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Veer Keh Raha
गूँज उठी है ध्वनि विजय की,हिन्द समूचा हर्षित है सिंहगर्जना सुनकर सारे,भारतवासी गर्वित है। महावीर लंका में जाकर,दहन समूचा कर आये आतंकी दानव का हृदय,भीषण भय से भर आये। भुजदंडें भी फड़क रही है,हाथ में परशु धारा है जैशों के सूबेदारों को,घर में घुसकर मारा है। बनकर माधव शिशुपालो को,क्षमादान भी देते है धार सुदर्शन आगे बढ़कर,शीश काट भी लेते है। #NojotoQuote बनकर माधव शिशुपालो को,क्षमादान भी देते है धार सुदर्शन आगे बढ़कर,शीश काट भी लेते है। #surgicalstrike #indianairforce #indianarmy
Meenakshi
Bharat Bhushan pathak
#RIPRohitSardana महाकाल! विषहर, धर मार ये विषधर। दे दान, जीवनज्योति सबको देकर क्षमादान अबोध जान, कर दया तू दयावान। जब भी मुख को, हम खोलें हो केवल ॐ निनाद, स्वाँस ॐ निश्वास ॐ ॐ ही हो प्रश्वास। और ॐ ही उच्छवास🙏 भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak महाकाल! विषहर, धर मार ये विषधर। दे दान, जीवनज्योति सबको देकर
Sonam Jain
कुछ तो भूल की थी मैने गलतियों को भी मौका दिया था अपमानजनक व्यवहार न चाहते हुए भी कभी कभी हुआ था बोलने में कटुता अाई थी मित्रता में भी शत्रुता छाई थी जाने अनजाने में भी आपका दिल दुखाया था सबके लिए क्षमा याचना करती हूं दोनों हाथ जोड़कर मिच्छामि दुकक्डम बोलती हूं Sonam क्षमापना पर्व 🙏🏼🙏🏼🙏🏼 माफी मांग लेने से कोई छोटा नहीं होता और जो माफ कर देता है उसका दिल तो बहुत बड़ा होता है क्षमादान महादान🙏🏼👍 nojoto परिवा
Madhu Jain
I forgive you those who hurted me to the extreme level. And I forgive them and free my soul from bondage of meeting again. I felt sorry for myself for trusting untrustworthies And so I let free myself from bondage of karmic actions too. I forgive I forgive I forgive. Hello Resties!❤️ Day 12 #RZToPoWriMo12 is for you to write My Forgiveness Poem/ मेरा क्षमादान काव्य •All of us have been hurt by people o
Srilatha Gugunta
The walk in the life.. do not do with hatred.. let the undefeated hope.. meet the needs of joy.. the kindness of heart.. let it walk to the crowd.. spend hours of time.. to analyse the opinions.. withdraw the outgrown.. undeserving branches.. that hide beneath the skin.. as the heart take the lead.. to that indelible moment.. of the deepest forgiveness.. be yourself ! Hello Resties!❤️ Day 12 #RZToPoWriMo12 is for you to write My Forgiveness Poem/ मेरा क्षमादान काव्य •All of us have been hurt by people o
Sangeeta Patidar
