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Ranu
प्रेमिका के रूप में, अगर तुम्हें नारी का असीमित प्यार मिले… सँभालना उसको, देखना उसे कभी भी चोट ना लगे… ये न सोचना कि दुख बताने पर वो सवाल करेगी… तुम्हारे मौन को सुनने की, पढ़ने की ताकत वो रखती है… यकीन मानो, फिर भी, वो चाहती है कि तुम शामिल करो उसे अपने-आप, अपने सुख में, अपने दुख में… वो देखना चाहती है तुम्हारा सहज रूप, तुम्हारी नरमी, तुम्हारा पिघलना… के जरूरी नहीं, हर समय ठोस मर्दानगी में रहना… वो पोंछना चाहती है अश्रु तुम्हारे... तुम्हें आंँचल में छुपा कर, हृदय में समेट लेना चाहती है, सभी अवसाद तुम्हारे... तुम्हारे माथे को चूम कर, वो कहना चाहती है, सब ठीक हो जाएगा... और हाँ, जब वो टूट कर बिखरे, तो तुमसे भी वो यही चाहती हैं ©Ranu जब वो टूट कर बिखरे, तो तुमसे भी वो यही चाहती हैं.
Shubham Kumar 9128
हर पतंग जानती है , अंत में कचरे मे जाना है लेकिन उसके पहले हमे , आसमान छूकर दिखाना है । बस ज़िंदगी भी यही चाहती है ©Shubham Kumar 9128 हर पतंग जानती है , अंत में कचरे मे जाना है लेकिन उसके पहले हमे , आसमान छूकर दिखाना है । बस ज़िंदगी भी यही चाहती है । #messageoftheday
Shilpa yadav
एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनवरत विकास की ओर उसकी संतान उन्मुख हो सिर्फ यही चाहती हैं।। मां का लाड दुनिया का वह रत्न जो समस्त मनुष्य को मिलता है हां उन्हें जिनको मां का प्यार नहीं मिलता शायद कहना उचित नहीं परंतु सच में उनको भी अत्यंत कमी महसूस होती है, आज का युवा वर्ग मां के एहसास को समझना नहीं चाहता लेकिन जीवन की पराकाष्ठा तो मां के पेरों में है अगर समय मिले तो कभी मां के पैरों के संग हाथों को चूमना और उन्हें भी गले लगाना क्योंकि दुनिया की हर एक मां बस यही चाहती है मां मेरी भी है और ऐसा दुनिया में मैं कहीं भी रहूं पर मैं बस यही चाहती हूं कि मां का हाथ मेरे सिर पर यूं ही रहे आशिर्वाद के रूप में और मैं उनके आंचल में अपने सुख दुख को उनके संग ही रहूं।। ©Shilpa yadav #snowpark #motherlove#एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनव
lalitha sai
प्रश्न यह प्यार की नहीं अपनी भावनाओं की है प्रश्न यह वादों की नहीं.. उन भावनाओं को सही समय पे.. सही प्रकार से व्यक्त करने की है प्रश्न यह प्यार की नहीं उस प्यार को.. निभाने की है.. प्रश्न यह साथ रहने की नहीं साथ रहने की कोशिश करने मे है प्रश्न यह बातें करने मे नहीं उन बातों को याद रखकर निभाने मे है प्रश्न आपसे नहीं.. आपके मन की सच्चाई से है.. ! #yqbaba #yqdidi #yqurduhindi #yqthoughts हर एक लड़की यही चाहती है कि.. उसको प्यार करने वाला हमसफर मिले.. उस लड़की को आप महंगे महंगे तोहफ
Akash Patel
