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jyoti
गेरो को क्या दोष दू, वो तो बस इल्जाम लगा रहे हैं गम तो अपनो का हैं, जो जानते हुए भी गुनहगार ठहरा रहे हैं। 🥺😔🥺 ©jyoti दुखी कलम #apne #शायरी #कलम
Urvashi Kapoor
ए कलम तेरी अजब है माया.... जज के हाथ लगीं तो, जिंदगी और मौत का फैसला कर डाला.... बच्चे के हाथ लगी तो, उसका भविष्य बना डाला.... डॉक्टर के हाथ लगी तो, किसी को हंसाया.... तो, किसी को रुलाय.... और, एक लेखक के हाथ लगी तो, समाज को आईना दिखया.... ©Urvashi Kapoor #कलम
Madhusudan Singh
चाहत नहीं मुझे अब , कि किसी की बराबरी करुं । बस चाहत इतनी सी है , कलम के साथ एक लम्बी उम्र गुजारुं.. ---"मधु" ©Madhusudan Singh #कलम
Balwinder Pal
लिखती रहती है मेरी कलम उनके बारे में दिन हो या रात ये सोती नहीं, समेट लेती है मेरे सारे गम अपने ही सीने में बड़ी ही वफादार है ये रोती नहीं.. ©Balwinder Pal #कलम
kanchan Yadav
मेरे शब्दों में भरते जान हो मेरी भावनाओं की शान हो तीन अक्षरों का निर्माण हो तुमसे ही बड़े-बड़े काम हो किसी के हस्ताक्षर की पहचान हो बड़े फैसलों का तुम परिणाम हो पढ़ने लिखने का सार हो "कलम " तुम कमाल हो अभिमान है मुझे तुम पर तुम मेरे होने की पहचान हो ©kanchan Yadav #कलम
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
कलम वाह! री कलम।तेरा भी कोई जवाब नहीं। तुझ में हर हुनर है। तुझ में हंसाने,रुलाने जगाने,सुलाने और पानी में आग लगाने का भी हुनर है। दिल की बातें, मन के विचार, शायर की गजल, कवि की कविता,ये सारे तुम्हीं से संवरते हैं। तुम न होती तो क्या होता। लेखक, कवि ,शायर, गीतकार कहां जाते। जब दिल और मन की बातें खूबसूरत शब्दों का श्रृंगार करके कलम के रास्ते किसी के दिल में उतरता है तो बड़ा ही असरदार होता है। तुम ऐसी मौन प्रखर वक्ता हो जो खामोश होकर भी अपना शानदार हुनर बिखेरती हो। * ना चिट्ठी ना संदेश, तुम गए कौन सा देश, तुम तो चले गए* ये पंक्ति कलम से नहीं सामने आई होती तो दिल को नहीं छू पाती। न जाने ऐसे कई अनगिनत रचनाएं हैं जिन्हें पढ़ने पर इन्सान किसी और दुनिया में चला जाता है। तुम अनमोल हो। मनभावन हो। *कलम आज तेरी जय बोल*। ©नागेंद्र किशोर सिंह # कलम
Aditya kumar prasad
"कलम में धार चढ रही है ll तेजी से आगे बढ़ रही है ll शोर बहुत पीछे छूट गया है, कलम भावों को पकड़ रही है ll दर्द सजा सजाकर लिखा मेने, दुनिया खुशी-खुशी पढ रही है ll बेचैनियों से दोस्ती है कलम की, और सूकून के पलों से लड़ रही है ll आंखें से आंसू बहने लगेंगे, कलम की नोक गड रही है ll" ©Aditya kumar prasad कलम