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dilkibaatwithamit
इतनी शिद्दत से गले मुझ को लगाया हुआ है ऐसा लगता है कि वक़्त आख़िरी आया हुआ है अब के होली पे लगा रंग उतरता ही नहीं किस ने इस बार हमें रंग लगाया हुआ है ©dilkibaatwithamit इतनी शिद्दत से गले मुझ को लगाया हुआ है ऐसा लगता है कि वक़्त आख़िरी आया हुआ है अब के होली पे लगा रंग उतरता ही नहीं किस ने इस बार हमें रंग लग
इतनी शिद्दत से गले मुझ को लगाया हुआ है ऐसा लगता है कि वक़्त आख़िरी आया हुआ है अब के होली पे लगा रंग उतरता ही नहीं किस ने इस बार हमें रंग लग
read moreRAVI PRAKASH
White हिचकी को हर बार मोहब्बत ना समझो क्योंकि कभी कभी मौत भी याद करती है। ©RAVI PRAKASH #Thinking हिचकी को हर बार मोहब्बत ना
#Thinking हिचकी को हर बार मोहब्बत ना
read moreSrinivas
एक बार जलना तक़दीर थी, दूसरी बार जलना तेरी भूल होगी। जो आग लगा चुका, वो बुझाने नहीं आएगा! ©Srinivas एक बार जलना तक़दीर थी, दूसरी बार जलना तेरी भूल होगी। जो आग लगा चुका, वो बुझाने नहीं आएगा!
एक बार जलना तक़दीर थी, दूसरी बार जलना तेरी भूल होगी। जो आग लगा चुका, वो बुझाने नहीं आएगा!
read more- Arun Aarya
07-02-2025 और नहीं छिपाते ख़ुद को तुम्हारे सामने जाते हम , सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा ही हाथ थामने जाते हम ! काश ! तुम भी करती मोहब्बत मुझें बिल्कुल मेरी तरह ,, तो यक़ीन मानों इस माँग में तुमने माँगने जाते हम..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #VickyKatrinaWedding #इस माँग
#VickyKatrinaWedding #इस माँग
read moreHarpinder Kaur
White कुछ तो शेष बचा है तेरे मेरे दरमियान चल बैठ कर आपस में बांट लिया जाए अपना हिस्सा मुझे देना तुम और मेरा हिस्सा तुम रख लेना कुछ यूं ही जिंदगी को काट लिया जाए यादें तो चलती रहेंगी उम्र भर के लिए आ मरने से पहले एक दूजे को गले लगा लिया जाए याद तो होगा तुम्हें सुधा और चंदर का प्रेम आ एक बार फिर अब खुद को गुनाहों का देवता बना लिया जाए आ बिछड़ने से पहले एक दूजे को गले लगा लिया जाए ©Harpinder Kaur # आ फिर से एक बार......
# आ फिर से एक बार......
read moreबेजुबान शायर shivkumar
" इस बार मैंने लोगो को नहीं, खुद को चुना है खुद के लिए " अकेले रहते रहते, लोगो की उन हकीकत जानते समझते, सबसे दूर होते होते, आदत सी पड़ गई अब अकेला रहने की.. तो अब लोगो का साथ अब घुटन सा लगने लगा है..! मैं सही हूं या गलत मुझे नहीं पता पर अब यहीं मेरी जिंदगी है.. मुझे मेरा अकेलापन ही अब बेहतर लगता है लोगो के साथ से ! --डॉ.सुधीर मल्होत्रा ©बेजुबान शायर shivkumar " इस बार मैंने लोगो को नहीं, खुद को चुना है खुद के लिए " अकेले रहते रहते, लोगो की उन हकीकत जानते समझते, सबसे दूर होते होते, आदत सी पड़ गई
" इस बार मैंने लोगो को नहीं, खुद को चुना है खुद के लिए " अकेले रहते रहते, लोगो की उन हकीकत जानते समझते, सबसे दूर होते होते, आदत सी पड़ गई
read moreआचार्य योगेश शर्मा
मेरे जीवन की पहली भागवत कथा में भूतौ का सामना उस समय मैं 21 बर्ष का था मै गया तो था गुरु जी से मिलने उसी समय पर वहां अशोक कुमार जी बरेली से आये हुये थे गुरूजी से आशीर्वाद लेकर मे गुरुजी के चरणों की सेवा कर रहा था । उसी समय गुरूजी हमसे बोले तुम कथा कर लोगे हमने कहा गुरु जी कभी किये तो नही पर अध्ययन तो पूरा है पर कभी किया नहीं है फिर करो जी ने हमसे कहा अशोक कुमार जी की कथा आपको करनी है बड़ा आयोजन है कथा पंडाल में हो गई और और हमारा आशीर्वाद है तुम्हें जब गुरु जी ने हमें ऐसा कहा तो हमने सोचा कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो घबराने की काहे बात है हमने कोई तैयारी भी नहीं की थी उसे दिन के चार दिन बाद ही कथा प्रारंभ थी कथा स्थल पर हम पहुंचे दो ब्राह्मण भी हमारे साथ थे माला संध्या उपासना करने वाले जैसे ही हम बरेली पहुंचे अशोक कुमार जी हमें स्टेशन पर लेने आए अपनी निजी गाड़ी से हमें अपनी हवेली पर लेकर गए अशोक कुमार जी ने हमें हवेली की तीसरी मंजिल पर ठहराया अशोक कुमार जी के पिताजी वहां पर थे उनका नाम था