Find the Best विज्ञान_का_ताण्डव Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutजीव विज्ञान के जनक कौन है, ज्ञान का विलोम है, विज्ञान अभिशाप है या वरदान पर निबंध, ज्ञान की बातें हिंदी में, नींद की गोली का नाम,
Divyanshu Pathak
अद्भिर्गात्राणि शुध्यन्ति मनः सत्येन शुद्यति। विद्यातपोभ्यां भूतात्मा बुद्धिर्ज्ञानेन शुद्यति ।। मनु स्मृति का श्लोक कहता है कि--- जल से स्नान करने पर जैसे हमारे शरीर की शुद्धि होती है ठीक वैसे सी सत्य का स्मरण रखने पर मन पवित्र होता है। तप करने से आत्मा शुद्ध होती है और बुद्धि की पवित्रता ज्ञानार्जन से आती है। ठीक इसी प्रकार विद्या ग्रहण करने से जीवन संपन्न होता है। शिक्षा के अधिकारों को लेकर देश में सबसे पहले 18 मार्च 1910 में ब्रिटिश विधान परिषद के समक्ष निःशुल्क एवं अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का प्रस्ताव गोपाल कृष्ण गोखले जी ने रखा था जो उस समय ख़ारिज कर दिया गया था। : इसके बाद आज़ाद भारत के संविधान में इसके लिए कई प्रावधान और संशोधन हुए जो -आगे चल कर निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के रूप में पारित हुआ और 1 अप्रैल 2010 से लागू हो गया। इसे हम आज (RTE) 06- 14 बर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से विद्यालय से जोड़ कर पढ़ाया जा रहा है। : मैं तो बस यह बता
शिक्षा के अधिकारों को लेकर देश में सबसे पहले 18 मार्च 1910 में ब्रिटिश विधान परिषद के समक्ष निःशुल्क एवं अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का प्रस्ताव गोपाल कृष्ण गोखले जी ने रखा था जो उस समय ख़ारिज कर दिया गया था। : इसके बाद आज़ाद भारत के संविधान में इसके लिए कई प्रावधान और संशोधन हुए जो -आगे चल कर निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के रूप में पारित हुआ और 1 अप्रैल 2010 से लागू हो गया। इसे हम आज (RTE) 06- 14 बर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से विद्यालय से जोड़ कर पढ़ाया जा रहा है। : मैं तो बस यह बता
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भुखमरी,बेरोज़गारी, मुफ़लिसी है! कैसी विकसित होने की तैयारी है? लूट,चोरी,डकैती,हत्या मक्कारी है! बे-शर्म कोने कोने में बलात्कारी है। ये कैसा शोर हर तऱफ मच रहा है? मानवता का ह्रास कबसे जारी है। एक बात हो तो ध्यान जाता उस पर! जुमलों, बातों की ख़ूब भरमारी है। सरकार तो बस आँकड़ों से चलती है! सच्चाई तो फाइलों में दफ़्न सारी है। "पाठक" तू तो मीठा बोल काम चला! दुनिया में अब दिखावे की खुद्दारी है। 😊🙏🍟💕🙏🙏😊🙏🙏 प्रणाम दोस्तो साथियो मैंने प्रयास किया है काम ठीक ठीक हो गया हो तो दाद दीजिए न भी हुआ हो तो मेरा मन रखने के लिए दीजिए। #पाठकपुराण आपका स्वागत करता है।#सुप्रभातम #yqdidi #येरंगचाहतोंके साथ #गुलिस्ताँ #collab #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा के साथ #विज्ञान_का_ताण्डव ।💕😊सभी का स्वागत है। चलते चलते दो बात...... : नीतियां बुद्धिजीवी बनाते हैं, माटी से इनका जुड़ाव ही नहीं, संवेदना इनके पाठ्यक्रम में नहीं। वे आंकड़ों म
