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Neetish Patel
हजारों की भीड मे वो अकेला खडा है मारने की खातिर उसको मेला लगा है पर हर बरस तो उसका वध होता है फिर कैसे ये रावण उठ खडा होता है ।। किसी को ये सोचने की फुर्सत कहां है राम जी करेंगे वध बस इतना ही पता है शायद अब रस्म बदलने की जरूरत है राम जितनी ही अब रावण की जरूरत है ।। #दशानन #विजयादशमी #बदलाव #रामराज्य #रावण_राज्य #yqbaba #yqhindi
vandana,s hobby & crafts
'शब्द', शब्द है कम ना समझे... शब्द प्रशंसा का श्रृंगार है घुंघरू की झंकार भी है... पर तुम्हें कैसे शब्दों का रूप दूँ मैं तुम मेरा अर्द्ध भाग हो कोई किस्सा या कहानी नहीं हो... @everyone ©vandana,s hobby & crafts #HumptyKavya ##शब्द शब्द है ##nojoto# #
LOL
है राम नाम यदि सत्य तो रावण भी असत्य नहीं! ©KaushalAlmora #लंकेश #दशानन #दशहरा #yqdidi #kaushalalmora #रोजकाडोजwithkaushalalmora #रामरावण #रावण
Sabreen & Saddam 007
क्या कहूँ आज शब्द मेरे मौन हैं। डरती हूँ आज प्रयंका थी, कल कौन है। #मौन शब्द है
राहुल अग्निहोत्री
एको अहं, द्वितीयो नास्ति, न भूतो न भविष्यति! यह सब मेरी माया है सब मेरी ही छाया है तुम जिधर भी देखोगे वह मेरी ही जाया है। क्या धरा क्या गगन सब पाताल में है मेरा अंश यह चहुँ दिशा भी मेरी है हर पहर चलता मेरे संग। मैं शिवशंकर वरदानी हूँ ब्रम्हा का अभिमानी हूँ दस दस शीश हुए है मेरे मैं परिवार का उद्दारी हूँ। मैं सूपनखा का जेष्ठ हूँ मैं इंद्रजीत का पिता हूँ दैत्यों का भरण करने वाला मैंने ही शिव तांडव रचयिता हूँ। मैं वेद पुराणों का हूँ ज्ञाता मैं राम को रण में ललकारता सारी दुनियाँ ने मुझे जाना है मैं लंकापति रावण कहलाता। एको अहं, द्वितीयो नास्ति, न भूतो न भविष्यति! #दशानन #रावण
vijay kumar nag
-शब्दों का संसार- शब्द रचे जाते हैं, शब्द गढ़े जाते हैं, शब्द मढ़े जाते हैं, शब्द लिखे जाते हैं, शब्द पढ़े जाते हैं, शब्द बोले जाते हैं, शब्द तौले जाते हैं, शब्द टटोले जाते हैं, शब्द खंगाले जाते हैं, अंततः शब्द बनते हैं, शब्द संवरते हैं, शब्द सुधरते हैं, शब्द निखरते हैं, शब्द हंसाते हैं, शब्द मनाते हैं, शब्द रूलाते हैं, शब्द मुस्कुराते हैं, शब्द खिलखिलाते हैं, शब्द गुदगुदाते हैं, शब्द मुखर हो जाते हैं, शब्द प्रखर हो जाते हैं, शब्द मधुर हो जाते हैं, फिर भी- शब्द चुभते हैं, शब्द बिकते हैं, शब्द रूठते हैं, शब्द घाव देते हैं, शब्द ताव देते हैं, शब्द लड़ते हैं, शब्द झगड़ते हैं, शब्द बिगड़ते हैं, शब्द बिखरते हैं शब्द सिहरते हैं, किंतु- शब्द मरते नहीं, शब्द थकते नहीं, शब्द रुकते नहीं, शब्द चुकते नहीं, अतएव- शब्दों से खेले नहीं, बिन सोचे बोले नहीं, शब्दों को मान दें, शब्दों को सम्मान दें, शब्दों पर धयान दें, शब्दों को पहचान दें, ऊँची लंबी उड़ान दे, शब्दों को आत्मसात करें... उनसे उनकी बात करें, शब्दों का अविष्कार करें... ध्यान से सुने ..... गहन सार्थक विचार करें..... व ध्यान से समझें, फिर उत्तर दें क्योंकि- शब्द अनमोल हैं... ज़ुबाँ से निकले बोल हैं, शब्दों में धार होती है, शब्दों की महिमा अपार होती, शब्दों का विशाल भंडार होता है, और सच तो यह है कि- शब्दों का अपना एक संसार होता है ©vijay kumar nag शब्द क्या है? #Mic
Barnwal Chhoti
मुझे नही आता ये रिश्ते निभाना, नही आता हर किसी को मनाना, नही आता बिखरे दोस्तों को वापस बुलाना, कैसे कह दु की याद नही आती, कैसे कह दु की सब ठीक है, किसी के रूठ जाने से, मुझे मनाना नही आता, किसी के दूर जाने से, पास बुलाना नही आता, सब छूट गए है, वो रिश्ते भी, जिसे बहुत खुशनसीबी समझती थी, सब बिखर स गया है, कुछ पीछे ही रह गया है, तकलीफ होती है,याद भी आती है लेकिन.. मुझे नही आता रिश्ते निभाना बस नही आता। बिखरे दोस्तों को वापस बुलाना। #कुछ #शब्द #नही #है