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sanskar jain
आदत थी रिश्तों मे- शक्कर कि तरह धुल मिल जाने का ,,😄😄 याद ही न रहा कि जमाना तो शुगर फ्री हो गया है ,,😳😳 ©sanskar jain शुगर फ्री
शुगर फ्री
read moregaurav sachdeva
आदत थी रिश्तों में दूध-शक्कर की तरह घुल मिल जाने की, पर याद ही नहीं रहा कि ज़माना तो *शुगर फ़्री* हो गया है! शुगर फ्री....
शुगर फ्री....
read moreJaishree Bedi Nanda
उसके बिना ज़िन्दगी शुगर फ्री सी हो गयी है... मीठी तो लगती है पर अब इसमें चीनी सी मिठास नहीं... सच्ची कसम से... उसके बिना ज़िन्दगी शुगर फ्री सी हो गयी है... मीठी तो लगती है पर अब इसमें चीनी सी मिठास नहीं... सच्ची कसम से...
उसके बिना ज़िन्दगी शुगर फ्री सी हो गयी है... मीठी तो लगती है पर अब इसमें चीनी सी मिठास नहीं... सच्ची कसम से...
read morePramod Tiwari
शुगर फ्री होते जा रहे रिश्तों की पतंग कट न जाए । चलो फिर तिल गुड़ की मिठास रिश्तों में लाई जाए । @प्रमोद और माया ।
शुगर फ्री होते जा रहे रिश्तों की पतंग कट न जाए । चलो फिर तिल गुड़ की मिठास रिश्तों में लाई जाए । @प्रमोद और माया । #poem #nojotophoto
read moreAllauddin Ansari
.... अगर pubg बैन होता तो ये लोग चीनियों को ‘शुगर-फ्री’ कर देते। #59appsbanned #pubg #contentmarketing #sarcasm #quote #zindagi
अगर pubg बैन होता तो ये लोग चीनियों को ‘शुगर-फ्री’ कर देते। #59appsbanned #pubg #contentmarketing #sarcasm #Quote #Zindagi
read moreभारद्वाज
आदत सी बन गई है मेरी, रिश्तों में शक्कर की तरह घुल मिल जाने की।। याद ही नहीं रहता , ज़माना तो , शुगर फ्री हो गया है।। ©भारद्वाज #आदत सी बन गई है मेरी, रिश्तों में शक्कर की तरह घुल मिल जाने की।। याद ही नहीं रहता , ज़माना तो , शुगर फ्री हो गया है।।
Mili Saha
// जन्मदिन // कहीं तो खो गए हैं आकर हम समझदारी की दुनिया में, न उछल कूद, न हल्ला गुल्ला कहांँ आ गए इस जहांँ में। बचपन में जन्मदिन पर मन कितना उत्साहित रहता था, सप्ताह भर पहले से ही, चंचल तितली सा ये फिरता था। अब तो अनगिनत जिम्मेदारी और भविष्य की चिंता में, अपनी खुशी, अपना जन्मदिन, कहांँ याद रह पाता हमें। सब की खुशियों का ख़्याल रखते-रखते, खुद को भूले, औरों की खुशियों में हमारी खुशियों के अब फूल खिले। कहाँ मतवाले से हो जाते, बचपन में, इस दिन के लिए, अब तो वक़्त ही नहीं मिलता, इस उतावलेपन के लिए। केक काटने और तोहफा पाने की मन में रहती हलचल, स्नेक्स, कोल्ड्रिंक,चॉकलेट्स देख मन जाता था मचल। गुब्बारे फोड़ते,मिठाइयांँ खाते, खेल होते थे मस्ती वाले, कितने खास हम एहसास कराते जन्मदिन बचपन वाले। जितनी भी कर लो मस्ती न रोक टोक न पड़ती थी डांट, सबकी ज़ुबान पर रहता हमारा नाम और हमारी ही बात। मम्मी पापा, दादा दादी दोस्त, रिश्तेदार,देते थे बधाइयांँ, नाना नानी से सुंदर उपहार पा,खिलती मन की कलियांँ। सभी दोस्त होते थे साथ हल्ला गुल्ला मस्ती का माहौल, दोस्तों का कहना "हैप्पी बर्थडे टू यू" लगते थे मीठे बोल। (पूरी कविता अनुशीर्षक में ) ©Mili Saha जन्मदिन कहीं तो खो गए हैं आकर हम समझदारी की दुनिया में, न उछल कूद, न हल्ला गुल्ला कहांँ आ गए इस जहांँ में। बचपन में जन्मदिन पर मन कितना उत
जन्मदिन कहीं तो खो गए हैं आकर हम समझदारी की दुनिया में, न उछल कूद, न हल्ला गुल्ला कहांँ आ गए इस जहांँ में। बचपन में जन्मदिन पर मन कितना उत #ज़िन्दगी #nojotohindi #sahamili
read moresandy
‘‘उठा, उठा.. दिवाळी आली, मोती स्नानाची वेळ झाली..’ हा हा म्हणता दिवाळी जवळ आली पण असं वाटतच नाही. थंडीचा कुठे पत्ता नाही उलट पाऊस कधीही कोस
‘‘उठा, उठा.. दिवाळी आली, मोती स्नानाची वेळ झाली..’ हा हा म्हणता दिवाळी जवळ आली पण असं वाटतच नाही. थंडीचा कुठे पत्ता नाही उलट पाऊस कधीही कोस #story #nojotophoto
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