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Shailendra Anand
रचना दिनांक १४,,,,११,,,२०२३ वार मंगलवार समय ््सुबह ९००बजे ्््शीर्षक ्््शीर्षक छाया चित्र में दिखाया गया भावचित्र प्रेम और उदारता से जन्मा विचार महामना पंडित जवाहरलाल नेहरू जी उगता सूरज जमीन पहाड़ अग्नि प्रकाश में जन जीवन में एक जीवंत कलाकृति को साकार करने वाले देश की आजादी के शहीदों का दीप यज्ञ में आहुतियां देकर सम्मानित मतदाता जागरूकता अभियान संवाद सम्बोधन में देश को प्रजातंत्र का सम्मान पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म दिवस मंगलमय बालदिवस विशेष रूप मनाया जाता है।। आप आधुनिक युग के निर्माता के रूप में स्वीकार किया गया है।। भारत के चहूमुखी विकास के नये आयाम देकर अपने विचार भारतीय नागरिक गणराज्य संरचना संविधान में न्याय करुण पुकार रही भावना से मन को शांत कर दिया गया है।। अन्नपूर्णा अन्नंअनामय से मां तुझे प्रणाम एक सच्चे प्रेमी देशभक्त लोकप्रहरी शासनादेश को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ।। उनकी जंयती पर राष्ट्र धर्म सर्वोपरि बालदिवस से सजाया गया है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद १४नवम्बर२०२३ ©Shailendra Anand #Children'sDay निज विचार पंण्डित जवाहर लाल नेहरू जी का अध्यात्मिक सम्मोहित जनदर्शन और आप और हम ्््््
Ashutosh Mishra
हे जग को सम्मोहित करने वाले चंद, तूने यह कला सीखी कहां से,,, कभी आधा कभी पूरा कभी एकदम से छुप जाना, गजब अंदाज है तेरा,,, गजब अंदाज है तेरा। भाता शायद इसीलिए तू,भोले शिव शंकर को, शीश पे तुझको धारण करके, चंद्रमौली कहलाए। शांत स्वभाव अद्भुत छवि न्यारी आ रही, हर प्रेमी के दिल को तू भाता। चंद्र चांदनी और चकोर, प्रेम जगत की चाह, बिना चर्चा चांद चकोर के,प्रेम लेख अधूरा रह जाए। बिरहा हो या मिलन प्रेम का, चांद साक्षी सबका। चंचल चितवन चित चांद सा मन के भाव अनूप, अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #Crescent हे जग को सम्मोहित करने वाले चंद, तूने यह कला सीखी कहां से। कभी आधा कभी पूरा कभी एकदम से छुप जाना। गजब अंदाज है तेरा गजब अंदाज है
JUNAID RAZA QADRI
अगर मरने के बाद भी जीना है.. तो एक काम जरूर करना.!! पढ़ने लायक....कुछ लिख जाना.. या फिर,,, लिखने लायक....कुछ कर जाना.. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम . ✍️ करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत कलाम अपनी मीठी जुबान से हजारों की भीड़ को सम्मोहित कर लेते थे. उन्होंने दो दर्जन किताबें भी लिखीं. लेकिन फिर
Poonam Singh
पंछी तुम्हारा हर दिन, हर पल मेरे घर आंगन में यूँ आना। जैसे मेरे मन को मोह लेते हो तुम तुम्हें देख कर मैं जीवन आंनद से गुजरती हूँ। तुम हमेशा मेरे जीवन को अपनी मधुर धुन से सम्मोहित कर देती हो तुम्हारी चह-चहाओं से मुझे प्रेरणा मिलती है। जिंदगी खूबसूरती के साथ जीने की नई दिशा मिलती है। तुम्हारा हर दिन, हर पल मेरे घर आंगन में यूँ आना जैसे मेरे मन को मोह लेते हो तुम तुम्हें देख कर मैं जीवन आंनद से गुजरती रहती हूँ तुम हमेशा
Poonam Singh
A NEW DAWN
वर्षा सी प्रेमिका वर्षा की यह बूंदें जब गिरती हैं धरा पर मृदंग बजते हैं प्रकृति के सम्मोहित करते हैं मुझे ये तेरे रस भरे स्वर की तरह ये काली घटाएं घेरती हैं हृदय को मेरे तेरे घने केशों की तरह और कागज़ के नाव की तरह डूबता है मेरा हृदय तेरे नेत्र सागर में उस सुगंधित समीर की तरह मुझे तेरे सांसों की सुगंध आती है और यह हरे वन याद दिलाते हैं मुझे तेरे परिपूर्ण यौवन के...।। वर्षा सी प्रेमिका वर्षा की यह बूंदें जब गिरती हैं धरा पर मृदंग बजते हैं प्रकृति के सम्मोहित करते हैं मुझे ये तेरे रस भरे स्वर की तरह ये काल
Rabiya Nizam
वर्षा सी प्रेमिका वर्षा की यह बूंदें जब गिरती हैं धरा पर मृदंग बजते हैं प्रकृति के सम्मोहित करते हैं मुझे ये तेरे रस भरे स्वर की तरह ये काली घटाएं घेरती हैं हृदय को मेरे तेरे घने केशों की तरह और कागज़ के नाव की तरह डूबता है मेरा हृदय तेरे नेत्र सागर में उस सुगंधित समीर की तरह मुझे तेरे सांसों की सुगंध आती है और यह हरे वन याद दिलाते हैं मुझे तेरे परिपूर्ण यौवन के...।। वर्षा सी प्रेमिका वर्षा की यह बूंदें जब गिरती हैं धरा पर मृदंग बजते हैं प्रकृति के सम्मोहित करते हैं मुझे ये तेरे रस भरे स्वर की तरह ये काल
Sunita D Prasad
मुझे सम्मोहित करती है प्रेम की मीठी गंध। ( read in caption) --सुनीता डी प्रसाद💐 # प्रेम की गंध.. मुझे सम्मोहित करती है प्रेम की मीठी गंध। जो होती है,कुछ-कुछ निबोली के समान । जिसकी महक से
Er.Shivampandit
#प्रिया राईटर है, शांत समंदर है सोलह कलाएं छूपी हुई जिसके अन्दर है सुन्दर प्रभात सी पिघलती बर्फ से गिरता हुआ प्रपात सी