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Anamika Nautiyal
आख़िरी ख़त बहुत दिनों बाद बहुत कुछ कल ही यह बेहद अप्रत्याशित सूचना प्राप्त हुई और न केवल अप्रत्याशित बल्कि बहुत मनहूस भी। शायद ही हम में से कभी किसी ने यह कल्पना की होगी कि हमें कभी एक आखरी कोट यहां पर लिखना होगा yq से मैं भले ही बहुत समय से दूर हूं पर यह कभी भी मुझसे दूर नहीं हो पाया। मेरे भीतर एक हिस्से के रूप में बना रहा और जब मुझे यह पता चला कि अब यह केवल आख़िरी मौका होगा इस प्लेटफार्म पर लिखने का अपने विचारों को व्यक्त करने का तो मैंने इतने दिनों से अपने भीतर के आलस को तोड़कर उस भावना पर विजय पा ली
Anamika Nautiyal
उपन्यास विश्वासघात लेखिका मीनाक्षी शुक्ला उपलब्धता :- योरकोट, प्रतिलिपि बिहार की पृष्ठ भूमि पर लिखा गया यह उपन्यास बिहार से होते हुए आपको दिल्ली जैसे महानगर कोलकाता तमिलनाडु सब जगह की सैर कराता है...और आप इन शहरों में ही नहीं उपन्यास के हर भाग को पढ़ने के बाद अपने आसपास और अपने परिवेश से गुजरने लगते हैं... उपन्यास की कहानी 2 महिलाओं के जीवन पर चलती है पहले कौशल्या और फिर उसकी बेटी जानकी...जानकी मुख्य किरदार है जिसमें स्वाभिमान कूट कूट कर भरा हुआ है आमतौर पर कहानियों की नायिका की तरह वह दिख
Anamika Nautiyal
जंगली फूल... प्रकृति की माया से जंगलों की छोटी-छोटी झाड़ियों, झुरमुटों में अनायास ही खिल आते हैं नन्हे से जंगली फूल। प्रकृति केवल इन्हें जन्म देती है अपने जीवन का की यात्रा ये स्वयं तय करते हैं।
Anamika Nautiyal
सुनो अनाम, तुम्हें महिला दिवस की शुभकामनाएं। हाँ जानती हूँ देर हो चुकी है अब इसमें भी क्या पछताना तुम्हारा तो नया साल भी देरी से ही शुरू हुआ था...हर काम में लेटलतीफी तुम्हारे व्यक्तित्व की पहचान बनी हुई है..सच में कल बिल्कुल समय नहीं था तुम्हारे लिए अपने लिए।अच्छा हम आज महिला दिवस मना ले क्या? अब यह बिल्कुल ना सोचना कि यह लड़की बावरी है सो तो मैं जन्म से ही हूँ शायद। पूरी दुनिया नौवें महीने में पैदा होती है और मैं इतनी आलसी के दसवें महीने में मन हुआ बाहर आने का यह दुनिया देखने का..बहुत कुछ है तुम्हें कहने को,तुमने मुझे जो दिया वह कोई नहीं मुझे दे पाया मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं हर परिस्थिति में तुम वैसी ही रही जैसा एक स्त्री को रहना चाहिए...सुनो आगे भी वैसे ही बने रहना जैसा तुम चाहती हो बिल्कुल पागल सी तुम पर यह पागलपन फबता है । अच्छा जो भी दुनिया महिला दिवस के दिन करती है वह तुम हर रोज़ करना....हैप्पी विमेंस डे अनाम! हैप्पी लेडीज डे !😌 #अनाम_ख़्याल #पागल_लड़की 😅 #lettersforप्रिय #womansday
Anamika Nautiyal
चाँद की बातें... सुनो चाँद तुम खुद पर इतना क्यों इतराते हो ? किस कहानी का नायक तुम खुद को बताते हो? क्या रहस्य है चेहरे पर सजी हुई मुस्कान का? जानूँ क्या क्या भेद है तुम्हारे इस अभिमान का? क्या है बात वह जो तुम्हें विशिष्ट बनाती है? क्यों ये सारी दुनिया तुम्हारे ही गुण गाती है ?
Anamika Nautiyal
हमारी बचकानी ख्वाहिशों के बोझ तले आकर हर बार रविवार मर जाता है कितनों का बोझ लिए है यह रविवार भी अपना सा है अधूरी कहानियां अधूरी कविताएं सब रविवार को ही ताकती रहती हैं और तुमसे मिलने की ख्वाहिश उसका भी तो रविवार ही दिन है बुक्शेल्फ की दराजों से आती खुशबू मुझे अपनी और आकर्षित करती रहती है और मैं उस खुशबू को भी रविवार को ही आने को कहती हूँ कुर्सी पर पड़े कपड़ों के ढेर मेज के नीचे से झाँकती धूल रविवार का इंतज़ार कर रही है और गमले के फूल वह भी इस आस में खिले हुए हैं कि उन पर नेह वर्षा अवश्य होगी वह मेरी प्रतीक्षा कर कर के कुम्हला गए हैं बस अब जीवन के अंति
Anamika Nautiyal
डियर पिंपल... माय डियर पिंपल, तुम इस बार भी बिन बताए आ गए और तुम्हारी आवभगत मैं हमेशा की तरह ही एंटी पिंपल फेस वॉश और एंटी पिंपल क्रीम से कर रही हूँ... और तुम आते भी तो अकेले नहीं हो अपने साथ साथ अपने दोस्त ब्लैकहेड्स, रेड रैशेज ,पस ,स्पॉट्स और पता नहीं क्या क्या ले आते हो ।तुम ना मेरे मुसीबतों के साथी हो "उन दिनों के दर्द " के साथ तुम्हारा आना भी शुरू हो जाता है..तुम्हें पता है 'डियर' क्यों कहा मैंने डियर माने प्यारा/प्रिय और तुम जो मेरे साथ हमेशा रहते हो तुमसे प्यारा भी भला क
Anamika Nautiyal
अंतर्द्वंद्व थोड़ी कल्पना थोड़ी हक़ीक़त (मरे लोग) #अनाम_ख़्याल #अनाम_अंतर्द्वंद्व #अंतर्द्वंद५ #pc_byअनाम #मरे_लोग #negativethinking
Anamika Nautiyal
हर पुरुष के गर्भ में पलता है पिता का वात्सल्य वैसे ही जैसे हर महिला महसूस कर पाती है ममता को बगैर माँ बने पुरुष के भीतर भी पिता की भावना पलती है
Anamika Nautiyal
जीव विज्ञानियों ने हृदय की स्थिति के विषय में जो धारणा बनाई है मेरे ख़्याल से उसे गलत करार दिया जाना चाहिए... क्योकि उसने जब मेरी हथेलियों को स्पर्श किया तो मेरे हाथों में भी हृदय उग आया था अँगुलियाँ स्पंदन कर रही थी और सारा हाथ हृदय बन गया था उसके और मेरे हाथों से प्रेम का दो आत्माओं के मध्य संचार हो रहा था। इसीलिए कहते हैं हृदय का आकार बंद मुठ्ठी के जैसा है। #अनाम_ख़्याल 😐 #रात्रिख़्याल 😴 #हाथों_में_हृदय