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DR. LAVKESH GANDHI
जिंदगी की परीक्षा में हर कोई पास नहीं होता जिंदगी त्याग और समर्पण खोजती है जो हर किसी के पास नहीं होता #समर्पण# #समर्पण_भाव # #yqlifevalue #yqlifefeelings #
Abhay Bhadouriya
युद्ध का अपना इतिहास है तो प्रेम का भी अपना इतिहास है युद्ध का इतिहास परिणाम निर्मित है प्रेम का इतिहास समर्पण निर्मित है इसीलिए.. युद्ध में ' जीता' जा सकता है प्रेम में तो केवल 'हारा ' जा सकता है #युद्ध #प्रेम #प्रेम_पर_चिंतन #समर्पण #समर्पण_भाव #abhaybhadouriya
Shweta Duhan Deshwal
Anamika Nautiyal
प्रिय, कई बार तुमसे वह नहीं कह पाती जो , मैं कहना चाहती हूँ। टाल देती हूँ बातों को, विषय ही बदल देती हूँ बातचीत का । टूटता हुआ तारा हर कोई देखता है, मगर वह गुम होता है अंतरिक्ष के किसी छोर में जहाँ दुःखों का अवसान होता है । प्रिय, प्रेम का प्रथम सोपान है समर्पण! #अनाम_ख़्याल #अनाम_प्रेम #समर्पणप्रेम #प्रिये
Rishu
तुम भी रिशु हद करते हो,सच में कमाल करते हो, जो तेरे वश में ही नहीं, उसका क्या मलाल करते हो छोड़ दो नियंत्रण परिस्थितियों पर से तुम सदा के लिए, "क्या बनेगा,कैसे होगा",क्यों ये सब सवाल करते हो बहने दो वक्त के बहाव को,साथ में बहना सीख लो तुम, इस हद के 'मैं मेरे' के चक्कर मे क्यों इतना बवाल करते हो, अरे बुद्धु समर्पण के बिना सफलता न मिले इस मार्ग में, क्यों इतनी चिंता लेकर जिंदगी को यूहीं हलाल करते हो #yqbhaijan #yqdidi #समर्पण_भाव #चिंता_व्यर्थ_है #मैं_और_मेरा
ललित कुमार कश्यप
स्त्री और पुरुष एक साथ रह रहे हैं और उनके बीच विचारों में विषमता है लेकिन फिर भी रिश्ता सदियों से चला आ रहा है तो समझ लीजिए के समर्पण ने अपनी कहीं ना कहीं जगह बना कर रखी ललित कश्यप # समर्पण
Pooja Rana
हैं सब श्रृंगार तुम्हारी खातिर यौवन उपहार तुम्हारी खातिर निज अथरो पे बस ये सवाल तुमसे मिलने का है ख्य़ाल कब से बैठे दिल को सँभाल आँखों से करते हो कमाल तो अश्रुधार तुम्हारी खातिर शब़-ए-इंतज़ार तुम्हारी खातिर ~ पूजा राणा # समर्पण
Ashish 9917374450
आज मिलेगा मोका उसकी जुल्फे सवारने का मेरे सनम आज दोनो हाथो मे मेहन्दी लगाए बैठे है समर्पण
Deepak Sharma
तुम्हें जगाने से पहले **************** हे! सूर्य देव तुमको जगाऊँ और तुम अपनी विशाल नेत्रों में भर लाओ लाल ताम्र कलश उससे पहले भर लाऊं जल कलश कहीं दूर से तुम्हैं निद्रा से जगाने पर तुम्हारा तमतमाया चेहरा कुछ शीतल हो जाये इसलिए तुमको जल चढ़ाऊँगी तब ही तुमको जगाऊँगी.... हे! देव तुम जग ज्योति हो पूरी सृष्टि में प्रकाश भरते हो तुमको नहीं दिखाते है कूर्चा कहते है अपशकुन होता है इसलिए तुम्हें जगाने से पहले बुहारूँगी घर आंगन, कोना कोना जहाँ तुम पसार सको अपनी नरम नरम किरणें तब ही तुमको जगाऊंगी हे! देव तुम्हें जगाऊँ तुमको पूजूँ, जल चढ़ाऊँ उससे भी पहले करूँगी स्वम् स्नान व श्रृंगार कहते है बासी मुख लेकर नहीं जाना चाहिए पति के पास सूखने लगती है प्रेम की धाराएं इसलिए रूपसी बनकर चूल्हा सुलगाकर बनाउंगी गरम गरम चाय और ताजगी भरूँगी मनाऊंगी उनको वे है प्रणाधार देव तब ही तुमको जगाऊंगी... तुम्हारे जागते ही संसार लेने लगेगा गति घर आंगन में बढ़ जाएंगी कुटुंब की जरूरते मुझे रहना होगा तत्पर इसलिए तुम्हें जगाने से पहले कर लूँ कलेवे की तैयारी यह भी तो मेरी है जिम्मेदारी देव तब ही तुम्हें जगाऊंगी हे! सूर्य देव अब जागो अपने तेज पूर्ण नेत्र खोलो फैलाएं अपना आँचल करती हूं आवाहन करूँ कर जोड वंदन स्वीकारो अर्घ की धारा जग कुटुंब हेतु नन्हीं प्रार्थना भरना प्रकाश हर कलुषित मन में मिटा देना अंधकार घर घर में उठो देव अब जागो प्रभा आई जागो हे! देव जागो....... @सर्वाधिकार सुरक्षित © Deepak Sharma #समर्पण