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theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला

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White इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो,
इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो।
सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम,
बग़ैर ज़ख्मों वाला इश्क़ चाहते हो।

सुना है इश्क़ ने बहुत दीवारें गिराई हैं,
इश्क़ के सरहदों को मिटाना चाहते हो।
कितने फना हुए इश्क़ के इम्तिहान में,
दर्द बग़ैर इश्क़ का गुलज़ार चाहते हो।

बिन आवाज़ दिए बुला रहे हो उसको,
बग़ैर जज़्बात इश्क़ का जुनून चाहते हो।
इश्क़ के खेल में लोग छोड़ देते हैं पसीने,
बग़ैर बहाए खून इश्क़ का हार चाहते हो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 
इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो,
इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो।
सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम,
बग़ैर ज़ख्मों वाला

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#traveling में मुर्शद तू मुर्शद ये सारा जहां मुर्शद हो गया प्यार के तराने लिखता लिखता में तो खुद बेगाना हो गया

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Unsplash में मुर्शद तू मुर्शद 
ये सारा जहां मुर्शद हो गया
प्यार के तराने लिखता लिखता
 में तो खुद बेगाना हो गया

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #traveling में मुर्शद तू मुर्शद 
ये सारा जहां मुर्शद हो गया
प्यार के तराने लिखता लिखता
 में तो खुद बेगाना हो गया

अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest Instag

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"जनता, पत्रकार और सरकार"

हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है।
परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है।
             वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है।
            आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है।
            इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा।

जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳

©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs

#भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी  #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest #Instag

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, क

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ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के,
और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द।

ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे,
कुछ नहीं बचता कोई अंज़ाम हो जाने के बा'द।

रूह में जलती रहीं यादों की परछाइयाँ,
और ख़ाली हो गया पैग़ाम हो जाने के बा'द।

एक मंज़र है अधूरे चाँद सा दिल में कहीं,
और गहरा हो गया अंधेरा तमाम हो जाने के बा'द।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के,
और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द।

ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे,
क

अदनासा-

हिंदी विचार पत्रकारिता उद्योग RadheGovinda अदनासा आज का विचार आज शुभ विचार अनमोल विचार Extraterrestrial life आज का विचार सुप्रभात

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Vinod Mishra

"आग्रह के साथ विनम्रता हो और विनम्रता के साथ सत्यता हो तो ऐसे में आग्रह को सत्याग्रह बनने में देरी नहीं लगती." #विनोद #मिश्र मोटिवे

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Praveen Jain "पल्लव"

#chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है

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पल्लव की डायरी
खून में सने हाथ
,कत्ल सरेआम हो रहे है
भड़कते दंगे बलबे
 चुनौती सबको दे रहे है
पीड़ित है उनसे जन जन
जहर समाज को दे रहे है
मगर एक बूंद मच्छर किया पीले
उससे रोकथाम के लिये
विज्ञापनों में चर्चे हो रहे है
कटघरे में मुझे खड़ा कर
मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है
                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है

Nayra ~ ALL IN ONE

इंसान हो के ये भी नहीं किया तो काहे का इंसान हो #nojohindi nojoto #lifelessons

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Anuradha T Gautam 6280

#कविता कविता के कई मतलब हो सकते हैं पर कविता कभी मतलबी नहीं हो सकती..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ १९/११/२४

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Uttam Bajpai

हिंदी कॉमेडीफनी संता सिंह के साथ गजब हो गया

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