मांग में सिंदूर नहीं कई उम्मीदें सजा कर आती है, उसके एहसास को संजोना दिल से, तुम्हारे लिए एक नारी अपने बाबुल का घर छोड़ कर आती है। ©Ritu shrivastava #अर्धांगिनी
Anu
नही चाहती वो कि ... तुम उसके लिए चाँद तारे तोड़ कर लाओ लेकिन तुम कभी-कभी उसके लिए एक फूल ले आना नही चाहती ... हर रोज़ उसे रेस्त्रां में खाने ले जाओ लेकिन तुम कभी-कभी अपने हाथों से उसके लिए भी कुछ बनाना नही चाहती वो ... तुम सबको छोड़ कर बस उसके साथ टाइम बिताओ लेकिन तुम कुछ पल उसके लिए भी निकालना नही चाहती वो कि ... तुम बस उसको ही चाहो लेकिन तुम उसे उसके सबसे ख़ास होने का एहसास दिलाना ये एहसास ही तुम्हे जिताएगा उसे तुम्हारे सुख दुःख का साथी बनाएगा तुममे वो ख़ुद को पायेगी तभी तुम्हारी अर्धांगिनी कहलाएगी .... ©Anu अर्धांगिनी
अर्धांगिनी #कविता
read moreRayphile
अर्धांगिनी आभा स्वरूप प्रभा की ऊर्जा सम नव रश्मि की एकाकी डगर का पथ सहगमिनी निस्वार्थ निश्छल मनोबंधन की चांदनी विविध जीवन रंग छलकाती घन तिमिर में प्रज्वलित ज्योति लहलहाती करुणा की सी नदी आजीवन सम समधुर रस बंधन पूर्ण समर्पण प्रति सहचर निकेतन सदन सखा की अर्धशक्ति कहलाती है ये अर्द्धांगिनी बनती प्रेरणा स्वरूप नित पल उन्नति और समृद्धि का आधार #अर्धांगिनी