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Amit Singhal "Aseemit"
नागरिकों को दिन रात जब सताता है युद्ध का आतंक, उनके लिए तो यह ज़हरीला होता जैसे साँप का डंक। ©Amit Singhal "Aseemit" #युद्ध #का #आतंक
abhishek💞
प्रेम क्या है ?? दिल का युद्ध दिमाग के विरूद्ध दिल का युद्ध !!
Shivam Gupta
जिन्दगी एक ऐसा युद्ध हैं जहां हर पल जीत या हार मिलती हैं ©Shivam Gupta जिंदगी का युद्ध #Light
!! सनातनी जीतू !!
निर्बल बकरों से बाघ लड़े,भिड़ गये सिंह मृग-छौनों से घोड़े गिर पड़े गिरे हाथी,पैदल बिछ गये बिछौनों से हाथी से हाथी जूझ पड़े ,भिड़ गये सवार सवारों से घोड़ों पर घोड़े टूट पड़े,तलवार लड़ी तलवारों से हय-रूण्ड गिरे¸गज-मुण्ड गिरे,कट-कट अवनी पर शुण्ड गिरे लड़ते-लड़ते अरि झुण्ड गिरे,भू पर हय विकल बितुण्ड गिरे क्षण महाप्रलय की बिजली सी,तलवार हाथ की तड़प–तड़प हय–गज–रथ–पैदल भगा भगा,लेती थी बैरी वीर हड़प क्षण पेट फट गया घोड़े का,हो गया पतन कर कोड़े का भू पर सातंक सवार गिरा,क्षण पता न था हय–जोड़े का चिंग्घाड़ भगा भय से हाथी,लेकर अंकुश पिलवान गिरा झटका लग गया,फटी झालर,हौदा गिर गया¸निशान गिरा कोई नत–मुख बेजान गिरा,करवट कोई उत्तान गिरा रण–बीच अमित भीषणता से,लड़ते–लड़ते बलवान गिरा मेवाड़–केसरी देख रहा,केवल रण का न तमाशा था वह दौड़–दौड़ करता था रण,वह मान–रक्त का प्यासा था चढ़कर चेतक पर घूम–घूम,करता सेना–रखवाली था ले महा मृत्यु को साथ–साथ,मानो प्रत्यक्ष कपाली था रण–बीच चौकड़ी भर–भरकर,चेतक बन गया निराला था राणा प्रताप के घोड़े से,पड़ गया हवा को पाला था गिरता न कभी चेतक–तन पर,राणा प्रताप का कोड़ा था वह दोड़ रहा अरि–मस्तक पर,या आसमान पर घोड़ा था जो तनिक हवा से बाग हिली,लेकर सवार उड़ जाता था राणा की पुतली फिरी नहीं,तब तक चेतक मुड़ जाता था सेना–नायक राणा के भी,रण देख–देखकर चाह भरे मेवाड़–सिपाही लड़ते थे,दूने–तिगुने उत्साह भरे क्षण मार दिया कर कोड़े से,रण किया उतर कर घोड़े से। राणा रण–कौशल दिखा दिया,चढ़ गया उतर कर घोड़े से क्षण भीषण हलचल मचा–मचा,राणा–कर की तलवार बढ़ी था शोर रक्त पीने को यह,रण–चण्डी जीभ पसार बढ़ी वह हाथी–दल पर टूट पड़ा,मानो उस पर पवि छूट पड़ा कट गई वेग से भू ऐसा,शोणित का नाला फूट पड़ा ऐसा रण राणा करता था,पर उसको था संतोष नहीं क्षण–क्षण आगे बढ़ता था वह,पर कम होता था रोष नहीं कहता था लड़ता मान कहां,मैं कर लूं रक्त–स्नान कहां जिस पर तय विजय हमारी है,वह मुगलों का अभिमान कहां भाला कहता था मान कहां¸,घोड़ा कहता था मान कहां? राणा की लोहित आंखों से,रव निकल रहा था मान कहां ,,,श्याम नारायण पाण्डेय ©ब्राह्मणवंशी जीतू मिश्रा (विद्रोही जी) @हल्दीघाटी का युद्ध 'चेतक'
Dipika Saini
इतिहास में कहा दर्ज होते हैं वो युद्ध.. जो मन के भीतर चलते हैं.. .💥💫✍✍ राधे राधे 👏♥ ©Dipika Saini मन के भीतर का युद्ध........
Ek villain
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध लंबा छिनता जा रहा है युद्ध आराम करने वाला रोज कहीं से पीछे हटता हुआ नहीं दिख रहा रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु हथियारों से संबंधित अपने टीम को हाई एलर्ट मोड पर रखने का आदेश दिया यदि दुर्भाग्यवश इस युद्ध में परमाणु हथियार का उपयोग किया गया तो उसे दुष्प्रभाव समूचे विश्व प्रभु का परमाणु बम से विस्फोट से 1 पॉइंट 6 से 3:00 करोड़ तेंदुलकर राकोड़ा करवाते हुए कई किलोमीटर तक लंबे समय के छा जाएगी जैसे धरती पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आ सकती है बारिश हो सकती है फसलों के उत्पादन पर असर की आशंका बढ़ जाएगी नदी रन भुखमरी जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों ने धरती की रक्षा करने वाली ओजन परत पूरी चिन चिन हो जाएगी परमाणु विकिरण और आणविक तत्वों के कहर से यदि कोई जीवित रहा है तो उसे पराबैगनी किरणे समाप्त कर देंगे कुल मिलाकर युद्ध से करोड़ों वर्ष में विकसित हो सकता हो जाएगी आज विश्व में 50,000 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं और प्रत्येक हथियार की क्षमता जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहर को एक झटके में विनाश करने के लिए उपयुक्त है ©Ek villain #पर्यावरण पर युद्ध का दुष्प्रभाव #Moon
Prem Shanker pandey
धर्म युद्ध, धर्म युद्ध, धर्म युद्ध.....