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online tution by Amarnath sir
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं #NojotoQuote मेरे कमरे में
Azeem Khan
ख्वाबीदा आंखों में कोई ख्वाब रुका था । जाने कैसे सीने में दिल - ए - बेताब रुका था मेरे हुजरे में फ़ैला है,जो नूर अब तक । इक शब मेरे कमरे में,वो महताब रुका था । azeem khan # इक शब मेरे कमरे में #
Vikram Prashant "Tutipanktiyan "
बंद कमरे में इन बहरी दीवारों के संग रहकर मैं भी बंद हो गया हूँ अब जो कुछ भी मेरे अंदर पहुंचती है उन पुरानी किताबों से जो बहुत पुरानी बातें करती है या मुझे झूठी दुनिया का दर्शन करवाती है और जो कुछ नया ताजा मेरे अंदर प्रवेश पाना चाहता है छानने लगती हैं परीक्षाओं की छन्नी से और छण कर जो मेरे अंदर पहुंचती है मुझे कुछ नया नही करती है मैं अपनी उद्वेलना को बंद कमरे में दफन कर बाहर निकलता हूँ बाहर की दुनिया जो जीवित है और जीवित होने का स्वांग भी कर रही है पर, मैं बंद कमरे का आदी हो चुका हूं चीखती आवाजें मेरे भीतर की दीवार को भेद नही पातीं हैं। vikram prashant #hindi_poetry बंद कमरे में tutipanktiyan.in #nojota
prem pratap rana
अंधेरे कमरे में बैठा हूं आती सूरज की रोशनी से नफ़रत हो चुकी है जिसे आना चाहिए ,वो है अपनों के साथ उन्हीं के बीच खो चुकी है जीने की उम्मीद ही नहीं बची जिसके लिए जीता था वो ही न रुकी। तड़पता रहा एक बार गले लगने को और उसने पलट के न देखा निकल गई रूह मेरे शरीर से अब शरीर में जान नहीं बची अंधेरे कमरे में बैठा हूं #indianapp अंधेरे कमरे में बैठा हूं
Prabal
मैं बैठा था एक कमरे में, सोचा कि कुछ अहसास लिखूं फिर सोचा इक पैगाम लिखूं, या तुझको खुद का नाम लिखूं तेरे साथ बिताई शाम लिखूं, या तुझको ही आराम लिखूं तुझे रंग समझ लूं शरबत का, या हर दिन का एक जाम लिखूं लिख दूं तुझको हरियाली मैं, या रोशन सा कोई चांद लिखूं तुझको लिख दूं एक फुरशत मैं, या लंबा सा कोई काम लिखूं आरंभ लिखूं किसी किस्से का, या किस्से का अंजाम लिखूं किसी कक्षा का दाखिला लिखूं, या उत्तीर्ण कोई परिणाम लिखूं थल सी उजली काया लिख दूं, या नभ सा तुझे गुमान लिखूं तुझको ही जीवन शुरू लिखा तुझको ही पूर्णविराम लिखूं सोचा लिखना तुझको मैंने, पर लिख न सका तो सोचा ये कि नाम मेरा हो जाए अगर, नाम अपने संग तेरा नाम लिखूं खेतों की ठंडी हवा लिखूं, जख्मों पर कोई दवा लिखूं सीरत तेरी किसी बच्चे सी, सूरत को कातिल जवां लिखूं तेरा रांझा लिख दूं खुद को मैं, फिर तुझको खुद की हीर लिखूं तुझे तेज धधकती आग लिखूं, या कलकल बहता नीर लिखूं तुझे ख्वाब लिखूं मैं आखों का, या सागर सा गंभीर लिखूं लिख दूं तुझको थोड़ा तीखा मैं, या फिर मीठी सी खीर लिखूं तुझको मैं बहती नदी लिखूं, एक पल में पूरी सदी लिखूं तू गलत रहे हर जगह भले, हर जगह तुझे मैं सही लिखूं मैं हाथ में तेरा हाथ लिखूं, या तुझे किसी के साथ लिखूं वो चांदनी वाली रात लिखूं, या घंटों की वो बात लिखूं फिर बात एक मन में आई ,कागज पर मेरी कलम गिरी अब साथ नहीं है तू मेरे, कैसे तेरा अहसास लिखूं भर आया पानी आंखों में, सोचा आंखों का राज लिखूं मैं बैठा था एक कमरे में, सोचा कि कुछ अहसास लिखूं ©Prabal मैं बैठा था एक कमरे में.............. #udas
Miss Rk.
#MessageOfTheDay अगर अंधेरा है कमरे में तो उजाला कर लो लाइट नहीं है तो दीपक में तेल भरलो दिल की खिड़की को खोल कर रखो हौंसलों की किरणों को अंदर आने दो अगर फिर भी निराश हो तो एक काम कर लो बाहर जाकर प्रकृति से बात करलो अगर अंधेरा है कमरे में......... थक गया है चेहरा भीड़ में मुस्कुराकर इसे अकेले में भी थोड़ा मुस्कुराने दो मस्त से होकर ठंडी हवाओं में अपने लिए भी इश्क का आगाज करलो अगर अंधेरा है कमरे में............ ©Reeju Kamboj अगर अंधेरा है कमरे में........ #Nojoto #Poetry #Contest #Messageoftheday
The blankdotts
अगर आप किसी कमरे में है और आपको लग रहा हो आपसे बैहतर कोई नही तो आप गलत कमरे में बैठे है। अगर आप किसी कमरे में है और आपको लग रहा हो आपसे बैहतर कोई नही तो आप गलत कमरे में बैठे है।
Amit Santra
वह बिना कुछ बोले अपने कमरे में चला गया। पता नहीं आज उसका मन क्यों खराब है ! क्या वह अकेला महसूस करता है? जैसे कोई सूखा पत्ता सारे रसों से दूर होने की कोशिश कर रहा हो! मेरा मन कहता है कि वो फिर आयेगा, दरवाजा खोलेगा और सूरज की किरणों की तरह सर्दी की सारी सर्दी को काट कर सबको अपनी गरमाहट से सजायेगा। ©Amit Santra वह बिना कुछ बोले अपने कमरे में चला गया। #AmitSantra