तुम्हारे ही सुकून की ख़ातिर, जाओ तुम्हें मैंने माफ़ किया, मिटा अँधेरे उजाले की ख़ातिर दिल अपना साफ़ किया। बहते हर एक अश्क से ही, धो ली मैंने अपनी रुस्वाइयाँ, भुलाकर, दिया दर्द अपनी ख़ुशी के साथ इंसाफ़ किया। रहे नहीं जब तुम्हीं क़रीब तो उम्दा है दूरियों का ख़याल, दफ़्न कर ख़्वाहिशें, अपने मन को भी मैंने क़ाफ़ किया। ख़ुद को आगे बढ़ाने से बेवजह रोकती हैं बीती बातें भी, थामूँ अब ज़िंदगी का हाथ, तो साथ भी ख़िलाफ़ किया। होती कितनी घुटन, जाने ऐसे-कैसे जी लेते लोग 'धुन'! रहूँ न बोझ तो अब ख़ुद को ख़ुद का ही ग़िलाफ़ किया। क़ाफ़- Mountain, ग़िलाफ़- Cover, Shield Hello Resties!❤️ Day 12 #RZToPoWriMo12 is for you to write My Forgiveness Poem/ मेरा क्षमादान क
Poetry Of SJT
. भ्रम पाले तुम बैठे हो कि कश्मीर तुम्हें मिल जाएगा , जिस दिन भी गर हुआ सामना तब समझ फिर आएगा , अभी वक़्त है समझ सको तो ना भूलो औकात को, काश्मीर के चक्कर में पाकिस्तान भी हाथ से जाएगा टुकड़ों में पलते आया है टुकड़ों में ही मिल जाएगा , हद की सीमा पार किया तो ऊपर सीधा जाएगा , माफ़ी नहीं दी जाएगी अब गया समय पहले वाला , इतने टुकड़े करेंगे की सौ जन्म भी गिन ना पाएगा , जो अब भी ना माने तो इतिहास वही दोहराएगा , क्षमादान तब पाए थे अब कोई को न छोड़ा जाएगा , नीच हरकतों से गर तुम अब बाज़ नहीं आए तो फिर , दुनिया के नक्शे में से पाकिस्तान हटा दिया जाएगा , जो दोहरा रहा गलती इक दिन बहुत पछताएगा , अभी समय है सुधर जा नहीं फिर मातम छा जाएगा , तरस करो उन मां बहनों पर बूढे बच्चों का ख्याल करो , क्या बोलेगा उस रब से या फिर मौन खड़ा रह जाएगा , 🇮🇳जय हिन्द 🇮🇳 ©Poetry Of SJT . भ्रम पाले तुम बैठे हो कि कश्मीर तुम्हें मिल जाएगा , जिस दिन भी गर हुआ सामना तब समझ फिर आएगा , अभी वक़्त है समझ सको तो ना भूलो औकात को, काश
भाग्य श्री बैरागी
"आत्म समर्पण" आज तक ज़िंदगी में मेरी थाली में जो भी मिला है, आपकी कृपा का चलता रहा बस यूॅं सिलसिला है। कोई भी दुःख दुनिया के जब-जब मुझे सताते हैं, सब लोग यहाॅं तेरा दर मुझे तब-तब ही बताते हैं। बारम्बार शरणागत हूॅं,चाहे कितना घोर पापी नर हूॅं, वो ईश्वर ही हैं दानी,चाहे ग्राही कोई भी पापी चर हो। मैं लोभी हूॅं, माॅंगता हूॅं, लाचार हूॅं मनुष्य प्रवृत्ति से, अपनाओ अब बचाने आओ हर झूठी आसक्ति से। जैसी भी हूॅं तेरी हूॅं, नित नए मोह में पड़ जाती हूॅं, क्षमादान दे दो अब, याचना भी नही कर पाती हूॅं। जो रूप बताऍं हैं पुरखों ने मुझे, वही रूप है तुम्हारा, भक्ति में प्रबलता नही,जो दिखता असल स्वरूप तेरा। मैं सामने तुम्हारे मुजरिम सी, सज़ा मेरी सुना देना, सज़ा का भागी न बनाओ मुझे, ऐसा दंड न देना। किया नही आज तलक एक सजदा भी असहायों हेतु, मूर्ख मूढ़ कैसे भुला दूॅं,बुरे समय में केवल अपना हेतु। इतने पर भी अपनाते हो, इष्ट मेरे तुम बन जाते हो, मैं भूलें ही भूलें करती हूॅं, तुम क्षमा दे मुस्कुराते हो। Day 6 "आत्म समर्पण" आज तक ज़िंदगी में मेरी थाली में जो भी मिला है, आपकी कृपा का चलता रहा बस यूॅं सिलसिला है। कोई भी दुःख दुनिया के जब-