"पाठक" तू तो मीठा बोल काम चला! दुनिया में अब दिखावे की खुद्दारी है। 😊🙏🍟💕🙏🙏😊🙏🙏 प्रणाम दोस्तो साथियो मैंने प्रयास किया है काम ठीक ठीक हो गया हो तो दाद दीजिए न भी हुआ हो तो मेरा मन रखने के लिए दीजिए। #पाठकपुराण आपका स्वागत करता है।#सुप्रभातम #yqdidi #येरंगचाहतोंके साथ #गुलिस्ताँ #Collab #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा के साथ #विज्ञान_का_ताण्डव ।💕😊सभी का स्वागत है। चलते चलते दो बात...... : नीतियां बुद्धिजीवी बनाते हैं, माटी से इनका जुड़ाव ही नहीं, संवेदना इनके पाठ्यक्रम में नहीं। वे आंकड़ों म
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लॉक डाउन के साथ शुरू हुई कोरोना के साथ जंग हमको पहले एक माह के अंत में ही बीस साल पीछे धकेल कर ले गई। देश के गाँव की आबादी मंहगाई के साथ अपने उत्पाद (अनाज,दूध,सब्जियाँ, दालें,) सस्ती क़ीमत पर बेचने को मजबूर हुए। मुझे आश्चर्य तो दूध की क़ीमत को लेकर हुआ जो 25 रुपये प्रति लीटर के भाव स्थानीय दूधियों द्वारा ख़रीदा जा रहा था। गेहूँ,सरसों,बगैरह भी और चक्की या मिल वाले स्टॉक करने में व्यस्त थे। किराने से लेकर फलवाले तक 6 गुनी क़ीमत वसूल रहे थे। जर्दा तंबाकू सिगरेट बगैरह के 15 से 20 गुना। हद है। #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है मैं कहता रहा हूँ। आगे भी शासन और प्रशासन की गतिविधियों में अपने शब्दों से सहयोग देता रहूँगा। #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा का प्रभाव तो था ही,इसके साथ ही समाज में नए वर्ग भी देखे जो, स्वयं के लाभ से आगे कुछ नही सोचते।तो वहीं नशे की गिरफ़्त में बच्चों से लेकर युवा और हर उम्र के लोगों को तड़पते देखा।हद तो ये थी कि शराब की माँग को लेकर मोदी जी तक के लिए अनुरोध वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए गए। देश किधर जा रहा है किसी को नहीं पता बस सब अपने फा
#1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है मैं कहता रहा हूँ। आगे भी शासन और प्रशासन की गतिविधियों में अपने शब्दों से सहयोग देता रहूँगा। #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा का प्रभाव तो था ही,इसके साथ ही समाज में नए वर्ग भी देखे जो, स्वयं के लाभ से आगे कुछ नही सोचते।तो वहीं नशे की गिरफ़्त में बच्चों से लेकर युवा और हर उम्र के लोगों को तड़पते देखा।हद तो ये थी कि शराब की माँग को लेकर मोदी जी तक के लिए अनुरोध वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए गए। देश किधर जा रहा है किसी को नहीं पता बस सब अपने फा
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फ़सल कटी निकली बैसाखी, मौसम बिगड़ गया ये पाखी। बिजली तड़पे आँधी आए, बस तू ना आया मेरे साथी। साथियो दो दिन से थोड़ा व्यस्त हूँ इसलिए आपकी पोस्ट नही पढ़ पा रहा और न कुछ लिख पा रहा क्षमा चाहता हूँ। #शुभरात्री बने रहिये #पाठकपुराण के साथ और खिलाते रहिये #येरंगचाहतोंके बस ध्यान रखना है कि #विज्ञान_का_ताण्डव चल रहा है और उसके साथ प्रकृति भी अपना कोप दिखा रही है।इसलिए #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और देश 3 मई के साथ इसे आगे भी बढ़ा सकता है। घर पर ही रहें #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा जैसे दोषों को दूर करने में सहयोग दें ताकि मिलकर हम सभी #coronavirus को खत्म कर पाएं। जय हिंद
