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YumRaaj ( MB जटाधारी )
"तेषां विषये किमपि अस्ति,😍🥰 वयं केवलं तेषां एकस्य आह्वानस्य समीपं न धावामः🏃, तेषां प्रति क्रुद्धाः इति ज्ञात्वा।🤷🙇" ©YumRaaj ( MB जटाधारी ) #oddone #YumRaaj369 #nojotohindi #Nojoto #संस्कृत
Astro Yogi
Ganesh joshi
White अतिथि देवो भव’ अर्थ : अतिथि देव स्वरूप होता है। ©Ganesh joshi #flowers #अतिथि देवो भव’ अर्थ : अतिथि देव स्वरूप होता है। #संस्कृत #story #status #kavita #Sanskrit
Sarfaraj idrishi
India Vs Bangladesh Asia Cup Final हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है। ©Sarfaraj idrishi हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa
Shaarang Deepak
Shaarang Deepak
Dhanraj Gamare
cjcjffjfjfjfjfjpfjfjfkgkfgfkfkfk ©Dhanraj Gamare जागतिक महिला दिनाच्या निमित्ताने गझल काव्य संध्या व बुककट्टा टीम ( पिंपरी चिंचवड) यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित दुसरे कवी संमेलन २०२४
Bharat Bhushan pathak
चित्रपदा छंद विधान:-- ८ वर्ण प्रति चरण चार चरण, दो-दो समतुकांत भगण भगण गुरु गुरु २११ २११ २ २ नीरद जो घिर आए। तृप्त धरा कर जाए।। कानन में हरियाली। हर्षित है हर डाली।। कोयल गीत सुनाती। मंगल आज प्रभाती। गूँजित हैं अब भौंरे। दादुर ताल किनारे।। मेघ खड़े सम सीढ़ी। झूम युवागण पीढ़ी।। खेल रहे जब होली। भींग गये जन टोली।। दृश्य मनोहर भाते। पुष्प सभी खिल जाते।। पूरित ताल तलैया। वायु बहे पुरवैया।। भारत भूषण पाठक'देवांश' ©Bharat Bhushan pathak #holikadahan #होली#holi#nojotohindi#poetry#साहित्य#छंद चित्रपदा छंद विध
INDIA CORE NEWS
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है । बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१ गिरा जो आँख से पानी नहीं है । बयां करना भी आसानी नहीं है ।।२ लगाओ खूब नारे हिंद के अब । यहाँ कोई भी यूनानी नहीं है ।। ३ जरा सा हौसला करके तो देखो । कोई भी दरिया तूफ़ानी नहीं है ।।४ तुम्हीं से पूछने आये चले हम । हमीं पे क्यूँ मेहरबानी नहीं है ।।५ चुनावी खेल चालू हो गये तो । दिखा कोई भी अभिमानी नहीं है ।।६ लगे आरोप झूठे सैनिकों पे । हमारा देश बलदानी नहीं है ।।७ अदब से सर झुकाते हैं उन्हें बस । प्रखर की वह महारानी नहीं है ।।८ १२/०३ २०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है । बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१ गिरा जो आँख से पानी नहीं है । बयां करना भी आसानी नहीं है ।।२