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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
वो बरता,स्लेटी वो बालपन सेठी सौंधी-सौंधी खुश्बू उससे आती रहती जिसमें थी,हमारी यादो की खेती वो बरता,स्लेटी वो बालपन सेठी उससे होकर ही, नदियां थी बहती खेलने में मजा आता था इतना भूख,प्यास सुधि हमको न रहती ज्यादा बरतेवाला अमीरों का साला पर फिसल गई है बचपन की वो रेती कोहिनूर सस्ता है बचपन महंगा है गर कोई धन बदले लौटा दे,बचपन खेती खुदा कसम,छोड़ दूं, धन,जायदाद की बेटी वो बरता स्लेटी वो बालपन सेठी इसके स्वाद आगे मिठाई फीकी रहती उसके स्वाद में,तो अद्भुत तृप्ति रहती वो बरते की मिट्टी भीतर बड़ी महकती ख़ास छोड़ दूं, सब प्रपंच सारे खा लूं फिर से बरते ढेर सारे में तो भूला दूँ सारी दुनियादारी गर लौट आये बचपन की यारी वो बरते, जिसके लिये हम थे झगड़ते अब नही रहे, सो वर्ष हुए पूरे मोबाइल युग मे बच्चों के हाथों मे न है,बरता स्लेटी छोड़ दे,व्यर्थ हेकड़ी उन्हें दे बरता स्लेटी जिसमें बचपन की वो चिड़िया चहकती तोड़े मोबाइल बैटरी ताकि बच्चे न पाये रेडिशन हवा बहती ओर पाये स्वस्थ रेती वो बरता स्लेटी बालपन की सेठी उसमें मासूमियत फूल से ज्यादा रहती विज्ञान कहता है बरते से पथरी होती पर बचपन कहता है इससे बीमारी न होती तन से ज्यादा मन के बढ़े,रोगी बरते तो बरते है ये हर व्याधि छेदी जो काम करे,भले वो खाते,स्लेटी बरते स्लेटी बरते खाने से मिटे तम घने से घने खाते रहो,बरते स्लेटी आंसू खाएंगे गुलेटी हंसी की आयेगी,पेटी यह है,बचपने की खेती दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #बरता स्लेटी #friends
Shubham singh
हिदायत है आशिकों को वादों में नरमी बरता करो !
Sushant Suman
#बादा- wine, #ज़ियादा- more, #बरता- used, #मीरी- leadership, #बिसात- capacity #203untold
Bhavesh Thakur
मैं मुतमइन हूँ तू लौट आएगा, तसव्वुर मेरा सच हो जायेगा.. जो भरोसा अबकी बार टूटेगा मेरा, इश्क़ से पहले एहतियात बरता जायेगा.. ~भावेश ठाकुर ©Bhavesh Thakur मैं मुतमइन हूँ तू लौट आएगा, तसव्वुर मेरा सच हो जायेगा.. गर इसबार भरोसा टूटा मेरा, इश्क़ से पहले एहतियात बरता जायेगा.. ~भावेश ठाकुर #Poetry #
Vandana Rana
मिजाज में ज़रा सख्ती बरता कीजिये जनाब, ये ज़माना ना तो क़ुरबत का रहा है, ना रहा हैं नावाज़िश का, समंदर तक मयस्सर ना होता, अगर उसका पानी खारा ना
Pnkj Dixit
#OpenPoetry अपना व्यवहार गुंबज की आवाज की तरह , फेंकी हुई गेंद की तरह , सामने वाले से टकराकर अपने पास ही लौट आता है । जिसके प्रति स्नेह , सौजन्य बरता गया है , उसे जितना लाभ होता है , उसकी तुलना में उस शुभारम्भ करने वाले को अधिक लाभ मिलता है । सेवा के बदले सेवा , सद्भाव के बदले सद्भाव , मिलने का परिणाम तो प्रत्यक्ष ही है । इसके अतिरिक्त पुण्यफल भी मिलता है , सम्मान बढता है और इस आधार पर प्रख्यात हुई प्रामाणिकता और वरिष्ठता पर जन - सहयोग मिलने में भी कमी नहीं रहती । हरि ॐ तत् सत् 💐🕉🚩 ०३/०८/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' अपना व्यवहार गुंबज की आवाज की तरह , फेंकी हुई गेंद की तरह , सामने वाले से टकराकर अपने पास ही लौट आता है । जिसके प्रति स्नेह , सौजन्य बरत