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Krish Kumar
White जो काल को भी मात दे सके उसे दशानंद रावण कहते हैं 😂😂😂😂 ©Krish Kumar #Thinking poetry in hindi hindi poetry on life
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read moreBharat Bhushan pathak
White नाम नहीं बस वह अनुभव चाहता हूँ जिससे नाम बनाई जाती है यहाँ सीखता रहूँ बस मात्र ये आशीर्वाद चाहता हूँ वो महाविद्या चाहता हूँ मैं ©Bharat Bhushan pathak #Thinking poetry in hindi hindi poetry hindi poetry on life love poetry in hindi poetry on love
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read moreBharat Bhushan pathak
पहुँचे गुरुकुल चारों भाई। गुरु माता ने लाड़ लगाई।। कठिन नहीं जब हो अनुशासन। संभव कैसे तब हो शासन।। विचार यह गुरु माँ से बोले। महत्व अनुशासन का तौले। गुरु माँ ने संगीत सिखाई। ममता करुणा भेद बताई।। ज्ञान वेद का वशिष्ठ देते। पाठ सुशासन उन्हें बताते।। अस्त्र-शस्त्र की देते शिक्षा। कर्म-धर्म क्या देते दीक्षा।। कर्ता जो द्रष्टा कैसे होता। बोले गुरु विकार जब खोता।। समता ही जो सबमें देखे। मानव वह ही सच्चा लेखे ©Bharat Bhushan pathak poetry on love love poetry in hindi hindi poetry on life poetry in hindi poetry quotes
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read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
White वो मेरी प्यास को बादल नहीं होने देता दिल के सेहरा को वो जंगल नहीं होने देता। सिलसिला नींद का टूट-टूट जाता है वो कोई ख़्वाब मुकम्मल नहीं होने देता। दिल में रहता भी नहीं दिल से निकलता भी नहीं वो मुझे ठीक से पागल नहीं होने देता.।। ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #कोई_ख्वाब_मुकम्मल_नहीं_होने_देता.. poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry on life
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read moreसुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar
White मैं नहीं चाहता तुझे नाराज करना पर नहीं भाता तेरा नजर अंदाज करना ✍️👀👀👀✍️ ©सुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar #Sad_Status poetry in hindi hindi poetry on life love poetry in hindi poetry on love
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read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
Google ग़मों की आँच पे आंसू उबाल कर देखो बनेंगे रंग किसी पर भी डाल कर देखो। तुम्हारे दिल की चुभन भी ज़रूर कम होगी किसी के पावँ से कांटा निकाल कर देखो। वो जिसमें लौ है विरोधों में और चमकेगा किसी दिए पे अँधेरा उछाल कर देखो। कुँअर मिठास भी होती है खारे पानी में तुम अपने अश्क़ का सागर खंगाल कर देखो। - डॉ कुँअर बेचैन ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #तुम्हारे_दिल_की_चुभन.. poetry in hindi hindi poetry on life
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read moreBharat Bhushan pathak
खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry love poetry in hindi
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read moreBharat Bhushan pathak
नवीनता लिए प्रभात आ गया। मलिनता छँटी विभात छा गया।। विलुप्त वर्ष ये हमें बता रहा। उमंग ही भरो नहीं उचाटना।। ©Bharat Bhushan pathak #newday love poetry in hindi poetry in hindi hindi poetry on life poetry on love hindi poetry
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विषय-वीर/ आल्हा छंद विधा-१६-१५ मात्रा प्रति चरण,चार चरण। दो-दो चरण समतुकांत।चरणांत गुरु लघु रखना है। छंदों का तुम भी कर जाना,केवल थोड़ा ही अभ्यास। नहीं कभी तुम ऐसे-वैसे,करना नहीं शब्द विन्यास।। ये विधा है बहुत ही प्यारी,सीखो इसका अभी विधान। अँधेरे में तीर ना छोड़ो,सोच-समझ करना संधान।। काव्य लगे बिना छंद सूना,सीखो थोड़ा इसको आज। स्वरविहीन ही गाना ये है,संगीत बिना ये है साज।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry
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read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं,, मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ, रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं,, नींद से मेरा ता-अल्लुक़ ही नहीं बरसों से, ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं,, मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए, और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं..! ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #इतना_डरते_हैं_तो_फिर_घर_से_निकलते_क्यों_हैं,,, hindi poetry on life poetry in hindi
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