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N S Yadav GoldMine
White यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ प्रह्लाद ने कहा-पिताजी! मैंने जो पढ़ा है वह सुनिये-l श्रवणं कीर्तनं विष्णो: स्मरणं पादसेवनम्। अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम्॥ {Bolo Ji Radhey Radhey} (श्रीमद्भा० ७।५।२३) जय श्री राधे कृष्ण जी...... 'भगवान् विष्णु के नाम और गुणों का श्रवण एवं कीर्तन करना, भगवान् के गुण, प्रभाव, लीला और स्वरूप का स्मरण करना, भगवान् के चरणों की सेवा करना, भगवान् के विग्रह का पूजन करना और उनको नमस्कार करना, दास भाव से आज्ञा का पालन करना, सखा-भाव से प्रेम करना और सर्व स्वसहित अपने-आपको समर्पण करना।' ऐसी बात सुनकर हिरण्यकशिपु चौंक पड़ा और उसने पूछा-यह बात तुझे किसने सिखायी? मेरे राज्य में मेरे परम शत्रु विष्णु की भक्ति का उपदेश देकर मेरे हाथ से कौन मृत्यु मुख में जाना चाहता है? ©N S Yadav GoldMine #good_night यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म
Divyanshu kumar singh
White जिसके दिल में, बस्ती मेरी जान है, वह मेरी माँ है। पल-पल आती मुझको जिसकी याद है, वह मेरी माँ की ममता और प्यार है। माँ और माँ की ममता, एक ही इंसान के दो गुण है, कोई नहीं है एक-दूसरे से छोटा, सब अपने जगह महान हैं। माँ और माँ की ममता दोनों ही, मेरे लिए भगवान हैं। ~दिव्यांशु कुमार सिंह✍️ ©Divyanshu kumar singh #mothers_day जिसके दिल में, बस्ती मेरी जान है, वह मेरी माँ है। पल-पल आती मुझको जिसकी याद है,
संगीत कुमार
(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। कितने तप त्याग किये तुम ने। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज जो भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। कितना भी अभाव क्यों न हो। तुमने हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।। खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। मै यह नहीं कहती कि तेरी इच्छा न होती होगी।। पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कुछ गुण न था मुझमे। फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। कहती थी नाज है तू मेरा। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। (दिव्या संगीत , दरभंगा ) 🖋️स्व-रचित 🌹🌹 ©संगीत कुमार #motherlove(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट ह
N S Yadav GoldMine
Black {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारी आत्मा का प्रकति के जिस गुण का सम्बंध हो, वही गुण उसमें बसने लग जाता है, मनोववर्ति उसी का आकार धारण कर लेता है, इसीलिए जो मनुष्य सम रह कर केवल अपने कर्तव्य कर्म करता है, वेर आदि की माया से ऊपर आत्मा मैं इस्थिर होता है, उस अवस्था मे उस को पाप स्पर्स नही करता।। ©N S Yadav GoldMine #Morning {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारी आत्मा का प्रकति के जिस गुण का सम्बंध हो, वही गुण उसमें बसने लग जाता है, मनोववर्ति उसी का आकार धारण
N S Yadav GoldMine
Black भक्ति साधारण रूप से दो भागों में बाँटी जा सकती है । {Bolo Ji Radhey Radhey} पहली साधन भक्ति और दूसरी साध्य भक्ति । साधन भक्ति का अर्थ होता है, कि मन भगवान में कैसे लगे, भजन में कैसे लगे इसका प्रयास. और साध्य भक्ति का अर्थ होता है, अब मन लग गया है, अब बस भगवान का भजन हो और उनके नाम रूप गुण की चर्चा होl अब उनसे एकत्व हो जाये । ©N S Yadav GoldMine #Morning भक्ति साधारण रूप से दो भागों में बाँटी जा सकती है । {Bolo Ji Radhey Radhey} पहली साधन भक्ति और दूसरी साध्य भक्ति । साधन भक्ति का
Sameeksha Trivedi
Kuldeep KumarAUE
hanuman jayanti 2024 आप सभी को मंगलवार की हार्दिक शुभकामनाएं जय हनुमान ज्ञान गुण सागर ©Kuldeep KumarAUE #hanumanjayanti24 आप सभी को मंगलवार की हार्दिक शुभकामनाएं जय हनुमान ज्ञान गुण सागर #kuldeepkumaraue #Hanuman
Vaishnavi Pardakhe
दिखाए गये सबूतोंसे ज्यादा, बोले गये शब्दों पर जो रखा जाता है । उसे ही "विश्वास" कहते है। ❤️❤️Vaish-New❤️❤️ ©Vaishnavi Pardakhe विश्वास हाँ, शब्दों का विश्वास रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि शब्दों से व्यक्ति की भावनाओं को समझा जा सकता है और उनका विश्वास जीता जा सकता है।
AD Kiran
Men walking on dark street तुम्हारे अंदर ओ तमाम गुण है जो एक तबायफ में होता है! तुम अपने धंधा में मस्त हो वहीं तेरा आशिक फुट-फुट कर रोता है!! ©AD Kiran तेरे अन्दर तबायफ का गुण है.... ravi i live
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