Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बायकांना कसे पुरुष आवडतात Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बायकांना कसे पुरुष आवडतात from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बायकांना कसे पुरुष आवडतात.

Stories related to बायकांना कसे पुरुष आवडतात

कौशल ~

#Sad_Status रोता हुआ पुरुष

read more
White 

कभी जो कोई पुरुष
रोये तुम्हारे आगे
तो भर लेना बांहो में
और संभाल लेना उन्हें। 
क्योंकि... 
ये रोये है तो केवल माँ
के आगे... 
दुसरा उस स्त्री के आगे
जिस पर ये भरोसा था की
वो समझेगी। 
बिना कुछ सवाल किये उन्हें
थपकाते रहना... 
और आंचल से पूंछना 
उनके अश्रु
ये जो बह रहा है वो 
लाचारी नही... 
ये तो दर्द है
सफलता असफलता का, 
तानों का, अकेलेपन का, 
जोर से रोने का,
कई बार...बिखरने का
और अंततः वो रोना चाहते है
दर्द को कहना चाहते है
कि  दर्द हुआ है सीने में। 
जो छुपाए रखा फिजूल में
समाज के भय से
कोई ये न कहे की मर्द को 
दर्द नही होता । 
शायद! ये परिभाषा उसे
कभी ठीक नहीं लगी
क्योंकि वो पत्थर नहीं है
जो महसूस न हो उसे
दर्द की बेहद!!! 
कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर

©कौशल ~ #Sad_Status रोता हुआ पुरुष

Anuradha T Gautam 6280

#पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️

read more
#पुरुष
स्त्री पर बरस पड़ता है,

जबकि #स्त्री चाहती है
बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर!

♥️♥️♥️

©Anuradha T Gautam 6280 #पुरुष
स्त्री पर बरस पड़ता है,

जबकि #स्त्री चाहती है
बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर!

♥️♥️♥️

Parasram Arora

पितृ पुरुष बादल

read more
Unsplash बादलों से टूट
 कर एक बार मै 
समुन्दर की  गहराई
 मे सिमट गई थीं  ज़ब 

मुझे ढूढ़ने तब 
मेरा पितृपुरुष 
वो बादल अपने
घर से  निकला

©Parasram Arora पितृ पुरुष बादल

विष्णु कांत

पुरुष कह नहीं पाएगा।

read more

Sumit Kumar

दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

read more
कुछ पुरुष भी

 जला दिये जाते है

उस "दहेज़ की आग" में

 जो उसने कभी माँगा नहीं होता है..

©Sumit Kumar दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

s गोल्डी

वो पुरुष कैसे संभाले खुद को , जो न तो नशा करता है और न ही गालियां देता है।।

read more
वो पुरुष कैसे संभाले खुद को ,
जो न तो नशा करता है और न ही गालियां देता है।।

©s गोल्डी वो पुरुष कैसे संभाले खुद को ,
जो न तो नशा करता है और न ही गालियां देता है।।

SumitGaurav2005

White अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के उपलक्ष में मेरी रचना  " एक पुरुष की पीड़ा "

बिना कोई दहेज लिए भी वो शादी करता है। माँ बाप की पसंद को भी  दिल से अपनाता है।
अधिकांश ढूंढती सरकारी नौकर या धनाढ्य, पुरुष तो अनपढ़ स्त्री को भी अपनाता है।-1

कहने को तो मर्द बहुत ताकतवर होता है। पर उससे बड़ा कमज़ोर कोई नहीं होता है।
कानून भी बने हैं सारे नारी की सुरक्षा के लिए, मर्दों की कोई सुनने वाला कहाँ होता है।-2

जीवन भर अपने परिवार के लिए कमाता है। जोड़कर जमा पूंजी आशियाना बनाता है।
उसके धन को देता कानून स्त्री धन का दर्जा, उसके हिस्से में तो केवल सन्नाटा आता है।-3

बेकसूर होते हुए भी कसूरवार कहलाता है। निष्कपट होते हुए भी गुनहगार साबित होता है।
परिवार की खुशियों के लिये करता है सब, बदले में कहाँ उनसे उतना सम्मान पाता है।-4

पुरुष की पीड़ा को पुरुष ही समझ सकता है। है कोई ऐसा जो इन्हें इंसाफ दिला सकता है।
या यूँ ही जीना पड़ेगा पुरुषों को घुट घुट कर,  ये सोचकर मेरा मन बहुत घबराता है।-5

पुरुष होना भी आसान कहाँ होता है। हर रोज़ हर पल बहुत सहना होता है।
दिखा नहीं सकते अपने आंसुओं को, बस लोगों से छुप कर ही रोना होता है!-6

महिलाओं का सम्मान करना होता है। उनका हर कहा हमें तो मानना होता है।
कोई हम पुरुषों से भी तो पूछ ले साहब, हमारे दिल में भी कुछ अरमान होता है!-7

पुरुष भी बेवफाई का शिकार होता है। दिल टूटने पर पुरुष को भी दर्द होता है।
भावनाओं को हमारी समझने के बजाय, पुरुष ही हर बार घृणा का पात्र होता है!-8

अंत में मैं इतना ही कहना चाहूँगा कि सिर्फ औरत शोषित नहीं होती है, 
मर्द भी शोषित होता है, फर्क सिर्फ इतना है कि
 वो किसी से  कुछ नहीं कहता है!-9
स्वरचित एवं मौलिक रचना #sumitkikalamse 
✍सुमित मानधना 'गौरव', सूरत 💔

©SumitGaurav2005 #sad_quotes 
पुरुष  की  पीड़ा #international_mens_day #internationalmensday 
#BreakUp #Broken  #brolenheart #Divorce #सुमितमानधनागौरव
 #sumi

Anuradha T Gautam 6280

एक स्त्री को #जिंदा_लाश बनाकर अपना #भविष्य अच्छा बनाने के लिए #दूसरे_स्त्री के साथ रहने वाला #पुरुष #जीवनपर्यंत प्रेम के लिए तरसता है..🖊️

read more

सौ.Pratibha मगर

मराठीशब्दसखी मराठीकविता पुरुष समजून घेताना

read more

सौ.Pratibha मगर

#मराठीशब्दसखी पुरुष दिनानिमित्त एक रचना

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile