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DR. SANJU TRIPATHI
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें। 👇👇👇👇 इंद्र के अंशावतार यदुकुल वंश के पांडव और कुंती के तीसरे पुत्र थे अर्जुन । द्रोणाचार्य के शिष्य धनुर्विद्या में पारंगत और सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर
Rajesh rajak
पत्नी बहुत समय बाद चिंतातुर हो कर बोली ,कम्पन सा महसूस हुआ मुझको, अंतरात्मा उसकी भी डगमग डोली, पड़ोसी पूछते हैं आपके बारे में,भैया सुबह जाते हैं, मुंह बांध कर,शरीर ढांककर, देर रात आते हैं सुनकर मुझे होती है बहुत पीड़ा, मैंने कहा,, कह दिया करो,मेरे पति जाते हैं, ,,,करने,मौत के मुंह में प्रेम क्रीड़ा,,, क्रीड़ा_खेल प्रेम क्रीड़ा,
Shashi Bhushan Mishra
जल में क्रीड़ा करते लोग, मन की पीड़ा हरते लोग, सकल शहर जलमग्न हुआ, झाल मंजीरा धरते लोग, देख भयावहता मौसम की, हृदय अधीरा डरते लोग, सभी ज़रूरत मंद यहाँ पर, मनसुख हीरा लड़ते लोग, लूटे सुख वाचाल चपल जन, मूक-बधीरा सड़ते लोग, बाबू जन बेहाल हैं 'गुंजन', मटर पनीरा करते लोग, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #जल में क्रीड़ा करते लोग#
Sunil Singh
CalmKrishna
................. ©CalmKrishna अभी बहुत जरूरी काम बाकी है। #गीत #प्रेम #श्रृंगार #प्रीत #वक्त #क्रीड़ा #प्रश्न #कविता #प्रेम #4liner dhyan mira vks Siyag
Sunil Singh
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नितिन कुमार 'हरित'
हैरान हूँ, जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ? देह मूर्छित हो रही पर, ये नीड़ फिर कैसे मिला ?? क्या कहूं? क्या है संग में, क्या विलग है, सच! इस प्रेम की क्रीड़ा अलग है ।। - Nitin Kr Harit हैरान हूँ, जब हृदय ही ले गए तुम, पुष्प फिर कैसे खिला ? देह मूर्छित हो रही पर, ये नीड़ फिर कैसे मिला ?? क्या कहूं? क्या है संग में, क्या