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Achal Deshmukh
✍️"देखो सोचना गलत नही है, पर अगर आज को छोडकर कल का सोचा तो जिने मै क्या मजा ....! इसलिये थोडा अलग लागेगा,क्योकी हम जरा अलग मिजाज के है, सोचते हम भी आपकी तरह, जिने-मरणे कि बंधने हमे भी है,पर उसके बीच मै का सफर हमे ज्यादा मायने रखता है, इसलिये, थोडासा अंदाज हमारा आपसे हटके है"...✍🏻️✍🏻️ -AachalD✒️ शब्दांच्या प्रवासात.. ✍🏻️🏞️ ©Achal Deshmukh #shayri #शब्दांच्या प्रवासात... 😊
#shayri #शब्दांच्या प्रवासात... 😊 #शायरी
read moreVibhan tyagi
युही नहीं बंदगी रखता हु इंसान वाली जात से, बड़ा इम्तेहान लेती है ये दो पैरो पर चलने वाली बिरादरी जात
जात
read moreManmohan Dheer
ख़ुद से आज बात की जाए चलो ये मुलाक़ात की जाए . दिन गर्म हो चले हैं बहस में फैसले की इक़ रात की जाए . मुझमें ही गुम होगा अहद मेरा थोड़ी बहुत मालूमात की जाए . आईने को झूठा साबित करके शैतानी कोई करामात की जाए . चेहरे उतार के धीर अब सोचता है इंसां से आदम की जात की जाए . जात
जात
read moreVivekG poetry
इश्क को जात खा गई हमारी हम ठहरे मौर्यवंसी और वो निकली राजपूतानी ©VivekG poetry #जात
Priya Tambde
जातीच्या जात्यात कसा माणूस भरडतो... आणि अचानक माणुसकीला रंग जातीचा चढतो.......!! चार खुंटे मिळून लाखोंना भडकावून.... एकविसाव्या शतकात आपण कुठे पडलोय अडकून........!!! रोज का नाही आठवत जात जाता जाता बाजारात...... मित्र निवडताना कुठल्या जातीच्या हजारात......!! रक्तदान करताना पाहिली का जात कुणाची.... रक्त चढवताना पाहिली का जात रक्ताची........!!! जातपात पाहिली का कधी चंद्र सूर्य आणि ताऱ्याने...... श्वास कधी जातीधर्माचा ठरविला का वाऱ्याने........!!! घास कधी विचारतो का भुकेला तिची जात.... पाण्याने कधी पाहिली का तहानलेल्याची जात.......!!! प्रिया तांबडे १९-०९-२०१९ जात
जात #poem
read morePriya Tambde
जातीच्या जात्यात कसा माणूस भरडतो... आणि अचानक माणुसकीला रंग जातीचा चढतो.......!! चार खुंटे मिळून लाखोंना भडकावून.... एकविसाव्या शतकात आपण कुठे पडलोय अडकून........!!! रोज का नाही आठवत जात जाता जाता बाजारात...... मित्र निवडताना कुठल्या जातीच्या हजारात......!! रक्तदान करताना पाहिली का जात कुणाची.... रक्त चढवताना पाहिली का जात रक्ताची........!!! जातपात पाहिली का कधी चंद्र सूर्य आणि ताऱ्याने...... श्वास कधी जातीधर्माचा ठरविला का वाऱ्याने........!!! घास कधी विचारतो का भुकेला तिची जात.... पाण्याने कधी पाहिली का तहानलेल्याची जात.......!!! प्रिया तांबडे १९-०९-२०१९ जात
जात #poem
read moreArmaan Ali
आओ यारों तुम्हे एक कहानी सुनाऊं सुनाकर अफसाना दिल देहलाऊं मेंने भी एक सेहरा से फूल चुराया था हां मेंने भी किसी को अपना बनाया था अरे गौर करो यारों मेरी बातों पे मै भी जागा था कभी रातो में हुसन का दीवाना ना था में उसकी सादगी पे मरता था बड़ी मोहब्बत थी उससे मगर बताने से डरता था वो हूर से कम ना थी उससे परिया भी शर्माती थी उसके मन में भी कुछ बाते थी जो वो मुझे कहना चाहती थी एक रोज करके हिम्मत मेंने उससे इजहार कर दिया उसने भी इश्क़ का आँखों इशारा कर दिया चमन में जैसे लगा कोई बाहर आयी है मुझे ऐसा लगा जैसे किस्मत खुद चलके आयी है मेरी खुशियों का कोई ठिकाना ना था मेरे पास उदास रहने का कोई बहाना ना था बस फिर क्या था जिंदगी मेरी ऐसे मोड़ पर खड़ी हो गई मेरी मोहब्बत छोटी और वो बड़ी हो गई मेरी किस्मत ने मेरा साथ छोड़ दिया और उस फूल ने भी मेरा हाथ छोड़ दिया मेंने पूछा की क्यों छोड़ दिया साथ मेरा उसने कहाँ की अब तू ना रहा महबूब मेरा हम दोनों के बिच ऐसी कोनसी बात आ गई? (उसने जवाब दिया ) ना तुम बुरे हो ना मै बेवफा हूं हम दोनों के बीच में जात आ गई #अरमान ©Armaan Ali #जात