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Nidhi Pant
सर्कस का वो खेल याद है मुझे, हर एक किरदार मंच पर उत्साह से भरा हुआ।वो लड़की हर बंधन से मुक्त हो करतब दिखाया करती थी, मुझे अपनी जिंदगी मानो बंधन में बंधी लगती थी। तब अनभिज्ञ थी इस बात से,उसकी रोज़ी उसे मंच पर मुक्त दिखलाती हुई, मुक्त होकर भी वो भंवर में जकड़ी हुई, जान जोखिम में डालकर प्रदर्शन में लगी हुई। पर्दे के पीछे हर शख़्स जूझता हुआ,तम्बू उठा अगले मंच की तरफ बढ़ता हुआ। हर दर्शक के चेहरों पे मुस्कान भर, चंद पैसों के लिए मंज़िल बदलता जा रहा,वो सर्कस तब एक खेल था और आज पूरी जिंदगी का आइना बन गया। #सर्कस
Amit Singhal "Aseemit"
यह जीवन है, बहुत रोमांचक हैरत भरा एक सर्कस, अपनी चलाए, क़ाबू में न आए, न होता टस से मस। ©Amit Singhal "Aseemit" #सर्कस
Ajay Chaurasiya
ये ज़िन्दगी एक सर्कस है जनाब, और हम सब एक जोकर है, जिंदगी कुछ तमाशे कराएगी, और कुछ तमाशे दिखाऐगी.. -अजय चौरसिया #सर्कस
Imtiyaj qureshi
दिल के ज़ख्मों से सुलगता हुआ जब नुक्स मिलेगा, फिर तुम्हें सुखन की किताबों में ये हम-नफ़्स मिलेगा | जब भी लिखा हुआ देखोगे कहीं_हर्फ-ए-मुहब्बत, तुमको उस हर्फ में उतरा हुआ इक नक़्श मिलेगा | तुम न चाहते हुए उस हर्फ के____सफ़्हात पड़ोगे, तुमको सफ़्हात से उठता हुआ इक अक़्स मिलेगा | तुम शिद्दत से उसी अक़्स की____ तन्क़ीद करोगे, तुमको तन्क़ीद में टूटा हुआ___इक उन्स मिलेगा | तुम उसी उन्स की रुदाद में_____महसूस करोगे, तुमको रुदाद में माज़ी का भुला__लम्स मिलेगा | तुम उसी लम्स के किरदार में ______ढूंढोगे मुझे, तुमको किरदार में बिखरा हुआ यह शख्स मिलेगा | ✍🏻✍🏻 इम्तियाज कुरैशी अनुवाद °°°°°°° (नुक्स - दोष, कसूर, बुराई) (सुखन - साहित्य, शायरी) (हम-नफ़्स - साथ में मेल-मिलाप का संबंध रखने वाला) (हर्फ-ए-मुहब्बत - मुहब्बत लिखा हुआ शब्द) (नक़्श - निशान) (सफ़्हात - किताब के पन्ने) (अक़्स - साया)(शिद्दत - संजीदगी, गहराई) (तन्क़ीद - परख, समीक्षा)(उन्स - लगाव) (रुदाद - कहानी)(माज़ी - अतीत)(लम्स - स्पर्श, छुअन) ©इम्तियाज कुरैशी ✍🏻✍🏻 इम्तियाज कुरैशी #meltingdown
✍🏻✍🏻 इम्तियाज कुरैशी #meltingdown
read moreDushyant Yadav Akshay
#OpenPoetry तुम आज साइकिल चलाना.. मैं सांसे सुनुगा.. साइकिल
साइकिल #शायरी #OpenPoetry
read moreLalitPurohit
#WorldBicycleDay #SpecialDay पहले साइकिल की सवारी मेने की मेरे दादाजी के साथ फिर की बहुत मगर मजा तब आया कि सुपके से सीखता था और गिरता था और सब से मजे की बात की उसके अस्थि पंजर बेच के में मूंगफली खा लेता था सच्ची हकीकत lalitpurohit28 #gif साइकिल
साइकिल #Gif #specialday #WorldBicycleDay
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