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Geeta Sharma
1.बार - 2 टूटती है , गड्ढों को सहती है..... कहाँ रूक पाती है, बेचारी चलती रहती हैं , हो जाता है जब कोई एक्सीडेंट , वो इल्ज़ाम भी सहती हैं ..... भ्रष्टाचारियों की तरफ़ कहाँ किसी की नज़र रहती है, उनकी घपलेबाजी तो चलती ही रहती है , 2.कभी-कभी लोकल सड़कों की किस्मत संवरती है, जब किसी नेता की गाड़ी वहाँ से गुजरती है , जोड़ लगाकर उन गड्ढों को भरा जाता है , आनन- फानन में तारकोल डाला जाता है , 2 दिन बाद फिर वही स्थिति होती है , सड़कें अपनी हालात पर फिर से रोती हैं , लेकिन.... अपना फर्ज वो टूटकर भी निभाती हैं , हम सबको अपनी मंजिल तक पहुँचाती हैं । ©Geeta Sharma ### सड़कों की बदहाली ।
Arora PR
ये वही बदनसीब हवेली है जो पहले महल जैसी दिखती थी लेकिन आज वो अके ली होकर खंडहर बन चुकी. है इस हवेली का ज़र्रा ज़र्रा इसके बुलंद अतीत की कहानी कहता है ©Arora PR कहानी अतीत की
Maharaj Singh Negi
नानी दादी की कहानियां सूती धोती वाली एक दादी थी, एक नानी थी, सांझ ढले हम बच्चो को कहती एक कहानी थी। एक झांसी वाली रानी थी, कहती थी सच मर्दानी थी। राम नाम का राजा था, मर्यादा उनकी जगमानी थी। जागीरदार की जग में, बदनाम बड़ी मनमानी थी। और खरगोश की दौड़, नन्हे को रोज़ सुनानी थी। तोते जैसी संगत रखना, हमको वो समझाती थी। देश का मान, देश की आन, देश पे जान लुटानी थी। परियों जैसी दादी मेरी, परियों जैसी दादी थी। सांझ ढले हम बच्चो को कहती एक कहानी थी। कछुए ©Maharaj Singh Negi नानी की कहानी
Usman shayar
क्या लिखूं तेरे प्यार में एक तू ही जान हैं बाकी सब गैर लगते हैं ©Usman salmani मोहब्बत की कहानी
kalu_khan_mehar
पूरब का दरवाज़ा - बच्चों की बाल कविता पूरब का दरवाज़ा खोल धीरे-धीरे सूरज गोल लाल रंग बिखरता है ऐसे सूरज आता है गाती हैं चिड़ियाँ सारी खिलती हैं कलियाँ प्यारी दिन सीढ़ी पर चढ़ता है ऐसे सूरज बढ़ता है ऐसे तेज चमकता है गरमी कम हो जाती है धूप थकी सी * आती है सूरज आगे चलता ● है ऐसे सूरज ढलता है ©Roshan__mehar बचो की कहानी