साथियो दो दिन से थोड़ा व्यस्त हूँ इसलिए आपकी पोस्ट नही पढ़ पा रहा और न कुछ लिख पा रहा क्षमा चाहता हूँ। #शुभरात्री बने रहिये #पाठकपुराण के साथ और खिलाते रहिये #येरंगचाहतोंके बस ध्यान रखना है कि #विज्ञान_का_ताण्डव चल रहा है और उसके साथ प्रकृति भी अपना कोप दिखा रही है।इसलिए #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और देश 3 मई के साथ इसे आगे भी बढ़ा सकता है। घर पर ही रहें #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा जैसे दोषों को दूर करने में सहयोग दें ताकि मिलकर हम सभी #coronavirus को खत्म कर पाएं। जय हिंद
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आज हमको किसी भी प्रश्न का हल ढूंढना हो तो इंटरनेट है ना! शिक्षा,चिकित्सा,तकनीकी,वाणिज्य,या साहित्य कुछ भी हो। हम कुछ सेकंड्स में ही यथा स्थान जानकारी प्राप्त कर लेते है। इसी जानकारी के भरोसे चल पड़ते है ख़ुद को साबित करने। जीवन के दृष्टिकोण व्यापक हैं अथवा संकीर्ण,समय का पाबंद, विनम्र,धैर्यवान आदि गुण संपन्न है अथवा नहीं यह जरूरी नही। आज कल विद्यार्थी कई अर्थो में शिक्षक से अघिक जानता है। अत: उसका श्रद्धालु होना बहुत कठिन है।वह जागरूक है, विषय के प्रति,किन्तु विषय को जीवन का अंग नहीं मानता। अत: मूल्यों के बारे में चिन्ता मुक्त स्वभाव से स्वच्छन्द और विस्मय में भी है। इसी विस्मय के कारण सही समय पर सही निर्णय नही ले पाता अपने साथ अपनों का भी अहित करता है। यह समझे बिना कि भीतर की और बाहर की जीवनशैली को संतुलित किए बिना वह सफल नहीं होगा। : गुरू शिष्य के लिए कार्य नहीं करता। न ही शिष्य के कर्म बन्ध काटता है। गुरू शिष्य के साथ भी नहीं चलता। केवल मार्ग दिखाता है। गुरू ही शिष्य को अद्वितीय होने का रहस्य समझाता है। बाहरी और भीतरी जीवन को संतुलित रखना सिखाता है।
इसी विस्मय के कारण सही समय पर सही निर्णय नही ले पाता अपने साथ अपनों का भी अहित करता है। यह समझे बिना कि भीतर की और बाहर की जीवनशैली को संतुलित किए बिना वह सफल नहीं होगा। : गुरू शिष्य के लिए कार्य नहीं करता। न ही शिष्य के कर्म बन्ध काटता है। गुरू शिष्य के साथ भी नहीं चलता। केवल मार्ग दिखाता है। गुरू ही शिष्य को अद्वितीय होने का रहस्य समझाता है। बाहरी और भीतरी जीवन को संतुलित रखना सिखाता है।
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भारत में सार्वजनिक अनुशासन एवं शिक्षा का अभाव भी नकारा नहीं जा सकता। अनुभव के आधार पर निर्णय लिए जाएं, जीवन को बचाया जा सके यह पहली आवश्यकता है। मैंने कोशिश की है कि आपको हमेशा कुछ सकारात्मक लिख कर दूँ। #पाठकपुराण के साथ #विज्ञान_का_ताण्डव हो या #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और पूरा देश 3 मई तक तो आप भी सतर्क हो जाइए। पिछली कई पोस्ट में लिख चुका हूँ कि सरकार के दिए निर्देशों की अनुपालना ठीक से हो तो बच सकते हैं। इसका असर हमने राजस्थान के कई जिलों में देखा वह पूरी तरह ग्रीन जॉन में शामिल हो चुके हैं। जिनमें से एक हमारा #धौलपुर भी है। किंतु चिंता अभी ख़त्म नही हुई है पड़ोसी शहर आगरा और #भरतपुर के साथ #जयपुर में रोगी बढ़ रहे हैं।
