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Anindya Dey

.. 🌿खुशामदीद..💞 .. ज़र्ब माने, आघात, चोट।

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.. फ़िक्र से भी छूटें कभी अनदेखे रह जाये,
नज़रंदाज़ी हुनर है वो माहीर सगे कर जायें..!

.. मसलों का नुक़्ता निस्बत तक समझ जाये, 
काश वो ख़लिश के ज़र्ब का हर्ज़ समझ जायें..! .. 🌿खुशामदीद..💞

.. ज़र्ब माने, आघात, चोट।

Manish Nagar

कल्ब - दिल, ज़र्ब - पुरानें घाव मरीज उनके ईश्क का, #Shayari

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Natural Morning मरीज़ हुं मैं इश्क का उनके,
 वो हैं की इलाज करते नहीं,

वो आते हैं घाव नया देनें,
  ज़र्ब कल्ब के भरते नहीं, कल्ब - दिल, ज़र्ब - पुरानें घाव

मरीज उनके ईश्क का,

Vaseem Akhthar

06 नुमद-ए-सुख़न= शा'इरी का हुनर प्रकट होना बशर= इंसान, आदमी ज़र्ब= चोट, वार क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर= अख़्तर के इश्क़ की कहानी दार-ओ-रसन= स #Hot #urdupoetry #urdushayari #looks #killing #ownthought #vaseemakhthar

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मेरे    अंदर    उसकी     ऐसी     लगन    हुई।
धीरे   धीरे    मुझ   में,   नुमद-ए-सुख़न   हुई।।

मिलती   थी  मुस्कुरा  के,   हर  बशर   से  वो,
ये  देख   मेरे  अंदर,   कुछ   तो   चुभन   हुई।

कमसिन कली सी  थी वो, नज़ाकत भरी  हुई,
अब  धीरे  धीरे   क़ातिल,   शो'ला  बदन  हुई।

फिर   दिल  पे    मेरे  उसने ,  ऐसी   ज़र्ब   दी,
दिल  का  क़तल  हुआ,  मोहब्बत  दफ़न  हुई।

इतना  कुछ  हुआ  भी, लेकिन  न  कुछ  हुआ,
क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर, दार-ओ-रसन हुई। 06
नुमद-ए-सुख़न= शा'इरी का हुनर प्रकट होना
बशर= इंसान, आदमी
ज़र्ब= चोट, वार
क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर= अख़्तर के इश्क़ की कहानी
दार-ओ-रसन= स

Vaseem Akhthar

06 नुमद-ए-सुख़न= शा'इरी का हुनर प्रकट होना बशर= इंसान, आदमी ज़र्ब= चोट, वार क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर= अख़्तर के इश्क़ की कहानी दार-ओ-रसन= स #Hot #urdupoetry #urdushayari #looks #killing #ownthought #vaseemakhthar

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मेरे    अंदर    उसकी     ऐसी     लगन    हुई।
धीरे   धीरे    मुझ   में,   नुमद-ए-सुख़न   हुई।।

मिलती   थी  मुस्कुरा  के,   हर  बशर   से  वो,
ये  देख   मेरे  अंदर,   कुछ   तो   चुभन   हुई।

कमसिन कली सी  थी वो, नज़ाकत भरी  हुई,
अब  धीरे  धीरे   क़ातिल,   शो'ला  बदन  हुई।

फिर   दिल  पे    मेरे  उसने ,  ऐसी   ज़र्ब   दी,
दिल  का  क़तल  हुआ,  मोहब्बत  दफ़न  हुई।

इतना  कुछ  हुआ  भी, लेकिन  न  कुछ  हुआ,
क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर, दार-ओ-रसन हुई। 06
नुमद-ए-सुख़न= शा'इरी का हुनर प्रकट होना
बशर= इंसान, आदमी
ज़र्ब= चोट, वार
क़िस्सा-ए-इश्क़-ए-अख़्तर= अख़्तर के इश्क़ की कहानी
दार-ओ-रसन= स

THE EVENT IN EVERY STREET (R K C)

मनवा रे ए ए #विचार

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मनवा रे ए ए ए
मनवा रे ओ ओ ए
ओ मेरे मनवा 
तू कँहा छोड़ आयी 
अपनी चंचलवा सुन रे।
                    सुन रे सुन रे 
                    सुन रे बावरी 
                    कोई है जो सो गया ,
                    गहराई में खो गया 
                    तू आई न वो छोड़ गया,

©R K Choudhary(T.E.I.E.S) मनवा रे ए ए

yogitaupadhyay45gmailcom

#ए सखी #@ए सहेली #कविता #Messageoftheday

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संदीप गोयल

ए वतन ए वतन #nojotophoto #संगीत

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 ए वतन ए वतन

Saurabh Kalra

ए वक़्त ए वक़्त

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dr.vitore kannulal asaram

ए हवा... ए हवा..! #poem #nojotovideo

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fahmi Ali

आवाज़-ए-दिल-ए-मज़दूर

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सर छुपाने के लिए कोई ठीकाना चाहिए
भूख से हम जां-ब-लब हैं आब-ओ-दाना चाहिए

दूसरों के घर बनाना काम ये भी ठीक है
हां मगर अपने लिए भी घर बनाना चाहिए

सुन रहा हूं कुछ रक़म मिलती है मर जाने के बाद
गर है ऐसा, तो मोक़द्दर आज़माना चाहिए
                                ,✍️Fahmi आवाज़-ए-दिल-ए-मज़दूर
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