Find the Latest Status about वादों की अग्निपरीक्षा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वादों की अग्निपरीक्षा.
bimmi prasad
अग्नि परीक्षा जब परवरिश ही प्रश्न उठाने लगे संस्कार मुंह चिढ़ाने लगे औलाद उंगली दिखाने लगे... जेनरेशन गैप की आड़ में, परंपराओं को ताक चढ़ाने लगे सुता उत्कर्ष की नोंक पर, आज़ादी की धज्जियां उड़ाने लगे फिर.... अनंत प्रश्न ... सवालों के घेरे में आकर , खड़े हो जाते हैं अब क्या करें ...कैसे हुआ..... कहां चूक हुई .... कब नजरअंदाज किया किसी की हंसी तो नहीं उड़ाई न जाने किसकी नज़र लग गई या ... पूर्व जन्म के किसी बुरे कर्म का फलाफल तो नहीं धधकते हुए इन प्रश्नों की भट्टी में कभी-कभी... हम खरे उतरते हैं और कभी... राख और बस राख... क्योंकि , वर्तमान पीढ़ी की परवरिश.... एक अग्निपरीक्षा ही तो है। बिम्मी प्रसाद वीणा ©® ©bimmi prasad #अग्निपरीक्षा
BIKASH SINGH
वादों की तरह ,इश्क भी आधा रहा मुलाकाते कम रही ,इंतजार ज्यादा रहा..!! ©BIKASH SINGH #वादों की तरह.....
Vikas sharma
।। वादों की ख़ाक ।। तुम्हे हम जो ख़ुद आकर मिले हैं कदर ना करना बेशक़ हक़ है तुम्हारा बेहतरीन की तलाश में बेहतर को खो रहे हैं बिन कांटें सुंदर हैं ये फ़ूल यारों ये तो शक़ है तुम्हारा उलझनों को उलझन ही बनी रहने दो देखें तो इसमें कितना उलझा है ज़माना पलके भारी है ,यादों को बसाया जो हैं इनमे बूँद बनकर इनका कतरे कतरे है पिघलना अलाव जलता रहा सारी रात तपन मिलती रही तेरे वादे निकाले इक इक कर ख़ाक में इनकी तस्वीर बनती रही @विकास ©Vikas sharma #coldnights वादों की ख़ाक
vaishali
अग्निपरीक्षा पतिव्रता नारी सीता दिली ही अग्निपरीक्षा चूक नसताना सुद्धा भोगायची स्त्री ने शिक्षा केला त्याग हा रामाने तरी मनी त्याचा ध्यास चौदा वर्षांनंतरही सुरू तिचा वनवास #अग्निपरीक्षा# अष्टाक्षरी आठोळी #
Kritika Srivastava
यादों का क्या है जनाब , वो तो याद आते ही है कुछ खट्टे , कुछ मिठ्ठे , लेकिन जब यादों के बात आती हैं न तब किए हुए वादे भी याद आने लगते हैं... और फिर चेहरे पर हँसी सी आ जाती हैं.... वादों की याद📝😊
vaishali
विश्वास असतो जिथे तिथे नाही द्यावी लागत परीक्षा चूक नसतानाही का फक्त सितानेच द्यायची अग्निपरीक्षा अग्निपरीक्षा#यक्तआई#yqdidi#Yqbaba
लेखक ओझा
वादों की साख भी अब बिक गई जब से झूठों के जुबां पर ये टिक गई क्योंकि ईमानदार कतराते रहे इसे जुबां पर लाने से और उधर झूठे जताते रहे प्यार इसी बहाने से।। ©लेखक ओझा वादों की साख भी अब बिक गई
Amit Rawat
वे शब्द मेरी नजदीकियों से इतने वाकिब न थे, उपलब्धियों पर केवल सवालों का जश्न मना रहा था। जमाना कूटकर हिलौरे भर रहा था मेरी सांसों में, मैं हर मोड़ पे अग्निपरीक्षा से गुजर रहा था ।। #अग्निपरीक्षा । #Hindi #Best #shayari #Poetry