मैंने कोशिश की है कि आपको हमेशा कुछ सकारात्मक लिख कर दूँ। #पाठकपुराण के साथ #विज्ञान_का_ताण्डव हो या #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और पूरा देश 3 मई तक तो आप भी सतर्क हो जाइए। पिछली कई पोस्ट में लिख चुका हूँ कि सरकार के दिए निर्देशों की अनुपालना ठीक से हो तो बच सकते हैं। इसका असर हमने राजस्थान के कई जिलों में देखा वह पूरी तरह ग्रीन जॉन में शामिल हो चुके हैं। जिनमें से एक हमारा #धौलपुर भी है। किंतु चिंता अभी ख़त्म नही हुई है पड़ोसी शहर आगरा और #भरतपुर के साथ #जयपुर में रोगी बढ़ रहे हैं।
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वो ख़्वाब मख़मली जो देखे थे। सपने अपने हुए क्या तेरे ? अल्हड़ मस्त जवानी के जो, वादे किए हुए क्या पूरे ? कुछ चाहत तो 'पिता' कीए थे। कुछ ख़्वाहिश 'माँ' के भी दिल की, कुछ अरमां 'परिजन' रखते थे। कुछ 'जज़्बे' सामाजिक बोलो! ऋण चुकता कर दिए क्या तुमने ? या हैं अनुबंध अधूरे तेरे! तुम कहाँ खड़े हो? हो हासिल में या युहीं पड़े हो! 'कल' से तुमने क्या सीखा है? 'आज' तुम्हे 'कल' सिखलायेगा।
तुम कहाँ खड़े हो? हो हासिल में या युहीं पड़े हो! 'कल' से तुमने क्या सीखा है? 'आज' तुम्हे 'कल' सिखलायेगा।
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बिजली वाले ब्याज का, ख़ंजर लटकाए बैठे हैं। टोल वसूली करने को, खप्पर खटकाये बैठे हैं। रोज कमाकर खाने वाले,आश्रित हुए तिमाही से! पकी फ़सल पर ईश्वर भी,ओले बरसाये बैठे हैं। सरकारें जनता की सेवा करने को कितनी तत्पर और समर्पित हैं, इसका उदाहरण लॉकडाउन के हटते ही समझ में आ जाएगा। सरकारें यह तो कह चुकी हैं कि इतने लोगों को मुफ्त खाना खिलाना संभव नहीं है। जबकि मद में हजारों-करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सरकारों की एक दुमुंही चाल भी स्पष्ट दिखाई देती है। नेता जनहित के नाम पर कुछ कहते हैं, तरह-तरह की राहतों की घोषणा करते हैं। अधिकारी गलियां निकालकर आहत करने पर अड़े रहते हैं। : #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और 3 तक पूरा देश... आप भी रहें।
सरकारें जनता की सेवा करने को कितनी तत्पर और समर्पित हैं, इसका उदाहरण लॉकडाउन के हटते ही समझ में आ जाएगा। सरकारें यह तो कह चुकी हैं कि इतने लोगों को मुफ्त खाना खिलाना संभव नहीं है। जबकि मद में हजारों-करोड़ों रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सरकारों की एक दुमुंही चाल भी स्पष्ट दिखाई देती है। नेता जनहित के नाम पर कुछ कहते हैं, तरह-तरह की राहतों की घोषणा करते हैं। अधिकारी गलियां निकालकर आहत करने पर अड़े रहते हैं। : #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और 3 तक पूरा देश... आप भी रहें।
