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Adv.Sanjay singh Bhadouria

2 जून की रोटी #ज़िन्दगी

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Satish Mapatpuri

2 जून की रोटी

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रोटी देखन में बस छोटी ।
कितनों ने इसको पाने में ,

नीयत भी कर ली खोटी ।
रोटी देखन में बस छोटी ।


जब तक पेट रहेगा तन में ।
रोटी की धुन रहेगी मन में ।
अच्छा होता पेट के बदले , 

दो - दो  पीठ  ही  होती ।
रोटी देखन में बस छोटी ।


इन्सां  का भगवान  है रोटी ।
दीन - ईमान विधान है रोटी ।
इसकी नींद से जागे दुनिया , 

इसको  लेकर   सोती ।
रोटी देखन में बस छोटी।


कोई  मिहनत  करके पाता ।
कोई इसको ठग कर लाता ।
कोई पाए बेच के अस्मत , 

बहन  लगे  या   बेटी ।
रोटी देखन में बस छोटी ।
-- सतीश मापतपुरी

©Satish Mapatpuri 2 जून की रोटी

Author Harsh Ranjan

2 जून जाना पहचाना दिन।

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एक आम दिन सा गुजर गया
कल का वो पहचाना दिन...
कितने बारूद से बुझा था,
कितने तेजाब में डूबा था,
उजड़ने को तैयार महफ़िल था,
एक धूर्त, काला, द्वेषी दिल था,
जाने कितना आग था,
जाने कैसा दुर्भाग्य था,
रिक्त बीत जाने का वैराग्य था,
कितनी बोझिलता, 
कितना भारीपन था,
सौ सीकड़ों का बंधन,
मृत्युतुल्य दुर्गंजन था पर
बड़ी मासूमियत से गुजर गया,
एक बड़े एहसान सा उतर गया।
बड़ा बदनाम हो गुजरता रहा पर
कल आम हादसे सा मैं उबर गया,
एक आम दिन सा गुजर गया
कल का वो पहचाना दिन। 2 जून 
जाना पहचाना दिन।

INDRAJEET KUMAR,

#height 2 जून की रोटी #कविता

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किसी को मिलती पतली
  किसी को मिलती मोटी हैं भाग्यशाली तो वो है
 जिसको मिलती दो जून की रोटी हैं 
............
आज 2 जून हैं और दो जून की रोटी सबको बड़े नसीब से मिलती हैं #height 2 जून की रोटी

Author Harsh Ranjan

2 जून जाना पहचाना दिन।

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एक आम दिन सा गुजर गया
कल का वो पहचाना दिन...
कितने बारूद से बुझा था,
कितने तेजाब में डूबा था,
उजड़ने को तैयार महफ़िल था,
एक धूर्त, काला, द्वेषी दिल था,
जाने कितना आग था,
जाने कैसा दुर्भाग्य था,
रिक्त बीत जाने का वैराग्य था,
कितनी बोझिलता, 
कितना भारीपन था,
सौ सीकड़ों का बंधन,
मृत्युतुल्य दुर्गंजन था पर
बड़ी मासूमियत से गुजर गया,
एक बड़े एहसान सा उतर गया।
बड़ा बदनाम हो गुजरता रहा पर
कल आम हादसे सा मैं उबर गया,
एक आम दिन सा गुजर गया
कल का वो पहचाना दिन। 2 जून 
जाना पहचाना दिन।

Pushpendra Pankaj

#safar इतिहास का #कविता

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Vishal

भारत का इतिहास #पौराणिककथा

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poetry by heart

मेवाड़ का इतिहास #प्रेरक

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Gurijunctions

भारत का इतिहास #पौराणिककथा

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Shayar Bhupendra Likhitkar

धड़कन का इतिहास #Shayari

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