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anil prajapati
भारत भूमि गूंज रही है क्यों देस बिरोधी नारों से। तुम आग लगाने निकले हो, बोलो किन अधिकारों से। नाम ख़ुदा का ले ले कर मातृभूमि को जो चाट रहे कुछ नरभक्षी नर गला अपने भाईयों के काट रहे। ऐसा क्या संदेश मिला जो आए हो तुम करने संग्राम ख़ुद के देश से द्रोह करे वो आया मां के किस काम । अगर शिकायत है तुमको इस सत्ता के ठेकेदारों से, तुम आग लगाने निकले हो, बोलो किन अधिकारों से। #राजनीति #देशद्रोह
Amar SanDiep
ऐसे गद्दारों को सज़ा कोई अच्छीखाशी दो, गिरफ्तारियां बन्द करो, चौराहे पर फांसी दो । ~अमर_संदीप #NojotoQuote देशद्रोह 2
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Trinath Sen
जो असली किसान है खेतोँ में खड़े हैँ, ना जाने ये कौन लोग जो देशद्रोह पर अड़े है..? ©Trinath Sen देशद्रोह स्वीकार्य नही....
Trinath Sen
इनके मनसूबे अलग और कहानियां कुछ और है,जो दिखाया जा रहा छलावा है.., या किसी का फैलाया शोर है.?,ना ज्ञात मुझे कौन सही गलत कौन है? पर देशद्रोह मुझे स्वीकार्य नहीं और इतना होने के बाद भी जो मौन है? ये लोग आखिर कौन है..? ©Trinath Sen देशद्रोह स्वीकार्य नही...
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
निशब्द
ShadoW
कुछ दर्दों की दवाएं ना होती, अगर दुनिया में माँएं ना होती... ©ShadoW माँ...हर दवा का पर्यायवाची है... #maa #Mother #viral #thought #Feeling #MothersDay
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