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बेजुबान शायर shivkumar
White काश कभी खुद में डूब कर, तुमको ही तलाश कर सकूँ मैंने दुनिया से सुना है कि , तुम मेरी रूह में भी बसते हो । ©Shivkumar #bike_wale #bike काश कभी खुद में #डूब कर, तुमको ही #तलाश कर सकूँ मैंने #दुनिया से सुना है कि , तुम मेरी #रूह में भी #बसते हो ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White चौपई /जयकरी/जयकारी छन्द :- जिसमें व्यापारी का काम । उसको करना दूर प्रणाम ।। घोलो सत्तू पीलो आज । पेट दर्द का करो इलाज ।। बाजारों में देख उछाल , कहे शुद्ध है मेरा माल ।। सब्जी-भाजी है अब काल । सबसे अच्छी सुंदर दाल ।। कैसे सब हो आज अचेत , स्वस्थ प्रति रहो सभी सचेत ।। ध्यान लगाकर सुन लो बात । करे मिलावट सीधे घात ।। मिली-जुली सरकारे आज , पहने बैठी किस्मत ताज ।। वही मिलेगी वट की छाँव , आओ लौट चले हम गाँव ।। हैंडपंप का पानी स्वच्छ , मिनिरल पानी लगता तुच्छ ।। ढ़ेले वाला लाओ नोन , करो बी पी को ग्रीन जोन ।। अपने बदलो अभी विचार , संकट में है यह संसार ।। वृक्ष लगाओ मिलकर चार । करो प्रकृति से सब मनुहार ।। दाना-दाना होगी रास , पूर्ण तभी हो जीवन आस ।। माया नगरी की सौगात , करती सीधा दिल पे घात ।। सब में बसतें हैं श्री राम , हाथ जोड कर करो प्रणाम ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपई /जयकरी/जयकारी छन्द :- जिसमें व्यापारी का काम । उसको करना दूर प्रणाम ।। घोलो सत्तू पीलो आज । पेट दर्द का करो इलाज ।। बाजारों में देख
चौपई /जयकरी/जयकारी छन्द :- जिसमें व्यापारी का काम । उसको करना दूर प्रणाम ।। घोलो सत्तू पीलो आज । पेट दर्द का करो इलाज ।। बाजारों में देख #कविता
read moreRimpi chaube
White बसते हैं कही किसी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में खुदा... ऐसा कह नही रहा मैं...पर मैंने सुना था। नजर जब मां पे पड़ी तो,सारे सवाल हल हो गए।। ©Rimpi chaube #happy_mother_day 💞 बसते हैं कही किसी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में खुदा... ऐसा कह नही रहा मैं...पर मैंने सुना था। नजर जब मां पे पड़ी तो,सारे
#Happy_Mother_Day 💞 बसते हैं कही किसी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में खुदा... ऐसा कह नही रहा मैं...पर मैंने सुना था। नजर जब मां पे पड़ी तो,सारे #Love
read moreसंगीत कुमार
Black हे श्रमिक श्रम नायक। धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। जीवनदायनी कर्मदाता । कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ तू विराजित नहीं।। हे श्रमिक श्रमनायक। संस्कृति के तू रखवाले। जग के तू पालनकर्ता ।। आपदा में तुम हीं दिखते। सुखदा में भी तेरा नाम।। हे श्रमिक श्रमनायक। खेत-खलिहान में तू ही दिखते। कल-कारखानो में भी तू ही बसते।। नगर-नगर में तुम्हें ही पाते। जग के भर्ता पालनकर्ता।। हे श्रमिक श्रमनायक। आँसू पीड़ा दुःख का जीवन। पर सबको को बरसाते अमृत।। खुद हलाहल पी कर भी। जीवन सुखद बनाते हो। हे श्रमिक श्रमनायक। ©संगीत कुमार #Morning हे श्रमिक श्रम नायक। धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। जीवनदायनी कर्मदाता । कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ तू विराजित नहीं।। हे श्रमिक श्रमना
sampankaj 64
सपने बसते हैं आंखो में.. टूटते है और फिर बरस जाते हैं, मानो जैसे... बादल फट कर बारिश बरसती हैं...। ©sampankaj 64 #rain सपने बसते हैं...
#rain सपने बसते हैं...
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