जब होता हूँ मैं अकेला खो जाता हूँ तेरी यादों में आंखें बंद कर लेता हूं देख लेता हूँ तुझे ख्वाबों में कभी कभी लगता है छोड़ दूँ सब कुछ आ जाऊँ तेरी बाहों में डर सा लगता है टूट ना जाए ये ख्वाब रह ना जाए यादों में तू भी तो यही चाहती है ना माँ कुछ बन जाऊँ मैं फिर सच कर दूं तेरी इन ख़्वाबों को। #loveyoumom #loveyoumaa #loveyourself #Alone #livealone #love #ख्वाब #khwab #yaaden #Nojoto #Nojotopoem #NojotoHindi #Nojotohas #NojotoNews
Shubham Anand Manmeet
प्रेमिका के रूप में, अगर तुम्हें नारी का असीमित प्यार मिले… सँभालना उसको, देखना उसे कभी भी चोट ना लगे… ये न सोचना कि दुख बताने पर वो सवाल करेगी… तुम्हारे मौन को सुनने की, पढ़ने की ताकत वो रखती है… यकीन मानो, फिर भी, वो चाहती है कि तुम शामिल करो उसे अपने-आप, अपने सुख में, अपने दुख में… वो देखना चाहती है तुम्हारा सहज रूप, तुम्हारी नरमी, तुम्हारा पिघलना… के जरूरी नहीं, हर समय ठोस मर्दानगी में रहना… वो पोंछना चाहती है अश्रु तुम्हारे... तुम्हें आंँचल में छुपा कर, हृदय में समेट लेना चाहती है, सभी अवसाद तुम्हारे... तुम्हारे माथे को चूम कर, वो कहना चाहती है, सब ठीक हो जाएगा... और हाँ, जब वो टूट कर बिखरे, तो तुमसे भी वो यही चाहती है । -शुभम आनंद मनमीत 🌻 ©Shubham Anand Manmeet प्रेमिका के रूप में, अगर तुम्हें नारी का असीमित प्यार मिले… सँभालना उसको, देखना उसे कभी भी चोट ना लगे… ये न सोचना कि दुख बताने पर वो सवाल कर
sandeep tiwari
Rupesh Shah
स्त्री... की कामना कामना में डूबी स्त्री की आँखें लाल ❤️ और होंठ नीले होते हैं जब तुम इन नीले होंठों को चूमते हो तो नाभि के पास खिंच जाती हैं दो लकीरें एक हो
AK__Alfaaz..
इक दिन संवेदना की जमीन से, प्रेम को उखाड़ा मैने, और टाँग दिया, मोहब्बत की कच्ची दीवार पर, विश्वास की तिरछी लगी एक खूँटी के सहारे, क्या पता था...प्रेम भी तिरछा ही टँग जायेगा, उस मौन तस्वीर की भाँति, जो चेहरे की मुस्कान तो साथ लिए है अरसे से, पर...कुछ कहती नहीं, बस...अविश्वास की आँधियों में, डोलती है इधर से उधर, एक स्थिर सहारे की तलाश लिए, और...आँधियों के थमने पर यथावत हो जाती है, उन आँधियों के फिर लौटने के इंतजार में, कि ..कब, कोई हवा का ऐसा झोंका चले, और....स्वतंत्रता की फर्श पर गिरकर, उसे आजीवन इस...अस्तित्व से मुक्ति मिलें..।। प्रेम सदा ही संवेदना की जमी पर ही उगता है.. कहने का आशय यह है कि..कोई स्त्री जब अपने बाबुल के यहाँ जन्म लेती है तो वह जगह उसकी संवेदना की भ
Funny Singh🐼
कबीर दास जी ने कहा था कि : साईं इतना दीजिए, जामे कुटुम समाये। मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाये।। और आज की generation को देखते हुए मेरा कहना है कि : साईं इतना दीजिए, कि हम मुकेश अम्बानी बन जाएं।😝 साधु से मतलब न रहा, बस रोज पिज्जा-बर्गर खाएं।।😝 😝😝😝😝 वैसे ऐसी मेरी ख्वाहिश तो नहीं लेकिन आज की जनरेशन तो यही चाहती है ना😝😝😝 लोग सिर्फ सोशल-मीडिया पर गरीबों को खाना खिलाने की बात सिर्फ शेय