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RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित'
आन बान सम्मान तिरंगा । भारत की है जान तिरंगा ।। सरहद पर मिटने वालों का । है अंतिम अरमान तिरंगा ।। भारत माँ के हर दुश्मन को । तूफानों का भान तिरंगा ।। अपनों को है नर्म हवा सा । दुश्मन को तूफान तिरंगा ।। शांति और सम्रद्धि का सूचक । बलिदानों की आन तिरंगा ।। संस्कृति के नन्हे प्रसून सा । विश्व गुरू का ज्ञान तिरंगा ।। भारत माँ के हर सपूत का । धर्म कर्म ईमान तिरंगा ।। सोने की चिड़िया के घर की । मिट्टी का दीवान तिरंगा ।। 'स्मित' देवों की इस धरती पर । संस्कारों की खान तिरंगा ।। ©RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' #तिरंगा #कविता #ग़ज़ल
B.P. Godara
KM Jaya
तिरंगा ( कविता) By KM Jaya तिरंगा तिरंगा हैं आँख वो तेरा ही दर्शन करुँ, है शीश वो जो तिरंगे वंदन करे, है सुर वो जो तेरी विजय का ही गान गा
#अनूप अंबर
वतन प्यारा हमें है इस पर ही जान लुटाएंगे, इतना सा ख्वाब है,इसको सदा सजाएंगे । जरूरत जब भी पड़े हमें एक आवाज देना, बीजिंग और रावल पिंडी में, हम अपना प्यारा तिरंगा लहराएंगे ©#अनूप अंबर #अनूप #अंबर #कविता #तिरंगा #देश #हिंदुस्तान
पंकज गुप्ता
सोने की चिड़िया वाले मेरे हिन्दोस्तां में आज हालात कुछ और हैं। हो हिन्दू या मुसलमान अपने गिरेबां में झांके तो बात कुछ और है। ~~पंकज गुप्ता~~ #NojotoQuote तिरंगा #तिरंगा #हिंदुस्तान
Mukesh Tyagi
जान तिरंगा मान तिरंगा भारत का स्वाभिमान तिरंगा आजादी के उन वीरों सपूतों के लहू की है ये पहचान तिरंगा वतन की खातिर जो हो गयें कुर्बान आजादी के हवन कुंड में आहुति देकर हो गयें बलिदान देशवासियों उन वीर सपूतों का है सम्मान तिरंगा आजादी के परवानों का है परवान तिरंगा जब लहराता है तिरंगा झुक जाता है आसमान भी नत मस्तक हो जाती है माँ गंगा जिनके कारण आजादी के रंग में रंगे हो आजादी का ज़शन मनेगा उन वीरों सपूतों के नाम स्वाभिमान से सर ऊँचा करके घर घर में लहरालो तिरंगा रख लो उन वीरों सपूतों का मान हर भारतवासी आज उन्हे दो आदर और सम्मान वतन की कीमत क्या होती है क्या होता है वतन का मान आनें वाली पीढ़ी को समझा दो तिरंगे का करना आदर और सम्मान बता दो उनको ये है तुम्हारे पूर्वजों के लहू का बलिदान वतन था उनका दिल ज़िगर और जान वो मौत को भी गले लगाकर हँसना जानते थे जो वतन को धर्म और इमान से बढकर मानते थे अमन चैन नहीं था उनके जीवन में अंगारों पर चलकर भी अपने छालों को नहीं पहचानते थे दर्द नहीं होता था उनको ना वो दर्द को मानते थे जान की कीमत से बढकर वतन की कीमत मानते थे ©Mukesh Tyagi जान तिरंगा मान तिरंगा
HANAMANT YADAV (कवीराज)
के हम जलते हुए चिरागों से तुफान लाए है। जो कटकर भी ना झुके वो गिरेबान लाए है। तुम एक चांद कि क्या बात करते हो काफीर, हम इस तिरंगे के लिए सारा आसमान लाए है।... कवीराज। ९०२१०३४९१७. तिरंगा