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Adeeb Ahmad
में ज़िन्दगी को समजता ना था, तूने एक पल में समझा दिया। यहां कोई अपना नहीं होता है, तूने मुझे बता दिया।। मैं रोता था अकेले में, तूने सबके सामने रोना सीखा दिया। मै इंसान था, देख तूने मुझे किया बना दिया।। - --adeeb ahmad छोटी सी कविता
ASHOK KUMAR POET
आज कविता नही चाहिए लोगो को यारो आज चाहिए मस्तराम की गरम मसाला स्टोरी । लड़के को लड़की की याद आती तब उठा फोन करता है बातें कहा हो जानू मुझे चैन नही आ रहा बिना तेरी बाहों के । लड़की बोली चुपकर पगले सो जा मुझे तो नही आती याद तेरी । मत परो प्यार व्यार के चक्कर में यारो इसमें दोखा खाना है फिर पूरी जिंदगी भर मूड पकड कर रोना है । चार दिनो का मेला है जग में यारों फिर वही अन्धेरा रहता है । दोस्तो पंसन्द आये तो पड़ते रहने के लिए फोलो करे । और आपकी कृपया होगी तो लिखता रहूँगा । आपका अपना अनुज अशोक कुमार poet सीख (छोटी कविता )
ASHOK KUMAR POET
शहीद (छोटी कविता ) नमन करें उन वीरों को जो, हस्ते हस्ते चड़ गए फासी पर । देश की खातिर जान पर खेले, न परवाह की जीवन की । मात पिता परिवार को छोडा लड़ने देश की आजादी को । आजाद बिसमिल भगत नेता ने जान गवाई देश की खातिर । अंग्रेजो से लड़ते लड़ते झेले कष्ट अपार । दीवाने इतने हो गए जो फासी जेल काला पानी क्या है ये सजा इसे भी भूले चढ़ गए देश की खातिर हस्ते हस्ते फाँसी पर । 11 जून शहीद बिसमिल साहब जी की जयन्ती पर सभी नोजोटो परिवार को बिसमिल साहब जी की जयन्ती पर बधाई हो । आगे अशोक कुमार poet शहीद (छोटी कविता )
Geeta.
लोभ की उलझन ऐसी क्या तू सुलझा पाएगा!! क्या लेकर तू आया था क्या लेकर तू जाएगा, दूसरों का हक मारकर क्या तू इंसान कहलाएगा, जैसा करनी करेगा वैसा ही अपने बच्चों में पाएगा, करनी का फल ऊपर नहीं यही भुगत कर जाएगा, दूसरों को दर्द दे तू इंसान रूपी दानव ही कहलाएगा, 🙏 अगर आपको ये कविता अच्छी लगी तो केमेंट और गिफ्ट दे कर मुझे शोपोर्ट करे🙏 ©Geeta. #lonely # छोटी सी कविता
Revati Jagat
सुबह जब चिड़िया की किलकारी गुंजती है, तो हमारी नींद खुलती है। नई उमंग नई किरण के साथ अब सब सही होगा, इस उम्मीद में सारा संसार उठती है।। ©Revati Jagat छोटी सी कविता 💖....
Nitin Kumar
जिने हम मजील तक लेकर आये अब वो हमे रसता बता ने लगे हैं ©Nitin Kumar छोटी सी कविता #Travelstories
ASHOK KUMAR POET
इंसान का जन्म चाहे कितने भी बडे घर में क्यो न हो जाये यारो वह घर से नही अपने कर्मो से पहचाना जाता है । आज ये कहानी झूठी है यारो । आज चाचावाद भतीजा वाद ये बीमारी है यारो कहा आता है नाम अब स्टूडियो हम जैसे गरीबो का । आज हालत है देश की कुछ ऐसी यारो पैसा गरीब को हो या ना हो पर अस्त्र - शस्त्रों को जरूरी । कहत है यह जगत् व्यर्थ होत क्रोध तब बुद्धि नष्ट हो जात है तब आत् क्रोध । जब आत्मसम्मान होत है नष्ट यारो फिर न सूजे क्या सही क्या गलत । अशोक कुमार poet कहतेह भतीजा वाद [छोटी कविता ]