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आज टेक्नोलॉजी ने यह संभव कर दिया है कि सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्र में बहुत से काम कर्मचारी घर बैठे-बैठे भी कर सकते हैं। उनके आकलन, नियंत्रण, समीक्षा के भी तरीके टेक्नोलॉजी में उपलब्ध हैं। टेक्नॉलोजी के माध्यम से होने वाले कार्यों में पारदर्शिता भी पूरी रहती है और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की तो स्वत: पालना हो जाती है। जरा सोच कर देखिये (वर्क फ्रॉम होम) के कारण कितनी बड़ी संख्या में सरकारी भवन खाली हो सकते हैं। #विज्ञान_का_ताण्डव सब देख ही रहे है इसी के साथ #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और 3 मई की घोषणा के साथ पूरा भारत इसी दौरान #पाठकपुराण के माध्यम से मैं #गुलाब_कोठारी जी के विचारों से आपको अबगत कराता हूँ। जो कि #राजस्थान_पत्रिका के प्रधान संपादक हैं। #क्रमशः_-_02 : इन भवनों का उपयोग अस्पताल, स्कूल और अन्य जनसुविधाओं के लिए किया जा सकता है। दफ्तर आना जाना कम हो जाएगा तो सडक़ों पर वाहनों की संख्या भी आधी से कम रह जाएगी जिसका सीधा लाभ प्रदूषण मुक्ति के रूप में मिलेगा। बिजली, ईंधन, जल जैसे
#विज्ञान_का_ताण्डव सब देख ही रहे है इसी के साथ #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और 3 मई की घोषणा के साथ पूरा भारत इसी दौरान #पाठकपुराण के माध्यम से मैं #गुलाब_कोठारी जी के विचारों से आपको अबगत कराता हूँ। जो कि #राजस्थान_पत्रिका के प्रधान संपादक हैं। #क्रमशः_-_02 : इन भवनों का उपयोग अस्पताल, स्कूल और अन्य जनसुविधाओं के लिए किया जा सकता है। दफ्तर आना जाना कम हो जाएगा तो सडक़ों पर वाहनों की संख्या भी आधी से कम रह जाएगी जिसका सीधा लाभ प्रदूषण मुक्ति के रूप में मिलेगा। बिजली, ईंधन, जल जैसे
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भारत का संघर्ष ‘गरीबी में आटा गीला’ जैसी स्थिति से जूझने जैसा है। हमारे सामने अधिकांश पश्चिमी देश विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं। भारत विकसित नहीं है। #सुप्रभातम #विज्ञान_का_ताण्डव के साथ #पाठकपुराण के साथ एक विचार जो #गुलाब_कोठारी जी ने दिया मैं उनके विचार से आपको अबगत कराता हूँ। : आर्थिक हालात कागजों में कुछ भी हों, हम विकासशील ही हैं। कोरोना ने हमको व्यावहारिक दृष्टि से और भी पीछे धकेल दिया है। आने वाले समय में तो ‘नंगा क्या धोए, क्या निचोड़े’ जैसे दिन काटने पड़ेंगे। : देश को नए सिरे से खड़ा होना पड़ेगा। आजादी की जंग का जज्बा कुछ और ही था। स्वतंत्रता के नाम पर जो स्वच्छन्दता का, भ्रष्टाचार का, अंग्रेजियत का और राजनीतिक अराजकता का वातावरण बन
#सुप्रभातम #विज्ञान_का_ताण्डव के साथ #पाठकपुराण के साथ एक विचार जो #गुलाब_कोठारी जी ने दिया मैं उनके विचार से आपको अबगत कराता हूँ। : आर्थिक हालात कागजों में कुछ भी हों, हम विकासशील ही हैं। कोरोना ने हमको व्यावहारिक दृष्टि से और भी पीछे धकेल दिया है। आने वाले समय में तो ‘नंगा क्या धोए, क्या निचोड़े’ जैसे दिन काटने पड़ेंगे। : देश को नए सिरे से खड़ा होना पड़ेगा। आजादी की जंग का जज्बा कुछ और ही था। स्वतंत्रता के नाम पर जो स्वच्छन्दता का, भ्रष्टाचार का, अंग्रेजियत का और राजनीतिक अराजकता का वातावरण बन
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