Find the Latest Status about rabindranath tagore poem paper boats from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, rabindranath tagore poem paper boats.
Mohammed Zeeshan Ali
Unsplash Clouds come floating into my life, no longer to carry rain or usher storm, but to add color to my sunset sky. -rabindranath tagore. ©Mohammed Zeeshan Ali #Book #Quote #RABINDRANATHTAGORE #Tagore #indianquotes quotes
#Book #Quote #RABINDRANATHTAGORE #Tagore #indianquotes quotes
read moreSchizology
Poetry Where the mind greets the paper Through the pen ©Schizology Poetry #Mind #pen #paper
Neeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
poem
read moreSr11
White Jiska man ka bhav saccha hota hai uska har kam achha hota hai ©Sr11 #love_shayari #Shayari #Love #Life #poem #poem
#love_shayari Shayari Love Life #poem #poem
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White सरकार बनी बेचारी है -२ पेपर लीक कराने वाले ठेके सब सरकारी हैं, सरकार बनी बेचारी है-२ Term बदलकर मंत्री जी फिर से सत्ता में आए, कोई अच्छा काम नहीं बस पेपर रद्द कराए। भर्ती के खातिर पहले हम रोते और चिल्लाते, उसे बचाने के खातिर सड़कों पर लाठी खाते। 100 दिन के एजेंडे की दिखती कैसी तैयारी है, पेपर लीक कराने वाले ठेके सब सरकारी हैं, सरकार बनी बेचारी है -२ 56 इंच के सीने वाले कैसे चुप्पी साधे हैं, अपनी कुर्सी बची रहे बाकी सब राधे राधे है। कुछ तो बोलो मुंह को खोलो इटली अब मत जाओ जी, युवा सड़क पर चीख रहा है थोड़ा शर्म तो खाओ जी। देश के चोरी में शामिल दिखती अब चौकीदारी है, पेपर लीक कराने वाले ठेके सब सरकारी हैं, सरकार बनी बेचारी है -२ ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night paper leak
#good_night paper leak
read morePrawesh Luitel
White बन्धन थियो कुनै बेला, प्रेमले बाँधेको सुन्दर धागो। सपना सजाएका थियौं हामीले, आशा र विश्वासको त्यो मीठो गाग्रो। तर अहिले ती दिन कहाँ हराए? शब्दहरू मौन छन्, आँसु मात्रै बर्राए। अल्झिएर लहरे भावनाहरू, मूक छन् हृदयका वेदनाहरू। तिमीले त भन्थ्यौ, यो सम्बन्ध कहिल्यै टुट्दैन, तर आज किन यो मन एक्लै लुट्दैन? फाटेका छन् ती धागोहरू प्रेमका, टुक्रिएको छ हाम्रो बन्धन सपनाको। मौनता छ, पराईपनको एक शीतल सास, तिम्रो याद अझै आउँछ, तर मनको छैन कुनै आश। के फेरि जुड्ला हाम्रो टुटेको बन्धन? कि रहन्छ यो चिरा सधैं दुखाउने घाउ जस्तो। --- प्रवेश लुईटेल ❣️ ©Prawesh Luitel #Nepali Poem
#nepali Poem
read more