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Amit Seth
Ankur tiwari
White दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का फलसफा यह हैं कि अक्सर हार जाता हैं ©Ankur tiwari #Free दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का
AwadheshPSRathore_7773
White . बची थी जो शेष जिंदगी उसी को विशेष बनाने के चक्कर में कब यह जीवन भूत से वर्तमान,वर्तमान से भविष्य में कहीं खो गया, पता ही नहीं लगा... तुम्हारा कसकर हाथ पकड़ने की चाह में नमी जिंदगी.. कब सूखी रेत सी हो हाथों से फिसल गई पता ही नहीं लगा न मै..मेँ रही,ना तुम.. तुम रहे तुम्हारी जो जिंदगी थी मैँ..कब -कैसे - क्यूं रास्ते का पत्थर बन गई पता ही नहीं लगा...x कांच के टुकड़ों को क्यूँ हीरोँ का नाम दे...देकर यूं ही सहेजते रहे हम जबकि अपना शीशे सा दिल कब पत्थर हो गया पता ही नहीं लगा.. एक मुलाकात के इंतजार में तुम्हारे ख्यालों को कब कस्तूरी..मृग.. मन..से जिंदगी..ऐ..रुह में उतार लिया... पता ही नहीं लगा.... दीवारों को दर्द सुनाते सुनाते तन्हा दिल ने तन्हा-तन्हा सी जिंदगी में कब..तन्हा..शहर बसा लिया पता ही नहीं लगा...पता ही नहीं लगा... ©AwadheshPSRathore_7773 #nightthoughts शेष विशेष के जैसे चक्की के दो पाटों के बीच फंसती यह जिंदगी,किस तरह सादे मनुष्य से उसके जीवन की सारी सादगी छिन लेती है और अंतत
HintsOfHeart.
"इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है" ©HintsOfHeart. #द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी -हिन्दी के साहित्यकार जिन्होंने बाल साहित्य पर 26 पुस्तकें लिखीं, जिससे वे 'बच्चों के गांधी' भी कहलाते हैं।
S Barua
गांधी जी का 4 बा बंदर मिल गया जो आज की पीढ़ी का है, आज पता चला वो तो हमलोग ही हैं !!! 🤪🤪🤪 ©S Barua ₹ गांधी जी का 4 बा बंदर मिल गया जो आज की पीढ़ी का है, आज पता चला वो तो हमलोग ही हैं !!!
अदनासा-
लोगों को मोटिवेट करने वाले एक मोटिवेशनल बंदे ने लिखा है, " हमें आज़ादी चरखे से नही शहिदों से मिली है" इसलिए इस ओवर मोटिवेशनल बंदे को, मजबूरन जवाब हेतु लिखना ही पड़ा, वो यह कि👇 देश को आज़ादी मिले इसकी खातिर बलिदान बहुत से लोगों ने दिया है, किसी का नाम हुआ तो कोई बिना अपने नाम के गुमनाम हो गया, उन गुमनामों की चर्चा ना तुम कर सकते हो ना मैं, रही बात चरखे की, तो जिसने चरखा चलाया वह भारतीय व्यक्ति थे महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता, देश के लिए चरखा चलाने वाले इस महात्मा को एक भारतीय हत्यारे व्यक्ति गोड़से ने गोली मारी थी, इसलिए आज़ादी के लिए यह चरखा चलाने वाले महात्मा गांधी भी शहीद हुए, वह भी अपने ही भारतीय बंदे के हाथों, अतः आपसे निवेदन है चरखे का इस्तेमाल अनमोटिवेशनल शब्दों के लिए ना करो। मोटिवेशनल बनना है बनो परंतु पॉलिटिकल बनने का प्रयास ना करो। ©अदनासा- #हिंदी #जवाब #बंदा #अनमोटिवेशनल #पॉलिटिकल #चरखा #गांधी #गोडसे #Instagram #अदनासा
अदनासा-
Kuldeep KumarAUE
लोग मुझसे सबसे पहले मेरी जाति पूछते हैं नीचे दिखाने के लिए जब मैं उनको अपनी एजुकेशन बताता हूं तो वह खुद मुंह दिखाने के लायक नहीं रहते हैं ©Kuldeep KumarAUE #mahashivaratri लोग मुझसे सबसे पहले मेरी जाति पूछते हैं नीचे दिखाने के लिए जब मैं उनको अपनी एजुकेशन बताता हूं तो वह खुद मुंह दिखाने के ला