लक्ष्मण प्रसाद लक्ष्मण प्रसाद जी ने हमसे पूछा कि आप कथा कर पाओगे यहां पर हमने कहा कथा करने ही तो आए हैं उन्होंने बताया यह कथा प्रेत बाधा के लिए कराई जा रही है इस हवेली में अनेक प्रकार की आत्माएं हमें परेशान करती है किसी ने बताया है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से उनकी मुक्ति होगी लेकिन इस हवेली में एक रात से ज्यादा यहां पर कोई टिक नहीं पता तो आप कर सकोगे हमने कहा गुरु जी का आशीर्वाद है सब हो जाएगा तो शाम का 4:00 गया था हम अपनी संध्या उपासना करने के लिए बैठे कुछ समय तो बढ़िया बैठे रहे अपनी उपासना करते रहे थोड़ी देर बाद उसे कमरे में जिसमें हम बैठे थे ट्यूब लाइट जल रही थी एक ट्यूबलाइट चौक में जल रही थी फिर भी वहां पर कम से कम 11 है आत्माएं उपस्थित हुई और हमें परेशान करने लगी फिर हम डरने लगे लेकिन गुरुजी ने आशीर्वाद दिया था और अपने ध्यान में लग रहे कुछ देर बाद वह आत्माएं मिलकर के आक्रमण करना चाहती थी फिर हमारे पास जो जल रखा था उसे जल से हमने उनके ऊपर छींटे मारें फिर उनमें से एक आत्मा ने बात किया आवाज आई हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे बस हम मुक्ति चाहते हैं फिर हमने कहा श्रीमद् भागवत की शरण में आओ और सप्ताह प्राण आप सुनो आपकी सद्गति होगी उसके बाद संध्या उपासना करके जब हम उठे तो हम पहुंचे जहां हमारे दो ब्राह्मण ठहरे हुए थे उन्होंने कहा महाराज जी बड़े जल्दी आ गए तो हमने कहा जल्दी ही काम हो गया तो आ गए उन ब्राह्मणों को भी उन आत्माओं ने हमसे पहले डराया था वह तो वहां से भागने लगे फिर हमने उनको समझाया और कहा आप हमारे साथ रहो कुछ नहीं बिगड़ेगा फिर दूसरे दिन जब हम संध्या के लिए बैठे तो उन आत्माओं ने कहा कि हमारे मुक्ति के लिए इस हवेली के नीचे नीचे खाना है उसे तहखाना में हमको हमको युद्ध के समय बंधक बनाकर बंद कर दिया गया था तब से हम इसी हवेली में रहते हैं फिर अशोक कुमार जी हमारे लिए भोजन लेकर आए तो हमने उनको यह सब बताया उन्होंने कहा महाराज जी यह हवेली राजा महाराजाओं के समय की है और हमारे दादा ने इसे खरीदा था एक दिन हमारे पिताजी ने इस तहखाना को खुलवा दिया था तब से ही घर में हलचल मची हुई है फिर हमने अशोक कुमार जी को आश्वासन दिया और कहा कि आप कथा स्थल पर मंडप की व्यवस्था करो और कल से प्रोग्राम चालू करें सब ठीक होगा उसके बाद साथ दिवस कथा हुई गुरु जी की कृपा से आशीर्वाद से कथा मैं कोई रुकावट नहीं आई और जो प्रेत आत्माएं थी वह भी मुक्ति को प्राप्त हो गई जय श्री राधे ©आचार्य योगेश शर्मा जीवन में पहली बार भूतों से सामना
जीवन में पहली बार भूतों से सामना
read morePransingh Fheshan
hot boy सोचा था इस कदर आपको भूल जाएंगे देख कर भी अनदेखा कर जायेंगे, लेकिन जब आया चेहरा आपका सामने सोचा कि इस बार देखले अगली बार भूल जायेंगे... ©Pransingh Fheshan सोचा था इस कदर आपको भूल जाएंगे देख कर भी अनदेखा कर जायेंगे, लेकिन जब आया चेहरा आपका सामने सोचा कि इस बार देखले अगली बार भूल जायेंगे... motiv
सोचा था इस कदर आपको भूल जाएंगे देख कर भी अनदेखा कर जायेंगे, लेकिन जब आया चेहरा आपका सामने सोचा कि इस बार देखले अगली बार भूल जायेंगे... motiv
read mores गोल्डी
घने कोहरे में सुबह का ये पहर... चाय संग तुम्हारे पुराने मैसेजेस और बैकग्राउंड में बजता.... ... ... "बहुत आयी गयीं यादें मगर इस बार तुम्हीं आना" 💞 ©s गोल्डी घने कोहरे में सुबह का ये पहर... चाय संग तुम्हारे पुराने मैसेजेस और बैकग्राउंड में बजता.... ... ... "बहुत आयी गयीं यादें मगर इस बार तुम्हीं आ
घने कोहरे में सुबह का ये पहर... चाय संग तुम्हारे पुराने मैसेजेस और बैकग्राउंड में बजता.... ... ... "बहुत आयी गयीं यादें मगर इस बार तुम्हीं आ
read moreनवनीत ठाकुर
"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी दिल दर्द से भर गया, हर बार तुमसे जो उम्मीदें थीं, इस बार भी ख्वाबों की तरह बिखरा। "तेरी कसमों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
#नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
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