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Ek villain
हाल में डेयरी उद्योग से जुड़े एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत इस चित्र में जो विराट सफलता अर्जित की है उसकी कर्णधार मुख्य रूप से महिलाएं ही है उनका यह कहना उचित ही है क्योंकि देसी डेयरी उद्योग को 70% कामकाजी आबादी महिलाओं की है और यह उनकी मेहनत का ही परिणाम है कि भारत में डेयरी उद्योग प्रति वर्ष 6% की दर से वृद्धि कर रहा है जबकि वैश्विक वृद्धि दर मात्र 2% की है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि करीब 800000 करोड रुपए के दायरे वाले डेयरी उद्योग की कुंजी महिलाओं के हाथ में है वैसे भारत की कामकाजी आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी अभी अपेक्षित स्तर पर नहीं है लेकिन डेयरी उद्योग में उनकी ऐसी सक्रियता से मिली सफलता यह दर्शाती है कि उद्योगपति को मामले में भी महिलाएं भी जोड़ हैं और उन्हें अवसर मिले तो वे स्वयं को सिद्ध करने में पूरी तरह सक्षम है ©Ek villain #डेयरी उद्योग में महिलाओं की सफलता #lunar
JALAJ KUMAR RATHOUR
Happy chocolate day quotes messages यार कॉमरेड, मुझे नहीं लगता कि रिश्तों में बाहर से मिठास पैदा की जा सकती है।ये चॉकलेट्स प्रेम को रिझाने का साधन मात्र हो सकती है।लेकिन तुम कहो कि ये प्रेम में मिठास घोल देती हैं तो मैं तुमसे असहमत होऊंगा।मुझे नहीं पता कि की क्यूं हम ये चॉकलेट्स के सहारे अपनी प्रेमिका को रिझाने की कोशिश करते हैं।मुझे तो लगता है ये किसी व्यापारी का दिमाग रहा होगा जिसने व्यापार को प्यार से जोड़ दिया।बचपन में इलायची वाली और किस मी वाली टॉफी खाकर अंतर्मन को जो सुख मिलता था वो शायद आज इन डेयरी मिल्क और कैडबरी से भी नहीं मिलता।लेकिन चॉकलेट से एक चीज जरूर सीखने को मिलती है कि अपने अंदर की कड़वाहट मिटा कर हम सबके प्रिय बन सकते हैं।तो सबके प्रिय बनिए और चॉकलेट की व्यवस्था ना हो पाए तो चार चीनी के दाने जीभ पर रख के चूस लेओ।....#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड, मुझे नहीं लगता कि रिश्तों में बाहर से मिठास पैदा की जा सकती है।ये चॉकलेट्स प्रेम को रिझाने का साधन मात्र हो सकती है।लेकिन तुम कह
Rajsa Sandu
Divyanshu Pathak
कृष्ण एक स्वास्थ्य का अभूतपूर्व स्वरूप (सिद्धांत रूप) देश को दे गए- “गाय का, बिलौवणे का,मक्खन खाओ, भले ही चुराकर खाना पड़े।” आज विज्ञान ने उसे भी विषाक्त कर दिया। अन्न को विष बना ड़ाला विदेशी खाद से,कीटनाशक से, उन्नत बीजों से। विज्ञान पैदा नहीं कर पाया शिव, नीलकण्ठ। विष्णु के क्षीर सागर का अमृत भी हो ग
JALAJ KUMAR RATHOUR
प्लेसमेंट-एक सफल असफलता पार्ट-6 आज मैं सुबह जल्दी उठ गया था। मैंने स्नान कर प्रभु के समक्ष अवनी के लिए प्रार्थना की थी। हमारी आदतों मे होता है हम माँ-बाप और ईश्वर को सदैव अपने कठिन समय में याद करते है। कॉलेज जाते टाइम मैंने उसके लिए डेयरी मिल्क की चॉकलेट ले ली थी। अवनी कॉलेज गेट पर खडी थी मुझे देखते ही बोली "कभी तो टाईम पर आया कर यार स्वप्निल " , मैंने उसको डेयरी मिल्क की चॉकलेट देकर बेस्ट ऑफ लक बोला , वो मुस्करा कर बोली "तेरे इस बेस्ट ऑफ लक की तो बहुत जरूरत है ,ओके मिलती हूँ एक्जाम के बाद ", मैंने पूछा कंपनी कौन सी है और उंगलियो से पैकेज की ओर इशारा किया " , वो रुकी और बोली TCS और ये 7.6 लाख ,उंगलियों से इशारा करते हुए और फिर बाय बोल कर एक्जाम हॉल की और चली गयी। उसके जाने के बाद मैं अपनी SOM(Strength of material)की क्लास लेने चला गया पर क्लास के बाहर पार्क में प्यार और इंजीनियरिंग के अंतिम चरण पर पहुँच चुके कुछ नवयुवक और नवयुवती एक दुसरे से आलिंगन हो कर बैठे थे और एक तरफ खुद को और किस्मत को कोसने वाले और एक तरफा प्यार के वाहक कुछ युवक काक चेष्ठा और वको ध्यानम लिए खड़े थे। पता चला मिश्रा सर आये नही थे। कॉलेज के अंतिम दिन होते ही ऐसे है। इन दिनों में टीचर लड़को से पिछले सालों के सारे बंक क्लासेस का बदला खुद क्लास बंक करके ले लेते है । आगे भी दो क्लास खाली थी तो में कैंटीन में चाय