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neelu

#library जीना कैसे चाहते हैं अगर वह इच्छा आपकी है तो आप मरना कैसे चाहते हैं यह इच्छा भी आपकी ही होनी चाहिएबाकी है सब धुआं धुआं है पर पर धुए

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Unsplash जीना कैसे चाहते हैं अगर वह इच्छा आपकी है 
तो आप मरना कैसे चाहते हैं
 यह इच्छा भी आपकी ही होनी चाहिए
बाकी  सब धुआं धुआं है
  पर धुए धुए में भी फर्क है..

©neelu #library जीना कैसे चाहते हैं अगर वह इच्छा आपकी है तो आप मरना कैसे चाहते हैं यह इच्छा भी आपकी ही होनी चाहिएबाकी है सब धुआं धुआं है पर  पर धुए

RUPESH Kr SINHA

#भटक रहा है हर इंसान

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है, हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है। ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र, हर रात के बाद सहर

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ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है,
हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है।
ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र,
हर रात के बाद सहर की पहचान ही तो है।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है,
हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है।
ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र,
हर रात के बाद सहर

Ashraf Fani

बड़ी हसीन शाम है आप ही के नाम है साक़ी है पियालें हैं महफ़िल है जाम है

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बड़ी हसीन शाम है

आप ही के नाम है

साक़ी है पियालें हैं

महफ़िल है जाम है

बड़ी हसीन शाम है

आप ही के नाम है

©Ashraf Fani बड़ी हसीन शाम है

आप ही के नाम है

साक़ी है पियालें हैं

महफ़िल है जाम है

RUPESH Kr SINHA

#नफ़रत के मर्ग पर है हर इंसान

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SANIR SINGNORI

वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में

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वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं...
              आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯







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©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं
आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में

SANIR SINGNORI

वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में

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वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं..          
     आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯



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©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं
आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में

नवनीत ठाकुर

हर ख्वाहिश को इंतजार बना रखा है

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उम्र के सफ़र में ये पल अनमोल हैं,
फिर भी हम फ़िक्र का भार बना रखा है।

जिनसे मिली हो ख़ुशबू जीने की,
उन लम्हों को ही बेकार बना रखा है।

ख़ुदा की रहमत का शुक्र न किया,
हर ख़्वाहिश को इंतज़ार बना रखा है।

जो मिल रहा है, वो सब खास है,
फिर भी किस्मत से तकरार बना रखा है।

पलकों पे रखिए हर इक ख्वाब को,
जिंदगी को क्यों बेज़ार बना रखा है?

©नवनीत ठाकुर हर ख्वाहिश को इंतजार बना रखा है

F M POETRY

#शाम है...

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White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है..
आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है..

तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे..
आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #शाम है...

नवनीत ठाकुर

#हर दिल में बसता हिंदुस्तान है

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हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार,
थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार।
केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद,
अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद।
काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात,
अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात।
ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर,
दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर।
पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान,
बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान।
हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज,
इस विविधता पर हर दिल को है नाज़।
तमिल में मिठास, संस्कारों का मान,
बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान।
मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप,
पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप।
भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम,
बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम।
गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान,
इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान।
त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान,
संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान।

©नवनीत ठाकुर #हर दिल में बसता हिंदुस्तान है
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