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सोमराज मेघपूत
करामाती चाह ©सोमराज मेघपूत मारवाडी बणी-ठणी ROSHANI
मारवाडी बणी-ठणी ROSHANI #Quotes
read more'Bharat' Sachin
#बणी-ठणी #कविता_राजस्थान_सी #हिंदी_हैं_हम_हिंदी_से_हम #NojotoPhoto
#बणी-ठणी #कविता_राजस्थान_सी #हिंदी_हैं_हम_हिंदी_से_हम Photo #nojotophoto
read moreRajputana royalty
Dekho hkm hmare hkm toh Sant mhola me bhi babal lgte Hai or gusse me bhi kmal lgte Hai Deepu Banna sa Rathore बन्नी सा के लाडले बन्ना कुंवर दीपेन्द्र सिंह राठौड़ 🙏
बन्नी सा के लाडले बन्ना कुंवर दीपेन्द्र सिंह राठौड़ 🙏
read morebharmalchoudhary7
राजस्थान की बणी-ठणी कला और संस्कृति के साथ न्यु सोन्ग बन्नी सा रे लाल बंगड़ी https://youtu.be/sc8pb0St3pk 👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻 #RAJASTHANI #Sadhi
read moreShUbBi
shubbi latest poem on you tube https://youtu.be/cZrelKLLqK4 पंचायत चुनाव 2019 पर गढ़वाली कविता ।।माँ सुरकण्डा प्रोडक्शन की एक नई प्रस्तुति।। ।।भण्डी ख़ांण कु जोगी बणी छो ।।
https://youtu.be/cZrelKLLqK4 पंचायत चुनाव 2019 पर गढ़वाली कविता ।।माँ सुरकण्डा प्रोडक्शन की एक नई प्रस्तुति।। ।।भण्डी ख़ांण कु जोगी बणी छो ।।
read moreDivyanshu Pathak
दिल की दीवार पर चित्र बनके छप गए। बे-वक़्त में जो घाव लगे सारे ढक गए। ये कौन है जो दीवारे-दिल पे दिखता है! तुम बणी-ठणी बनकर इसपे तक गए। क़रीने से की है तुमने इसपर मीनाकारी! मुनव्वत देख कर इसकी नैना ठग गए। कठिन शब्दार्थ बणी-ठणी - राजस्थान की मोनालिसा मीनाकारी- धातुओं से की गई बारीक़ छपाई मुनव्वत - कढ़ाई/जड़ाई दिल की दीवार पर चित्र बनके छप गए। बे-वक़्त में जो घाव लगे सारे ढक गए। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 ये कौन है जो दीवारे-दिल पे दिखता है! तुम बणी-ठणी बनकर इ
दिल की दीवार पर चित्र बनके छप गए। बे-वक़्त में जो घाव लगे सारे ढक गए। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 ये कौन है जो दीवारे-दिल पे दिखता है! तुम बणी-ठणी बनकर इ #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #दिलकीदीवार #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #KKC688 #पाठकपुराण
read moreअज्ञात
बारात में कैसे धीरे धीरे रौनक बढ़ रही है..आप खुद देखिये.. जहाँ एक तरफ नाच गानों की धूम है वहीं बीच बीच में बहनें बन्ना बन्नी गीत गा गा कर मा #कविता
read moreN S Yadav GoldMine
बूड्ढी बैट्ठी घर के बाहरणे छोरी पतासे बाट्टण आई। करले दादी मुह नैं मिट्ठा मेरी मां की कोथली आई। {Bolo Ji Radhey Radhey} बूड्ढी बोल्ली के खाउं बेट्टा, घर की बणी या चीज कोन्या। सारे त्योहार बाजारु होगे, ईब पहले आली तीज कोन्या। कोथली तो वा होवै थी जो म्हारे टैम पै आया करती। सारी चीज बणा कै घरनै मेरी मां भिजवाया करती। पांच सात सेर कोथली मैं, गुड़ की बणी सुहाली हो थी। गैल्या खांड के खुरमें हो थे, मट्ठी भी घर आली हो थी। सेर दो सेर जोवे हों थे, जो बैठ दोफारे तोड्या करती। पांच सात होती तीळ कोथली मैं, जो बेटी खातर जोड़्या करती। एक बढिया तील सासू की, सूट ननद का आया करता। मां बांध्या करती कोथली, मेरा भाई लेकै आया करता। हम ननद भाभी झूल्या करती, झूल घाल कै साम्मण की। घोट्या आली उड़ै चुंदड़ी, लहर उठै थी दाम्मण की। डोलै डोलै आवै था, भाई देख कै भाज्जी जाया करती। बोझ होवै था कोथली मैं, छोटी ननदी लिवाया करती। बैठ साळ मैं सासू मेरी, कोथली नैं खोल्या करती। बोझ कितना सै कोथली मैं, आंख्या ए आंख्या मैं तोल्या करती। फेर पीहर की बणी वे सुहाली, सारी गाल मैं बाट्या करती। सारी राज्जी होकै खावैं थी, कोए भी ना नाट्या करती। कोथली तो ईब भी आवै सै, गैल्या घेवर और मिठाई। पर मां के हाथ की कोथली सी, मिठास बेबे कितै ना पाई। सावन की कोथली और तीज की बधाई।🌳🌴🌳🌴🙏🙏 N S Yadav GoldMine 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 ©N S Yadav GoldMine #DiyaSalaai बूड्ढी बैट्ठी घर के बाहरणे छोरी पतासे बाट्टण आई। करले दादी मुह नैं मिट्ठा मेरी मां की कोथली आई। {Bolo Ji Radhey Radhey} बूड्ढी
#DiyaSalaai बूड्ढी बैट्ठी घर के बाहरणे छोरी पतासे बाट्टण आई। करले दादी मुह नैं मिट्ठा मेरी मां की कोथली आई। {Bolo Ji Radhey Radhey} बूड्ढी #समाज
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