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Amit Singhal "Aseemit"
तुम मेरे जीवन हो, मेरे तुम प्रेम हो, तुम मेरे जीवन का कुशल क्षेम हो। तुमसे ही बंधी है मेरे जीवन की डोर, तुम्हारी ही उपस्थिति है मेरे हर ओर। ©Amit Singhal "Aseemit" #कुशल #क्षेम
somnath gawade
तुमचे कुशल-क्षेम विचारण्यासाठी 'वाकडी' वाट करून आलेली मंडळी तुमच्या बाबतीत तरी 'सरळमार्गी' असतात. 🤣😂 #कुशल-क्षेम
Omprakash Khatri
नीड़ डाल तृण पर , जीवन है यह ऋण पर। भड़क रही है ज्वाला - सी, अतीत के मलाल - सी। है यह विशुद्ध रूप का, प्रकाश अतुल अनूप का। बुला रही है, तप्त मही, तरंग लहू की बह रही। यह तेज अचल भाल पर, विकट कष्ट काल पर। सम्बंध है यह औचित्य के, निर्लज्ज,दुष्ट,प्रपंच के। रूष्ट हो यह मही खड़ी, पुकारती यह अविचल अड़ी। क्या , ऋण इसका चुकाऊ, शीश चरण पर झुकाऊ। बह रही है धार देखो!इस नवीन प्रपात से, छपक-छपक कर पड़ रही,नीर बूंदे प्रपात से। शीर्ष से उठा यह,मही की रज पखारने, धूल से इस मही की,सागर का वियोग पाटने। अन्न को यह उदर से अपने, सह दरार ,वक्ष मे अपने। मनुज के उदर को तृप्त करने, घाव लेती , उदर पर अपने। फिर भी निर्लज्ज मनुज कितना, स्वार्थ से,यह सहज इतना। फिर भी मही का प्रेम देखो, मनुज पर इसका क्षेम देखो। ©Omprakash Khatri मही का क्षेम # ओम खत्री
Poetry with Avdhesh Kanojia
जय श्रीराम #hanumanjayanti #hanuman #ram #shriram #india #bharat #culture चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा, मुख पर सूर्य सा तेज। लिये जन्म हनुमान जी समस्त शक्त
दि कु पां
वो तो जिन्नो की भी अम्मा थी.., सुबह कब उठती थी और रात में कब सोती ये आज तक न जान पाया था मैं..., मेरे हर बेतरकीब सी रखी चीजे ना जानें कैसे आपने जगह पर पहुंच जाती थी हर कोई चीजों की मां पता थीं सुबह उनकी ही मिट्ठी आवाज़ सुन सबेरा होता था शायद नींद भी हमारी उन्ही के कहने से आती थी हमे क्या अच्छा लगता क्या नहीं.. ये वो ही जानती थी अब मीलों दूर बसा मैं, सिर्फ कल्पनाओं में रोज ही उनतक जाता हूं कुशल क्षेम पूछ पुनः वापस आजाता हूं... "Long live to you Mumma & Papa.. My Jinnat" वो तो जिन्नो की भी अम्मा थी.., सुबह कब उठती थी और रात में कब सोती ये आज तक न जान पाया था मैं..., मेरे हर बेतरकीब सी रखी चीजे ना जानें कैसे
Divyanshu Pathak
यूँ किसी बहाने से तेरी कुशल क्षेम पूछ पाते हैं। नफ़रतों के इस दौर में दीया प्रेम का जलाते हैं। बेशक़ तुम चुप ही रहती हो कुछ नहीं कहती! यूँ हम तो तेरी मुस्कुराहट से सब जान जाते हैं। पढ़ने की कोशिश करते हैं हरएक पन्ने को हम! चहरे किताबों से हैं हम पढ़ कर सुकून पाते हैं। वक़्त ने लिख दिए उम्रभर के अनुभव देखो तो समझदार होते ही वह हर बात को छुपाते हैं। कभी मेहनत कम रही कभी तक़दीर ने तोड़ा! कुछ इस तरह से हम नई तहरीर सीख आते हैं। प्रेम की गहराई का कोई पैमाना इज़ाद करते! फ़लक़ से ज़मीं ज़मीन से समंदर नाप लाते हैं। यूँ किसी बहाने से तेरी कुशल क्षेम पूछ पाते हैं। नफ़रतों के इस दौर में दीया प्रेम का जलाते हैं। बेशक़ तुम चुप ही रहती हो कुछ नहीं कहती! यूँ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते । प्रीति के जो हैं सतायें ईश को ही ढूढ़ते ।। लोग क्यों माने बुरा जो आपसे ही प्रेम है । आपके तो संग मेरी ज़िन्दगी ही क्षेम है ।। १ भूल जाये आपको ऐसा कभी होगा नहीं । दूर हूँगा आपसे ऐसा कभी सोचा नहीं ।। प्रीति तेरी है बसी वो रक्त के प्रावाह में । खोज पाता है नहीं संसार मेरी आह में ।। २ प्रीति का व्यापार तो होता नहीं था देख लो । प्रीति में कैसे हुआ है सोंच के ही देख लो ।। प्रेम में तो हारना है लोग ये हैं भूलते । जीत ले वो प्रेम को ये बाट ऐसी ढूढ़ते ।। ३ प्रेम कोई जीत ले देखो नही है वस्तु ये । प्रेम में तो हार के होता नही है अस्तु ये ।। प्रेम का तो आज भी होता वहीं से मेल है । प्रीत जो पाके कहे लागे नहीं वो जेल है ।। ०१/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते ।
Divyanshu Pathak
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख “बान की मून” ने योग को सबके लिए जरूरी बताया है। वह कहते हैं-“योग का ताल्लुक धर्म से नहीं है। यह निष्पक्ष है। धर्मो के बीच भेदभाव नहीं करता। जो योग करेगा, उसे इसका फायदा होगा। ” स्वामी विवेकानन्द तो यहां तक कह गए थे कि जाति, धर्म, राष्ट्र, भाषा, परम्परा आदि सब देश-काल के साथ बदल जाते हैं। इनमें समन्वय के लिए परिपूरकता लानी पड़ेगी। “शरीर इस्लाम का हो, आत्मा वेदान्त की।” :💕🐒👨Good morning ji☕☕☕☕☕🍫🍫🍫🍨🍨☕🍧🍉🍉🍉☘ : पतंजलि ने योगसूत्र में कहा है-योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:। अर्थात् योग सांसारिक जीवन का मार्ग नहीं है। जहां
Ravendra
एम एल सी ने महिलाओं की जान समस्याएं ©Ravendra महिला प्रशिक्षार्थियों का हौंसला बढ़ाने प्रशिक्षण केन्द्र पहुंची एमएलसी बहराइच मण्डलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केन्द्र, बहराइच विश्वकर्मा श्र