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Eron (Neha Sharma)
क्या लिखूं दोस्त शब्द नही मिलतें जुबान के पन्नों पर लफ्ज नही खिलते। जितना लिखूं तुम्हारे लिये कम ही पड़ता है। तुम्हारी कमी से दिल बड़ा खलता है। चलो मिलकर पुराने दिन बिताते है। साथ मिलकर बेफिक्री से जीते हैं। कैंटीन के चाय समोसा और बात - बात पर शर्त लगाते हैं। अपने अपने कृश की बातें एक दूसरे को बताते हैं। चलो वो मस्ती भरे दिन फिर से बिताते हैं। - "नेहा शर्मा" दोस्ती पर मेरी भी कविता
Anurag Choursiya
।।योग::प्रकृति का अनमोल उपहार।। जीवन में एक संकल्प करें,हम सब मिलकर योग करे, तन और मन को स्वस्थ करे,जीवन को अपने दीर्घायु करे, गहरी सांसों को हम ग्रहण करे,नियमित अनुलोम विलोम करे, कपाल भाति से तन निरोग करे,भस्त्रिका कर मस्तिष्क प्रबल करे, सभी शक्तियों का आगाज करे,बेचैन मन को हम प्रफुल्लित करे, तन में हम अपने पैदा स्फूर्ति करे,खिलते योवन का एक श्रृंगार करे, ईश्वर के खजाने का उपयोग करे,हम अपने दिल दिमाग सक्रिय करे, अपने जोड़ो को हम शतायु करे,आँखों की रौशनी को हम दिव्य करे, सूर्योदय में उठ सूर्य प्रणाम करें,ताज़ी हवा को अपने नाम करे, ठंडे जल से सुबह जल्द स्नान करें,वेद शास्त्रो का नियमित पाठ करे, व्यर्थ बढ़े वजन को सब कम करे,तांत्रिका तंत्र को हम मजबूत करे, तंदुरुस्ती से जीवन खुशहाल करे,चुस्ती फुर्ती से खुशियों का मान करे, कवि अनुराग कहे सब योग करे,स्वस्थ जीवन को अपने नाम करे, जीवन में हम एक संकल्प करें,आओ हम सब मिलकर योग करे, "स्वर्णिम"अनुराग चौरसिया रतलाम मप्र 9039509403 योग दिवस पर मेरी कविता....
Neeti Srivastava
एक ऐसा रिश्ता था जो अपनी कहता था और हमारी सुनता था करता था बेहद मुहब्बत हमारे लिए तड़पता था! अब ऐसा रिश्ता है जो अपनी ही कहता है अपनी ही सुनता है हम तड़पते हैं याद में वो अनदेखा करता है!! ©Neeti Srivastava मेरी पहली कविता NJOTO पर
arpana dubey
सच के साथ सदा होती हैं बेटियां, जीवन भर कष्ट ढोती हैं बेटियां। बेटियों की कीमत कहीं नहीं होती, किंतु साहसी बेटियां कभी नहीं रोती। बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ ही होता है, बेटियों का बाप जिसे मौन होकर ढोता है। कलयुग में कहीं भी सुरक्षित नहीं बेटियां, फिर कैसे करेंगी नाम देश का रोशन बेटियां। हैवानियत की तो हद ही पार हो चुकी है, कौन कहता है कि कलयुग में वह रुकी है। गलत काम करके फिर मार दी जाती हैं बेटियां, रोक दो अब इसे, सदा ही प्यार दे जाती हैं बेटियां। अर्पणा दुबे, अनूपपुर ©arpana dubey बेटियों पर कविता मेरी पढ़े।
Vandana sakshi tiwari
कविता दिल के हर ज्ख्म की मरहम है कविता। सुर भरे साँसों की सरगम है कविता । विरान एकांकी क्षणों की मीत है कविता। भावुक मन गाते अधरों की गीत है कविता। वंदना साक्षी जशपुर नगर छतिसगढं ©Vandana sakshi tiwari नोजोटा पर मेरी पहली कविता #flowers
कवि देवेन्दु 'देव'
नोजोटो पर मेरी दूसरी कविता। #यूँ_तो_सबकुछ_लूट_गया_है