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New वो जो था ख्वाब सा Quotes, Status, Photo, Video

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Gaurav pawar

#Thinking जिन्दगी एक रात है। जिसमे न जाने कितने ख्वाब है, जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है...!

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White जिन्दगी एक रात है। जिसमे न जाने कितने ख्वाब है,
जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है...!

©Gaurav pawar #Thinking जिन्दगी एक रात है। जिसमे न जाने कितने ख्वाब है, जो मिल गया वो अपना है जो टूट गया वो सपना है...!

SHIVRAJ SAHRIYA

#sad_quotes भटक रहा था वो

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White तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो।
प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है,
आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो।

©Shivraj Singh #sad_quotes भटक रहा था वो

N S Yadav GoldMine

#love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} वो बहुत बड़ा तमासा ही था, जो तेरा इजहार करना हमसे बे-hatsaaa था।।

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
वो बहुत बड़ा तमासा ही था,
जो तेरा इजहार करना हमसे
बे-hatsaaa था।।

©N S Yadav GoldMine #love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey}
वो बहुत बड़ा तमासा ही था,
जो तेरा इजहार करना हमसे
बे-hatsaaa था।।

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था, जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था। वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी, वो फिर नई सुबह

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क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था,
जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था।

वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी,
वो फिर नई सुबह में मोहब्बत बनकर पिघला था।

तेरे बिना जो था खाली, वो तेरा ख्वाब बना,
वही ख्वाब अब हमारी हकीकत बनकर उभरा था।

रात में जो था नवनीत कभी अधूरा,
वो तेरे होने से अब रोशनी बनकर उजला था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
क़िस्मत नहीं, हमारी चाहत का असर था,
जो होने था, वो हमसे होकर गुज़रा था।

वक़्त की शाखों पर जो पत्ते झरे थे कभी,
वो फिर नई सुबह

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था, जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था। खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं, हँसी में ज

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हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था,
जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था।

खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं,
हँसी में जो छुपाई गई, वो दर्द की किताब थीं।

लफ़्ज़ों के परदे में छुपा था जो राज़ उनका,
वो कहानी अधूरी थी, मगर बेहिसाब थीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था,
जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था।

खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं,
हँसी में ज

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेल

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जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।

जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।

जो था कभी हमारी हर खुशी का हिस्सा,
वो अब तन्हाई में खुद को ढूंढ़ने वाला था।

जिसे कभी समझा था अपने साथ का साथी,
वो अब बिन बताए, दूर जाने वाला था।

हमारी आँखों में जो था हर ख्वाब पूरा,
वो अब अपनी राहों में अकेला होने वाला था।

मोहब्बत का जो वादा था उसने किया,
वो आज उस वादे को तोड़ने वाला था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेल

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों

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White जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब,
वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा?

जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे,
वो मेरी हसरतों को राहत क्या देगा?

जो खुद को न पा सका कभी सच्चाई से,
वो किसी और की तलाश को प्यास क्या देगा?

जो रातों को जागकर कभी सच्चाई से नहीं हुआ रूबरू,
वो उजालों में ख्वाब को रोशनी क्या देगा?

जो खुद में रुकावट नहीं मिटा सका, कभी,
वो किसी और की मंज़िलों में दरवाज़ा क्या देगा?

जो खुद को समझ नहीं सका, कभी खुल कर,
वो औरों को ख्वाब क्या देगा?

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब,
वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा?

जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे,
वो मेरी हसरतों

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मुझे दुश्मन ही दे दो, अब रास्ता आसान लगता है, जो था कभी अपना, वो अब दगा देने वाला लगता है। मुझे दुश्मन ही दे दो, अब अपनों से डर

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Unsplash मुझे दुश्मन ही दे दो, अब रास्ता आसान लगता है,
जो था कभी अपना, वो अब दगा देने वाला लगता है।
मुझे दुश्मन ही दे दो, अब अपनों से डर सा लगता है,
अब सच्चाई का सामना, आसान सा दिखता है।
हर शब्द में अब एक बेवफाई का रंग सा दिखता है।
जो अपना था, अब वो सिर्फ़ धोखा देने वाला लगता है,

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
मुझे दुश्मन ही दे दो, अब रास्ता आसान लगता है,
जो था कभी अपना, वो अब दगा देने वाला लगता है।
मुझे दुश्मन ही दे दो, अब अपनों से डर

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं, जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

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Unsplash दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं,
जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं,
जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं, कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं। गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप, जो मंज़िलों की

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Unsplash दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं,
कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं।
गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप,
जो मंज़िलों की तलाश में था, वो अब मेरा पीछा नहीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं,
कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं।
गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप,
जो मंज़िलों की
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