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Bharat Sen
बचपन में पढ़ते थे कि इंसान जानवर (आदिमानव) था लेकिन आज जो देश का माहौल है उसे देखकर तो लगता है कि अब तो इंसान आधा मानव भी नही रहा !! कोई जानवर भी ऐसा नही कर सकता है #कठुआ Case 👎👎😢
Raviiii
जब भी पूरे चाँद की रात होती है उस दिन मैं अक़्सर दरिया चेनाब के ऊपर बने लोहे के पुल पर से गुज़रा करता हूँ ... ना जाने कितने ही इश्क़ इस दरिया में डूबे है और इसके सीने में कितने ही राज़ दफ़न होंगे ... सोहनी - महिवाल भी इसी की भेंट चढ़े थे ... लेकिन उनकी शहादत व्यर्थ नहीं हुई थी ... उनके डूब जाने के बाद उनकी मोहब्ब्त के किस्से अमर हो गए थे ... और उस दिन के बाद ये दरिया चेनाब ... गवाह बन गया था हर उस कश्ती का जिसे किनारा शायद हर बार नसीब नहीं होता ... कईं बार कश्ती , माझी के संग इसमें डूब भी गयी ... लेकिन ये दरिया वहीं का वहीं खड़ा है ... और हाँ , अक़्सर पूरे चाँद की रात को ये पहले से ख़ामोश हो जाता है ... ना जाने क्यों ...? ©Raviiii दरिया चेनाब का पुल और पूरे चाँद की रात #raviiii #sharadpurnima
#कान्हाकहतेहैं
क्या कठुआ और क्या उन्नाव कस्बो शहरों गाँव में जड़ी वासना की जंजीरें मासूमों के पाँव में महिलाओं को मूल्य समझना कोई नवेली रीत नहीं यहाँ बिकी ह
Md wasi khan
कठुआ रेप केस के 7 आरोपियों में से 6 दोषी करार "आसिफा" को मिला न्याय एडवोकेट Deepika Singh Rajawat दीदी का दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। जिस
Muskan sharma
Ravendra
AS Sabreen
दिसंबर की रातें है, सर्दियों का आलम है, और देश है कि जून कि दुपहरी सा तप रहा। बेहिसाब किया विकास इन्होंने धर्म के हर मुद्दे में, लेकिन देश की उन्नति में योगदान बिल्कुल ठप रहा। मुगलसराय से दीनदयाल। इलाहाबाद से प्रयागराज। शिक्षा, बेरोजगारी, चिकित्सा अरे छोड़ो फिजूल है। अर्थव्यवस्था कहां मायने रखती है इनके लिए, रुपया कौड़ी के भाव भी इनको क़ुबूल है। ऊपर से वो जनसभाएं भी करने से नहीं थक रहा। और देश है कि जून कि दुपहरी सा तप रहा। उन्नाव,कठुआ,निर्भया और जाने कितने ही, इंसाफ की तलाश में अब तक भटक रहे है। गाय की कीमत इंसान से बढ़कर हो जहां, उस देश के वासी सचमुच सनक रहे है। सुकून-ए-वतन से ज्यादा सीएए,एनआरसी,जरूरी है, जबकि गली गली में विद्रोह भड़क रहे है। शिक्षा के मंदिर में लाठियां चल रही है, लखनऊ,दिल्ली,मैंगलूरू,शहर के शहर दहक रहे है। फिर भी हर आवाज अनसुनी कर वो अपनी ही मंत्र जप रहा। और देश है कि जून कि दुपहरी सा तप रहा है। #December#Day19#दिसंबरकीएकरात दिसंबर की रातें है, सर्दियों का आलम है, और देश है कि जून कि दुपहरी सा तप रहा। बेहिसाब किया विकास इन्होंने धर्
Shruti Aggarwal