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Stories related to चब्बी जनुअरी क्यों मनाते हैं

gaTTubaba

#Newyear2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले

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New Year 2025 दिन बदल जाते हैं 
साल बदल जाते हैं 

चेहरे ही क्यों ?
आइने भी बदल जाते हैं 


दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले 
क्यों थक हारकर एक दिन ?

सबको बदलते बदलते 
खुद ही बदल जाते हैं 


हंसने लगे थे सब पत्थर पर की,
"ये बदलता क्यों नहीं ?"


पहचान मिटाकर दौड़ में 
वो भी शामिल हुआ 


कहने लगा , "सब बदल रहे हैं 
चलो हम भी बदल जाते हैं....!"

©gaTTubaba #Newyear2025 दिन बदल जाते हैं 
साल बदल जाते हैं 

चेहरे ही क्यों ?
आइने भी बदल जाते हैं 


दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले

Lotus Mali

"बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं लेकिन ना जानें क्यों....? ये हिमालाय किसका दर्द अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!" https://lotusshayari.blogspot.

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"बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं
लेकिन ना जानें क्यों....?
ये हिमालाय किसका दर्द
अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!"
https://lotusshayari.blogspot.com/

©Lotus Mali "बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं
लेकिन ना जानें क्यों....?
ये हिमालाय किसका दर्द
अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!"

https://lotusshayari.blogspot.

Suhana safar

आखिर क्यों... #justthought

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White   एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है
किसी का साथ 
किसी की मुस्कुराहट    
 चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत  लगना 
एक  ही इंसान में सब कुछ मिल जाना
वह पहली बार मिलना 
बहुत सारी बातें करना 
दिल खोल कर रख देना 
 वह अंदर ही अंदर खुश होना 
दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना
 यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है 
तुम हो तो मेरी हर खुशी है
एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...….

©Suhana safar आखिर क्यों... #justthought

Bhupesh Pachori

हां अब वापस लौट जाते हैं क्यों पड़े हैं बेवजह रिश्त में

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White जख्मो से मेरे नमक
 रिसता जा रहा है 
ये मैंने ही भरे थे 
कभी किसी जिस्म में
अब याद आ रहा है 
गिन गिन के 
हम भी थे कमीने 
किस किस्म के

©Bhupesh Pachori  हां अब वापस लौट जाते हैं क्यों पड़े हैं बेवजह  रिश्त में
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