पीने चला गया तभी भानु पास आकर बैठे गया मैंने कैंटीन वाले भैया से बोला " भैया दो कटिंग चाय", भानु बोला भाई क्या है यार हमारे लिए कोई कंपनी नही आयेगी क्या? " "देखते है भाई " मैंने कहा, तभी चाय आ गई चाय पीकर मैं बाहर निकला तो अवनी अपनी सहेलियो के साथ आ रही थी। मुझे देख हल्का मुस्करायी, मैंने आँखों के इशारों से प्रश्नवाचक भरे लहजे में पूछा पेपर कैसा हुआ। उसने पलकों को झपकाते हुए सिर को उपर नीचे कर के अच्छा हुआ के संकेत दिया। अवनी और मैंने पहले ही एक वादा किया था कि हम कभी भी एक दूसरे के दोस्तो के बीच बात नही करेंगे। 3:45 की RAC की क्लास लेने के बाद हम लोग हॉस्टल चले आये थे। प्लेसमेंट-एक सफल असफलता पार्ट-6 आज मैं सुबह जल्दी उठ गया था। मैंने स्नान कर प्रभु के समक्ष अवनी के लिए प्रार्थना की थी। हमारी आदतों मे होता
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज किताबों में डेयरी मिली वहीं पुरानी यादों की भरी नज़र मिली मेरी नज्मों में उलझी कहानी मेरी पड़ी तो फिर रों पड़ी जवानी मेरी कुछ नज़्में ग़ज़ले कुछ शायरी मेरी कुछ बेजोड़ नमूना पेश करती रवानी मेरी खराश थी गाले में नज़्म कुछ खफा सी मेरी कुछ साएं खड़े हुए डायरी से निकाल कर मेरी मेरी नज्मों ग़ज़लों के किरदार थे सभी वो साथ मेरी दोष देती नज़्में लिखने वालों को दोस्ती कर दबा मुंह फेरते नज़्में मेरी सवाल कर रही थी मैं उनसे थी, या वो मुझमें थी कहीं मेरी परछाई मेरी बनती बिगड़ती तखलीखं भी मैं करती स्माईन के हवाले मेरी सुकून सी आवाज़ थी मेरी तलकिनं थी नज़्में ग़ज़ले खफा होती भी तो सहलाती कलम मेरी तलाश रही थी कहीं मेरी किताबों में दब गई थी मेरी एक और हसीना थी नज़्म में ज़ुल्फो में छिल गई थी मेरी कसमकश में थी एक नज़्म मेरी ज़िन्दगी लिख कर चुप थी मेरी नज्मों को नाकाम नहीं नमक डालकर ज़िंदा किया अपनी पहचान में उनको भी शामिल किया आवाज़ मेरी आवाज़ मेरी सिक्कों सी खनकती सुकून थी नज़्म मेरी तखलीखं- creation ,स्माईन-audience, तलकिनं -recitation, कश्मकश- dilmema #lifequotes #respect #selfmotivation #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज किताबों में डेयरी मिली वहीं पुरानी याद
Vicky Anand (Captain)
'मेरा मानना है, अमृत कुछ नही बस देवताओं के प्याली की चाय है। और इंसानी दुनियाँ में चाय ही प्रेम का संवाद कर सकती है।' ""मैं चाय प्रेमी हूँ, यक़ीनन आप भी होंगे, अन्यथा तो आप इस जीवन के महानतम सुख को भोगे बग़ैर ही परलोक सिधार जाएंगे!" आप सभी को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की प्याली भर शुभकामनाएं।☕☕... चाय के साथ-चाय पर विशेष लेख अनुशीर्षक में पढ़े :- - चाय की प्याली उठाते ही अनहद सुकूँ तारी हो जाता है, शुरुआत आँखों से ही होती है, हर प्यार की तरह। आज हमारी चुस्की की गुफ़्तगू के इतर होठों ने ब
JALAJ KUMAR RATHOUR
भास्कर सैनी, ऑटोमोबाइल इंजीनियर,TVSian,एक्स -अंडर 18, हॉस्टल का सरदार, सदर बाजार की शान, हमारा ये दोस्त आज हमसे दूर है बचपन और बचपना तेरे अंदर कितना था,मुलाकातें तो बहुत हुई थी तुझे तेरा रूम न. 33 में New Year वाला dare,यूँ तेरा हॉस्टल में भंडार घर के लिए सब को बुलाना, डेयरी जाने के लिए सभी को मोटीवेट करना , हॉस्टल की छतों पर बेबाक दौड़ना , और भी बहुत जो अब सिर्फ यादे हैं सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढा कर, और ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा ,माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया यार हमारी यादों की गुल्लक में हमारी नादानियों के हसींन सिक्के डालने के लिए, शुक्रिया हमारे GPL में मजबूत दावेदार बनने के लिए, शुक्रिया यार हमारे हॉस्टल वाले दिनों को यादगार बनाने के लिए,उम्मीद है तुझे तेरी मंजिल जल्द ही मिलेगी बस तू यूँ ही हँसता और मुस्कराता रह और लोगो को हंसाता रह जन्म दिन मुबारक भास्कर सैनी भाई .... #जलज कुमार भास्कर सैनी, ऑटोमोबाइल इंजीनियर,TVSian,एक्स -अंडर 18, हॉस्टल का सरदार, सदर बाजार की शान, हमारा ये दोस्त आज हमसे दूर है बचपन और बचपना तेरे