Find the Latest Status about मै नाचू आज छम छम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मै नाचू आज छम छम.
कलीम शाहजहांपुरी (साहिल)
छम छम बरसती सबनम, क्या चांदनी रात है, मैं पिरोहता रहा अल्फाज़ क्या हसीं ज़माल है.! इस कश्मकश में रुक जाती, हर मिसरे पर कलम, चांदनी मेरे महबूब की, उस चांद से भी ज़लाल है.! मैं लिखता रहा गजल, चेहरे–ए–यार देख देख, कैसे होगी खबर,वो नीद में इस कदर मश्ग़ूल है.! जिस दिल–ए–दयार में, हमने उसे बैठाया है, उस दिल–ए–दयार से भी ज्यादा वो बेमिशाल है.! लिखने गया गजल, कलीम इश्क़ हो गया, चहरे की उसकी रोनाक बड़ी ही कमाल है.! अरे तोड़ो ज़माने के रीति रियाज़, और करीब आओ, मुकम्मल न होने देंगे इश्क़, ये उनका पुराना ख्याल है.! ©कलीम शाहजहांपुरी (साहिल) #MusicLove छम छम बरसती सबनम..
Rajesh Khanna
Nature Quotes छम छम करती पायल तेरी दिल को मदहोश करती है कभी सुबह तो कभी शाम को पागल करती है और पागल तो मैं केई बार हुआ हू तेरी यादो में बस एक बार दिख जाती सपनों में तो रात भर नींद नहीं आती ©Rajesh Khanna #NatureQuotes छम छम करती पायल
Ranjeet Thakur
पायलों की छम छम, केश काली बदरी है। साँवरी सूरत जैसे ,परियों की रानी हो। बातें तेरी खन खन कलेजे को लगतीं है। शब्दवेधी वाण जैसे कोई ये कहानी हो। आँखे कजरारी तेरी, होठ मधुशाला लगे, अधर ये तेरा जैसा, मदिरा पुरानी हो। चाल मतवाली तेरी, हिरनी सी मदमाती। शरमाती ऐसे जैसे,पगली दीवानी हो। #NojotoQuote #astitva पायलों की छम छम #astitva
कुलदीप
यूँ बसंत का जाना और बारिश का आना, करता है दीवाना। यूँ तेरा बरसती बूंदों में बदन को भिगोना,करता है दीवाना।। आशिक़ तो लाखों मिलने बुलाते है, सनम को। यूँ तेरा पहली बारिश में हमको बुलाना, करता है दीवाना।। ✍️Kuldeep Prajapati ©k p छम छम बारिश का आना #barish
DR. LAVKESH GANDHI
छतरी छतरी तो खोल जरा बारिश होने वाली है मौसम है सुहाना किसी से मुलाकात होने वाली है वर्षों बीत गए उनसे मुलाकात किए हुए आज बारिश में छतरी के नीचे चलने की बारी है ©DR. LAVKESH GANDHI #baarish # # बारिशों की छम-छम में #
Kavita jayesh Panot
आज में आज में राख के उस ढेर पर जा बैठी जहाँ से पैरों को धसते बचाना नामुमकिन था और फिर से एक बार फस गई वही जहाँ पुरानी कुछ यादे और जख्मो को दफनाया था और फिर अब मोम बन पिघल रही हूँ बरसो से सख्तियत जमा की थी बड़ी मुद्दतो से अब आज फिर पिघलने लगी है और उस ढेर पर बैठी में फिर उन दफ्न ख्यालो और जख्मो संग तपने लगी हूँ। बस एक ख्याल है मन में इसके पिघल जाने पर जल्द सीमेंट लू इसे और दफना दू कही जहाँ कोई इसे छू न पाए दिल के किसी एकांत कोने में। कविता जयेश पनोत Written on 24 may2020 At10:30pm आज मै
hgdshots
मैं बारिश की घनघोर घटा वो सावन मस्त महीना-सा मैं बूँद छम-छम करती गुंजन वो मस्त यौवन का झौंका-सा मैं बरसती उमड़-घुमड़ वो बादल आवारा-सा मैं बरसाती नदी का उफ़ान वो शांत समंदर समेटे कई तूफ़ान ये बारिश आख़िर ले ही आती है कई नम यादें उसकी वो सपना था अधूरी इन पलकों का बिन मौसम ले आता है झर-झर बारिश इन नैनों में ।। #nojoto#बारिश#बूँदें#छम-छम #नदी#समंदर